Pitru Paksh 2022: पितृ पक्ष में कब-कौन कर सकता है पितरों का तर्पण, जानें नियम
Pitru Paksha 2022: 10 सितंबर 2022 से पितृ पक्ष शुरू हो रहे है. पितृपक्ष में विधिवत पूर्वजों का श्राद्ध किया जाए तो घर में खुशहाली आती है. जानते हैं कौन, कब कर सकता है तर्पण और श्राद्ध कर्म.
Pitru Paksha 2022, Rules: 10 सितंबर 2022 से पितृ पक्ष शुरू होकर समापन सर्व पितृ विसर्जनी अमावस्या के दिन यानी की 26 सितंबर 2022 (Sarva Pitru amavasya 2022 date) को होगा. कहते हैं श्राद्ध पक्ष में पितर धरती पर आते हैं. इस दौरान तर्पण, पिंडदान करने से उन्हें शांति मिलती है. पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए ये समय बहुत लाभकारी होता है. पितृपक्ष में विधिवत पूर्वजों का श्राद्ध किया जाए तो घर में खुशहाली आती है. धन में बढ़ोत्तरी होती है. आइए जानते हैं पितरों की तृप्ति के लिए कौन, कब कर सकता है तर्पण और श्राद्ध कर्म.
पितृ पक्ष में कौन कर सकता है श्राद्ध ? (Who can do Shradh in Pitru paksh)
- पिता का पिण्ड दान और जल-तर्पण पुत्र को करना चाहिए. अगर पुत्र न हो तो पोता या पत्नी और पत्नी न हो तो भाई- भतीजे भी श्राद्ध कर सकते हैं.
- शास्त्रों के अनुसार पितरों के निमित्त तर्पण करने का पहला अधिकार बड़े पुत्र का होता है
- मार्कण्डेय पुराण के अनुसार अगर किसी व्यक्ति का पुत्र न हो तो उसकी बेटी का बेटा यानी की उसका नवासा भी तर्पण कर सकता है.
- बेटा न हो तो सास-ससूर का पिंडदान बहू भी कर सकती है. उसी तरह ससुर का श्राद्ध दामाद भी तब कर सकता है जब उनका कोई पुत्र न हो.
- बेटी की शादी न हुई हो तो उसे भी अपने माता पिता का श्राद्ध करने का अधिकार है.
- कुल का कोई सदस्य न बचा हो तो ऐसे हालात में उनका तर्पण कुल के पुरोहित भी कर सकते हैं.
श्राद्ध करने के नियम (Shradh Rules in Pitru paksh)
- शास्त्रों के अनुसार कुतप वेला में पितरों का पिंड दान करना चाहिए. तर्पण करते वक्त कुशा और काले तिल का उपयोग जरूर करें.
- जनेऊ धारण करने वाले जल तर्पण करते वक्त यज्ञोपवीत को बाएं की बजाय दाएं कंधे पर रखें. श्राद्ध कर्म में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित है.
- पितृपक्ष में सात्विक भोजन करें. ध्यान रहे इन 16 दिन में घर में लड़ाई-झगड़ा, कलह न हो. ऐसा करने से तर्पण सफल नहीं माना जाता
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