Pradosh Vrat 2021: मार्च का अंतिम प्रदोष व्रत कब है? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Pradosh Vrat In March 2021: फाल्गुन मास का समापन 28 मार्च को होने जा रहा है. इसके बाद चैत्र मास का आरंभ होगा. फाल्गुन मास में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. आइए जानते हैं मार्च माह में फाल्गुन का अंतिम प्रदोष व्रत कब है.
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Pradosh Vrat 2021 Date: प्रदोष व्रत को श्रेष्ठ फलदायी व्रतों में से एक माना गया है. पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास चल रहा है. हिंदू नववर्ष में फाल्गुन मास को वर्ष का अंतिम महीना माना गया है. फाल्गुन मास का समापन 28 मार्च को होने जा रहा है. इस दिन होलिका दहन किया जाएगा. 28 मार्च को फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है. इस तिथि को फाल्गुनी पूर्णिमा भी कहते हैं.
प्रदोष व्रत कब है? मार्च माह का अंतिम प्रदोष व्रत पंचांग के अनुसार 26 मार्च शुक्रवार के दिन पड़ रहा है. प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है. जो लोग इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा करते हैं उन पर भोलेनाथ की विशेष कृपा होती है.
होलाष्टक में प्रदोष व्रत का महत्व होलाष्टक चल रहे हैं. होलाष्टक 28 मार्च को समाप्त हो रहे हैं. होलाष्टक में भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. होलाष्टक में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं. होलाष्टक में व्रत, धार्मिक कार्य और पूजा पाठ का विशेष पुण्य बताया गया है.
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त 26 मार्च 2021: त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ: प्रात: 08 बजकर 21 मिनट से 27 मार्च 2021: त्रयोदशी समाप्त- प्रात: 06 बजकर 11 मिनट प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त: 26 मार्च शुक्रवार, शाम 6 बजकर 36 मिनट से रात्रि 8 बजकर 56 मिनट तक
प्रदोष व्रत की पूजा विधि इस दिन प्रात: काल उठकर स्नान करें. इसके बाद पूजा स्थल पर हाथ में जल और अक्षत लेकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद पूजा प्रारंभ करें. इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए. इससे शिव जी प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही प्रदोष व्रत की पूजा में भगवान शिव की प्रिय चीजों का भोग लगाना चाहिए. पूजा में बेल पत्र का प्रयोग अवश्य करना चाहिए.
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