Pitru Paksha 2023: कितने तरह के होते हैं श्राद्ध ? मृत्यु तिथि याद न हो तो इस दिन करें तर्पण
Pitru Paksha 2023: श्राद्ध पक्ष समाप्त होने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. अगर आप पितरों की मृत्यु तिथि पर या किसी कारण से श्राद्ध न कर पाएं हो तो 14 अक्टूबर को समस्त पूर्वजों का श्राद्ध करें.
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Pitru Paksha 2023: पितृ ऋण को उतारने के लिए श्राद्ध को सबसे उत्तम साधन बताया गया है. आर्थिक सुख, वैवाहिक सुख, वंश वृद्धि के लिए पितरों की आराधना ही एकमात्र उपाय है.
पितृ पक्ष के 16 दिनों में हमारे मृत पूर्वज हमारे आस -पास उपस्थित होते हैं और परिजन से तर्पण की उम्मीद करते हैं. जल से ही पितरों की आत्मा को शांति और मुक्ति मिलती है. श्राद्ध भी कई तरह के होते हैं. अगर आपको पितरों की मृत्यु तिथि याद न हो तो कब पूर्वजों का श्राद्ध करें, आइए जानते हैं.
कितने तरह के होते हैं श्राद्ध (Typaes of Shradh)
- नित्य श्राद्ध - कोई भी व्यक्ति अन्न, जल, दूध, कुशा, पुष्प व फल से प्रतिदिन श्राद्धकरके अपने पितरों को प्रसन्न कर सकता है.
- नैमित्तक श्राद्ध - यह श्राद्ध खास अवसर पर किया जाता है. इसमें विश्वदेवा की पूजा नहीं की जाती है, केवल मात्र एक पिण्डदान दिया जाता है. जैसे- पिता आदि की मृत्यु तिथि के दिन किया जाता है. इसे एकोदिष्ट कहा जाता है.
- सपिंडन श्राद्ध- मृत व्यक्ति के 12वें दिन आत्मा को प्रेत से पितर में ले जाने की प्रक्रिया को सपिण्डन कहा जाता है.
- काम्य श्राद्ध - किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए किया जाता है. अमूमन लोग इस श्राद्ध को मोक्ष, संतान प्राप्ति, धन आदि के लिए करते हैं.
- वृद्ध श्राद्धः विवाह, उत्सव आदि अवसरों पर वृद्धों के आशीर्वाद लेने के लिए किए जाने वाला श्राद्ध वृद्ध श्राद्ध कहलाता है.
- पार्वण श्राद्धः किसी पर्व जैसे पितृ पक्ष, अमावस्या या पितरों को मृत्यु की तिथि आदि पर किया जाने वाला श्राद्ध पार्वण श्राद्ध कहलाता है. इसमें दो विश्वदेवा की पूजा होती है.
- गोष्ठी श्राद्धः गोष्ठी अर्थ समूह होता है, इसलिए यह श्राद्ध सामूहिक रूप से किए जाते हैं. जिसमें परिवार के सभी लोग एकत्र हों.
- कर्मांग श्राद्ध - इस श्राद्ध को सनातन परंपरा में किए जाने वाले 16 संस्कारों के दौरान किया जाता है.
- दैविक श्राद्ध - देवताओं को प्रसन्न करने के उद्देश्य से जो श्राद्ध किया जाता है उसे दैविक श्राद्ध कहा जाता है. इसे करने से अन्न-धन्न की कमी नहीं होती है
- शुद्धयर्थ श्राद्ध - परिवार की शुद्धि के लिए ये श्राद्ध किया जाता है.
- तीर्थ श्राद्ध- तीर्थ में जाने के उद्देश्य से या देशांतर जाने के उद्देश्य से ये श्राद्ध किया जाता है.
- पुष्टयर्थ श्राद्ध - शारीरिक और आर्थिक उन्नति के लिए ये श्राद्ध किया जाता है. त्रयोदशी तिथि, मघा नक्षत्र, वर्षा ऋतु और पितृ पक्ष में ये श्राद्ध करना उत्तम है.
मृत्यु तिथि याद न हो तो इस दिन करें श्राद्ध (Sarva Pitru Amavasya 2023)
पितृ पक्ष में मृत्यु तिथि पर श्राद्ध करने से पूर्वज बेहद प्रसन्न होते हैं लेकिन अगर तिथि याद न हो तो सर्व पिृत अमावस्या पर सभी पूर्वजों का श्राद्ध किया जा सकता है. इस साल सर्वपितृ अमावस्या 14 अक्टूबर 2023 को है.
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