Pitru Paksha 2022: 23 सितंबर को है त्रयोदशी, इस दिन किन लोगों का किया जाता है श्राद्ध? जानें नियम
Pitru Paksha 2022: त्रयोदशी श्राद्ध 23 सितंबर 2022 को किया जाएगा. इस दिन स्वर्गवासी बच्चों का श्राद्ध करना उत्तम होता है, लेकिन बच्चों के श्राद्ध करने के नियम अलग हैं.
Pitru Paksha 2022 Trayodashi shradha: पितृ पक्ष में त्रयोदशी श्राद्ध 23 सितंबर 2022 को किया जाएगा. त्रयोदशी तिथि के दिन परिवार के स्वर्गवासी बच्चों का श्राद्ध करना उत्तम होता है. आमतौर पर श्राद्ध मृत्यु तिथि पर ही किया जाना चाहिए लेकिन अगर तिथि ज्ञात न हो तो त्रयोदशी के दिन विधि विधान से तर्पण, पिंडदान करने बच्चों की मृतात्मा तृप्त होती है. बच्चों का श्राद्ध कर्म करने के कुछ नियम है. धर्म ग्रंथों में बालक-बालिकाओं के श्राद्ध करने की प्रक्रिया और नियम अलग-अलग हैं. आइए जानते हैं.
पितृ पक्ष त्रयोदशी श्राद्ध 2022
हिंदू पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष अश्विन त्रयोदशी तिथि 23 अक्टूबर 2022 को सुबह 01 बजकर 17 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन 24 अक्टूबर 2022 को सुबह 02 बजकर 30 मिनट तक रहेगा.
- कुतुप मूहूर्त - सुबह 11:55 - दोपहर 12:43
- रौहिण मूहूर्त - दोपहर 12:43- दोपहर 01:32
- अपराह्न काल - दोपहर 01:32 - दोपहर 03:57
बच्चों का श्राद्ध करने के नियम
- धर्म ग्रंथों के अनुसार जिन बालक-बालिका का उम्र 2 साल या उससे कम होती है उनका श्राद्ध नहीं किया जाता है. इस बच्चों की वार्षिक तिथि करने का भी विधान नहीं है.
- धार्मिक मान्यता के अनुसार 2 से 6 साल के बालक और कन्या का श्राद्ध भी नहीं होता. इनकी मृत्यु के बाद मलिन षोडशी क्रिया की जाती है. मृत्यु से लेकर अंतिम संस्कार तक की क्रिया को मलिन षोडशी कहा जाता है.
- छह साल से अधिक उम्र के बालक का श्राद्ध पूरे विधि विधान के साथ करना चाहिए. इसके लिए पितृ पक्ष में त्रयोदशी तिथि उत्तम मानी गई है. बालिका की दस साल से ज्यादा की उम्र में श्राद्ध प्रक्रिया होती है.
- वहीं किशोर हो चुके अविवाहितों का श्राद्ध पितृ पक्ष की पंचमी के दिन करना उत्तम रहता है. इसे कुंवारा पंचमी भी कहते हैं.
सर्व पितृ अमावस्या 2022
16 श्राद्ध में सर्व पितृ अमावस्या का बहुत महत्व है इस दिन पितरों की विदाई होती है. कहते हैं अगरे पितृ पक्ष में पूर्वजों, बच्चों, अविवाहितों, महिलाओं का श्राद्ध न कर पाएं हों तो महालया अमावस्या यानी की सर्व पितृ अमावस्या के दिन भी इनका श्राद्ध किया जा सकता है. इस दिन दान दक्षिणा, ब्रह्मण भोजन कराने से पितर बेहद प्रसन्न होते हैं. इस साल सर्व पितृ अमावस्या 25 सितंबर 2022 को है.
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