Guru Pradosh Vrat 2021: हिंदू धर्म में भोलेशंकर को बहुत ही दयालु और कृपालु भगवान कहा जाता है. कहते हैं कि भगवान शिव भक्तों की भक्ति से बहुत ही जल्द प्रसन्न हो जाते हैं. हर माह पड़ने वाले प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि भोलशंकर को अत्यंत प्रिय है. इसलिए उन्हें शीघ्र प्रसन्न करने के लिए भक्त प्रदोष व्रत रखते हैं. हर माह की त्रयोदशी के दिन भगवान शिव की कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत रखा जाता है. मार्गशीर्ष माह में पहला प्रदोष व्रत 2 दिसंबर, गुरुवार के दिन पड़ रहा है. गुरुवार के दिन होने के कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाएगा. इस दिन भगवान शिव के साथ विष्णु भगवान की कृपा भी पाई जा सकती है.
मान्यता है कि त्रयोदशी के दिन भोलेशंकर के लिए प्रदोष व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. इतना ही नहीं, शिव जी प्रसन्न होकर मनोकामना पूर्ति का वरदान देते हैं. इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत् तरीके से पूजा करने भोलेशंकर की कृपा प्राप्त होती है. आइए जानते है मार्गशीर्ष माह में पड़ने वाले प्रदोष व्रत की तिथि, पूजन मुहू्र्त और महत्व के बारे में.
गुरु प्रदोष व्रत तिथि 2021 (Guru Pradosh Vrat Tithi 2021)
मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 2 दिसंबर, बृहस्पतिवार को है.
गुरू प्रदोष व्रत तिथि प्रारम्भ - 02 दिसंबर, प्रातः 02 बजकर 05 मिनट से शुरू होकर
गुरू प्रदोष व्रत तिथि समाप्त - 02 दिसंबर, रात्रि 10 बजकर 56 मिनट पर समापन होगा.
प्रदोष व्रत का पूजा मुहूर्त (Pradosh Vrat Puja Muhurat 2021)
मान्यता है कि भौम प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में ही करना शुभ होता है. 2 दिसंबर, गुरुवार के दिन पड़ रहे प्रदोष व्रत की पूजा का सही समय शाम 7 बजकर 19 मिनट से लेकर 9 बजकर 17 मिनट तक है.
प्रदोष का महत्व (Bhaum Pradosh Vrat Importance)
मान्यता के अनुसार प्रदोष व्रत से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं. प्रदोष व्रतो श्रद्धापूर्वक और नियमपूर्वक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी कष्टों का नाश कर उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. इस दिन पूजा-अर्चना और व्रत का विशेष महत्व है. कहते हैं कि प्रदोष व्रत के दिन व्रत और पूजा आदि के साथ मंत्र जाप और आरती करने से मनचाहा वर मिलता है. कहते हैं कि प्रदोष व्रत में गंगाजल और सामान्य जल के साथ दूध भगवान शिव पर चढ़ाया जाना शुभ फलदायी माना जाता है.
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