Pitru Paksha 2020: पंचांग के अनुसार 3 सितंबर 2020 से अश्विनी मास भी शुरू हो रहा है. कृष्ण पक्ष लग चुका है. इस दिन प्रतिपदा की तिथि है और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र रहेगा. मान्यता है कि आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की पूर्णिमा तिथि से अमावस्या तक पूर्वजों का तर्पण किया जाता है. 3 सितंबर को बृहस्पतिवार को पितृ पक्ष का इस दिन द्वितीय श्राद्ध है. इस दिन उस व्यक्ति का श्राद्ध करने का विधान है जिसकी मृत्यु द्वितीय तिथि के दिन होती है.


पितृ पक्ष का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पितृ पक्ष में पूर्वज पृथ्वी का भ्रमण करते हैं और किसी न किसी रूप में परिजनों के समीप आते हैं. इसीलिए पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म करने का विशेष महत्व माना गया है. पितृ पक्ष में किसी का भी अनादर नहीं करना चाहिए. क्योंकि पूर्वज किसी भी रूप में आ सकते हैं.


द्वितीय श्राद्ध की विधि
द्वितीय श्राद्ध को प्रतिपदा श्राद्व भी कहते हैं. द्वितीय श्राद्ध में दक्षिण दिशा में दक्षिणमुखी बैठकर पूजा करनी चाहिए. पूजा स्थान पर पितरों की तस्वीर रखनी चाहिए और उनका स्मरण करना चाहिए. पितरों की तस्वीर के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं. पुष्प और मिष्ठान चढ़ाएं. पूजा में सरसों के तेल में बने पकवान अर्पित करें. श्राद्ध में चढ़े भोग में से पहले गाय, काले कुत्ते और कौए के लिए भोजन निकाल कर खिलाएं. पूजा पूर्ण होने के बाद दान करें.


इन बातों का ध्यान रखें
पितृ पक्ष में कुछ चीजों से परहेज करना चाहिए. पितृ पक्ष में चना, मसूर, बैंगन, हींग, शलजम और लहसुन-प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए. कला नमक का सेवन वर्जित माना गया है. मांस-मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए.


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