Pitru Paksha 2021: श्राद्ध के दिनों में पूर्वज पितर धरती पर अपने वंशजों के बीच आते हैं. इस दौरान संतान भी अपने सामर्थ्य अनुसार श्राद्ध कर्म, तर्पण और दान आदि करके उनकी आत्मा को तृप्त करते हैं. ऐसे में पितर प्रसन्न होकर अपने वंशजों को आर्शीवाद देते हैं. लेकिन इन सबके अलावा एक ऐसा कार्य और है जिसे करने से पितर प्रसन्न होते हैं. शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष में पितर की पुण्य तिथि पर अगर इन वृक्षों का रोपण किया जाए, तो पितर प्रसन्न होकर उनकी सारी इच्छाएं पूरी कर देते हैं. जानें पितृ पक्ष में कौन-कौन से पौधे लगाना उचित रहता है. 


Plant These Tree in Pitru Paksha/ Sharadh (पितृपक्ष में लगाएं ये पौधे)


- कहते हैं पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है. इसलिए उसे देव वृक्ष भी कहा जाता है. मान्यता यह भी है कि इन पीपल के वृक्षों पर पितरों का भी वास होता है और यहीं से सूक्ष्म रुप में पितर श्राद्ध तिथियों पर आते हैं. पितृ पक्ष में पितरों के निमित्त निकाले गए अन्न को ग्रहण करके वायु के रूप में वापस पीपल के वृक्ष पर चले जाते हैं. इसलिए कहा जाता है कि श्राद्ध तिथि पर किसी मंदिर या अन्य पवित्र स्थान पर पीपल का वृक्ष लगाना चाहिए. पीपल के पेड़ की आयु सैंकड़ों वर्षों तक होती है, इसलिए चिरकाल तक पितरों का आर्शीवाद अपनी संतानों को मिलता रहता है, जिससे वे जीवन में हमेशा तरक्की करते हैं. 


- पितृपक्ष में पीपल के पेड़ के अलावा बरगद, तुलसी, आम, कुशा, चिचड़ा, खैर, मदार, पलाश, जामुन का पौधा लगाने से पितर प्रसन्न होते हैं. धार्मिक मान्यता है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद अगर उसके सारे क्रियाकर्म पीपल के वृक्ष के नीचे किए जाएं, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. वहीं, तर्पण में तुलसी के प्रयोग से पितर संतुष्ट होते हैं.


- श्राद्ध में पिंडदान कर्म करने के बाद पीपल, बरगद और आम का पौधा जरूर लगाना चाहिए. क्योंकि इस पौधे को लगाने के बाद सब उन्हें जल दिया जाता है, तो उस जल का भाग पितरों को सीधे मिल जाता है, जिससे वे तृप्त हो जाते हैं. इसलिए पितरों की याद में इनमें से किसी एक पौधे का रोपण जरूर करना चाहिए. अगर संभव हो तो घर के छोटे बच्चे से रोपण कराना चाहिए.  


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