Pradosh Vrat 2021: मार्च के दूसरे प्रदोष व्रत के दिन ऐसे सजाएं पूजा की थाली, नोट कर लें व्रत नियम
Pradosh Vrat March 2021: प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा की जाती है. प्रदोष व्रत से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को आर्शीवाद प्रदान करते हैं. प्रदोष व्रत की पूजा विधि के बारे में आइए जानते हैं.
Pradosh Vrat 2021: पंचांग के अनुसार मार्च माह का दूसरा प्रदोष व्रत 26 मार्च शुक्रवार को फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी की तिथि को मनाया जाएगा. हिंदू पंचांग के मुताबिक प्रदोष व्रत हर महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है. प्रदोष व्रत शिव भक्तों का प्रिय व्रत है. इस दिन शिव भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं. भगवान शिव सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं.
प्रदोष व्रत में शिव परिवार की पूजा प्रदोष व्रत में भगवान शिव के साथ साथ शिव परिवार की पूजा करने से भी विशेष पुण्य प्राप्त होता है. प्रदोष व्रत में माता पार्वती और भगवान गणेश जी की भी पूजा की जाती है.
प्रदोष व्रत की पूजा विधि प्रदोष व्रत में विधि का विशेष ध्यान रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद आरंभ होता है. पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि का आरंभ 26 मार्च को प्रात: 08 बजकर 21 मिनट और तिथि का समापन 27 मार्च को प्रात: 06 बजकर 11 मिनट पर होगा. इस दिन शिव मंदिर में भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है और भगवान शिव को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाते हैं. इस दिन शिव आरती और शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए. व्रत को समाप्त करने के बाद ही इस दिन भोजन ग्रहण करना चाहिए.
प्रदोष व्रत का समय 26 मार्च को शाम 06 बजकर 36 मिनट से रात्रि 08 बजकर 56 मिनट तक
प्रदोष व्रत में पूजा की थाली प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा के दौरान पूजा थाली में सभी सामग्री होनी चाहिए. इसलिए प्रदोष व्रत की थाली को विशेष रूप से सजाना चाहिए. पूजा की थाली में 5 प्रकार के फल, घी, दही, शहद, शक्कर, गाय का दुध, गुड़, गन्ना, गन्ने का रस, अबीर, गुलाल, चंदन, अक्षत, धतूरा, बेलपत्र, जनेऊ, कलावा, दीपक, कपूर, अगरबत्ती आदि रखे जाते हैं.
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