Pitru Paksha 2022 Plants: पितृ पक्ष की शुरुआत 10 सितंबर 202 से हुई थी. अब षष्ठी तिथि का श्राद्ध 15 सितंबर 2022 को किया जाएगा. श्राद्ध पक्ष में पितरों की संतुष्टि के लिए तर्पण, पिंडदान के अलावा कुछ विशेष पेड़ों की पूजा का भी विधान है. हिंदू धर्म में वृक्षों को पूजनीय माना जाता है. कहते हैं पितरों को प्रसन्न करने का सबसे सरल तरीका होता है इस अवधि में पौधे लगना,उनकी सेवा और पूजा करना. मान्यता है इससे हर कार्य में सफलता मिलती है, आकस्मिक धन के योग बनते हैं और कभी दरिद्रता का वास नहीं होता. आइए जानते हैं श्राद्ध पक्ष में किन पेड़ों की पूजा से पितरों का शुभ आशीष मिलता है.


पितृ पक्ष षष्ठी श्राद्ध 2022 मुहूर्त


अश्विन कृष्ण षष्ठी तिथि आरंभ - 15 सितम्बर 2022, सुबह 11 बजे


अश्विन कृष्ण षष्ठी तिथि समाप्त - 16 सितम्बर 2022, दोपहर 12 बजकर 19


कुतुप मुहूर्त - सुबह 11.57 - दोपहर 12.57 (15 सितंबर 2022)


पितृ पक्ष में किन पेड़ों की पूजा करें


बरगद



  • बरगद के पेड़ को अक्षयवट भी कहा जाता है. पितृ पक्ष में बरगद की पूजा करने से पितरों को शांति मिलती है. बरगद का पेड़ देवतुल्य है, मान्यता है कि इसमें साक्षात भगवान भोलेनाथ का वास होता है.

  • श्राद्ध पक्ष में जल में काले तिल मिलाकर बरगद के पेड़ को अर्पित करने से पितरों की आत्मा तप्त होती है. पितरों की मुक्ति के लिए श्राद्ध पक्ष काल में रोजाना इसके नीचे बैठकर शिव जी की पूजा करनी चाहिए.


पीपल



  • हिंदू धर्म में पीपल को अत्याधिक पवित्र माना गया है. पूजा-पाठ और महत्वपूर्ण व्रत में पीपल की पूजा करने से सुख- समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. मान्यता है कि भगवान विष्णु स्वंय पीपल के पेड़ में निवास करते हैं.

  • शनि दोष, पितृ दोष से मुक्ति के लिए पीपल की उपासना बहुत लाभकारी होती है. पीपल में पितरों का स्थान माना गया है. श्राद्ध पक्ष में पूर्वजों की मृत्यु तिथि पर श्राद्ध कर्म के बाद पीपल में जल अर्पित करने से उनकी आत्मा संतुष्ट होती है.

  • पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए इस अवधि में रोजाना जल में दूध मिलाकर दोपहर में पीपल पर चढ़ाएं और शाम के समय सरसों के तेल का दीपक लगाकर पितृ सूक्त का पाठ करें. इससे पितृ दोष का प्रभाव कम हो जाएगा. ये उपाय हर अमावस्या पर करें.


बेल



  • कहते हैं बेल में शंकर जी और मां लक्ष्मी का वास होता है. मान्यता है कि जिन परिजनों की अकाल मृत्यु हो जाती है, उनके परिवार वालों को श्राद्ध पक्ष में बेल वक्ष की पूजा करनी चाहिए इससे पूर्वजों की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है.

  • बेल का पौधा लगाने और उसकी सेवा करने से पितर प्रसन्न होते हैं. मान्यता है इससे जातक को संतान से संबंधित परेशानी, विवाह में आ रही बाधाएं, आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ता.

  • श्राद्ध पक्ष में बेलपत्र के पेड़ में प्रात: काल जल में गंगाजल मिलाकर चढ़ाना शुभ होता है. इसका पौधा सोमवार को लगाना उत्तम माना गया है.


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