Pitra Dosh In Kundali: कुंडली में पितृ दोष (Pitra Dosh In Kundali) होने से व्यक्ति का जीवन परेशानियों से भरा हुआ रहता है. कहते हैं कि जिस व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष होता है वह हमेशा किसी न किसी वजह से परेशान रहता है. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पितृ दोष को सबसे बड़ा और खतरनाक दोष माना गया है. जीवन में व्यक्ति को कई उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं. जिस व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष होता है उसे जीवन में किसी काम में सफलता नहीं मिलती. कई तरह के मानसिक तनाव झेलने पड़ते हैं लेकिन ऐसा कोई दोष नहीं होता, जिसका कोई समाधान न हो. ज्योतिषशास्त्र में पितृदोष को लेकर कई उपाय (Pitra Dosh Upay) बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर पितृ दोष के प्रभावों से छुटकारा पा सकते हैं.
कुडंली में कब होता है पितृ दोष
ज्योतिषिचार्यों के अनुसार कुंडली में दूसरे, चौथे, पांचवें, सातवें, नौवें और दसवें भाव में सूर्य राहु या सूर्य शनि की युति बनने पर पितृ दोष लगता है. सूर्य के तुला राशि में रहने या राहु, शनि के साथ युति होने पर पितृ दोष का प्रभाव बढ़ जाता है. वहीं लग्नेश का छठे, आठवें, बारहवें भाव में होने और लग्न में राहु के होने पर भी कुंडली में पितृ दोष लगता है.
पितृ दोष के उपाय (Pitra Dosh Remedies)
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है तो उस व्यक्ति को प्रतिदिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने से सभी तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है.
हनुमान चालीसा पाठ (Hanuman Chalisa Path)
हनुमान चालीसा का पाठ नियमित रूप से करने से कुंडली में मौजूद सभी दोष दूर हो जाते हैं. एक से ज्यादा बार हनुमान चालीसा का पाठ करें. नियमित रूप से हनुमान चालासी का पाठ करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
बजरंग बाण का पाठ (Bajrang Baan Path)
मान्यता है कि बजरंग बाण का पाठ करने से सभी तरह के दुख, दर्द भय को दूर किया जा सकता है, इसलिए नियमित रूप से बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए.
भगवान राम-माता सीता का संकीर्तन करें (Bhagwan Ram and Mata Sita Sankirtan)
हनुमान जी को प्रसन्न करने का सबसे सरल और उत्तम उपाय है भगवान राम और माता सीता का संकीर्तन करना चाहिए. जहां, भगवान राम का संकीर्तन होता है वहां हनुमान उपस्थित होते हैं. कहते हैं कि राम के नाम का संकीर्तन करने से जीवन के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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