भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए रखें प्रदोष व्रत, जान लें व्रत के नियम क्या खाएं और क्या नहीं
भगवान शिव के प्रिय व्रतों में से एक प्रदोष व्रत इस बार 15 मार्च, मंगलवार के दिन पड़ रहा है. मंगलवार होने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा. जानें इसमें क्या खाएं क्या नहीं.
भगवान शिव के प्रिय व्रतों में से एक प्रदोष व्रत इस बार 15 मार्च, मंगलवार के दिन पड़ रहा है. मंगलवार होने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा. हर माह के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष का व्रत 15 मार्च को किया जाएगा. इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना और उपासना की जाती है. विधिपूर्वक और नियमबद्ध होकर भगवान शिव का ध्यान और व्रत करने से भक्तों के सभी संकट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पू्र्ण होती हैं.
धार्मिक मान्यता है कि भौम प्रदोष व्रत रखने से पद-प्रतिष्ठा और मान-सम्मान में वृद्धि होती है. इस दिन भगवान शिव के साथ हनुमान जी का भी आशीर्वाद पाया जा सकता है. भगवान शिव के साथ बजरंग बली की अराधना करने से व्यक्ति के कुंडली में मंगल मजबूत होता है. इतना ही नहीं, इस दिन मंगल दोष दूर करने के लिए कुछ उपाय भी किए जाते हैं. वहीं, भौम प्रदोष व्रत संतान प्राप्ति के लिए भी किया जाता है.
प्रदोष व्रत का फल तभी मिलता है, जब उसके नियमों को सही से पालन किया जाए. आइए जानते हैं इस दिन व्रतधारी को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं.
भौम प्रदोष व्रत में क्या खाएं?
ज्योतिषियों का मानना है कि अगर निर्जला प्रदोष व्रत रखा जाए तो ये उत्तम फलदायक होता है. लेकिन सामर्थ्य अनुसार प्रदोष व्रत फलाहार भी कर सकता है. व्रत के दिन व्रतधारी को सुबह उठकर स्नान आदि से निविर्त होने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद भगवान शिव की उपासना करें. व्रत के दौरान दूध ग्रहण किया जा सकता है. इसके बाद पूरे दिन व्रत का पालन करते हुए शाम को प्रदोष काल में पुनः शिवशंकर और माता पार्वती की विधि-विधान पूर्वक पूजा उपासना करें. कहते हैं प्रदोष काल में पूजन से पहले एक बार पुनः स्नान कर लेना चाहिए. पूजन के बाद ही भोजन ग्रहण करें.
शरीर से कमजरो या रोगी लोग व्रत के दौरान एक बार फलाहार कर सकते हैं. बार-बार फलाहार करके मुंह झूठा नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से व्रत भंग होता है. मान्यता है कि प्रदोष काल में उपवास में सिर्फ हरे मूंग का ही सेवन करें, क्योंकि हरा मूंग पृथ्वी तत्व है और मंदाग्नि को शांत रखता है.
भौम प्रदोष व्रत में क्या न खाएं?
प्रदोष व्रत में लाल मिर्च, अन्न, चावल और सादा नमक नहीं खाना चाहिए. ऐसा करने से व्रत का फल नहीं मिलता.
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