Pradosh Vrat 2022: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2022) का विशेष महत्व है. प्रदोष व्रत भगवान शिव जी को समर्पित हैं. इस दिन विधि-विधान के साथ मां पार्वती (Mata Parvati) और भगवान शिव (Lord Shiva) की अराधना की जाती है. प्रदोष हर माह के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि (Triyodashi Tithi) को रखा जाता है. माघ माह (Magh Month) के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 14 फरवरी, सोमवार (Pradosh Vrat On 14th February) के दिन मनाया जाएगा. सोमवार होने कारण इसे सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat) के नाम से जाना जाता है.
सोम प्रदोष व्रत के दिन व्रत रखने से व्यक्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है. साथ ही इस दिन भोलेशंकर साधकों से प्रसन्न होकर उन्हें मुंह मांगा वरदान देते हैं. बता दें कि प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat Puja) की पूजा प्रदोष काल में करना उत्तम होता है. आइए जानते हैं प्रदोष व्रत की पूजन विधि (Pradosh Vrat Pujan Vidhi) और पूजन सामग्री (Pradosh Vrat Pujan Samagri) के बारे में.
सोम प्रदोष व्रत पूजन मुहूर्त (Som Pradosh Vrat Puajn Muhurat)
- माघ, शुक्ल त्रयोदशी प्रारम्भ - 6:42 PM, फरवरी 13
- माघ, शुक्ल त्रयोदशी समाप्त - 8:28 PM, फरवरी 14
- प्रदोष काल- 6:10 PM से 8:28 PM
प्रदोष व्रत पूजन विधि (Pradosh Vrat Pujan Vidhi)
प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें. इसके बाद भोलेशंकर (Bhole Shankar) का ध्यान करते हुए मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. अगर संभव हो तो इस दिन व्रत करें. शिवलिंग (Shivling) पर गंगा जल अर्पित करें. पुष्प अर्पित करें. इतना ही नहीं, इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें लेकिन पूजा की शुरुआत गणेश जी की पूजा के साथ करें.
भोलेनाथ (Bholenath) को भोग लगाएं. भोग लगाते समय इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि भगवान शिव को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाएं. अंत में भगवान शिव की आरती (Lord Shiv Aarti) करें. कोशिश करें इस दिन भगवान शिव का ज्यादा से ज्यादा ध्यान करें.
प्रदोष व्रत पूजन सामग्री (Pradosh Vrat Pujan Samagri)
सोम प्रदोष व्रत की पूजा के लिए पहले से ही पूजन सामग्री इक्ट्ठी कर लें. इस दिन भगवान शिव को पुष्प, पंच फल, पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें.
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