Pradosh Vrat 2023 Date: प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार होता है. यह व्रत माह की हर त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. महीने का पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष में और दूसरा प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष में होता है. हिंदू धर्म के अनुसार, त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है. प्रदोष व्रत में भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है.


प्रदोष व्रत (कृष्ण) 2023 कब?


साल 2023 के फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 18 फरवरी 2023 दिन शनिवार को है. शनिवार के दिन होने की वजह से इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है.  


प्रदोष व्रत (कृष्ण) 2023 मुहूर्त  


फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 17 फरवरी दिन शुक्रवार रात 11 बजकर 36 मिनट पर होगा और 18 फरवरी 2023 दिन शनिवार को शाम 8 बजकर 02 मिनट पर समाप्त होगा. उसके बाद से चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी. उदयातिथि के आधार पर फाल्गुन माह का पहला प्रदोष व्रत 18 फरवरी को रखा जाएगा.



  • फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ : फरवरी 17, 2023 को 11:36 PM बजे

  • फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी तिथि समाप्त : फरवरी 18, 2023 को 08:02 PM बजे


प्रदोष व्रत (कृष्ण) 2023 पूजा मुहूर्त


फाल्गुन माह के शनि प्रदोष व्रत की पूजा का मुहूर्त शाम 6:13 मिनट से रात 8:02 मिनट तक है. इस दिन प्रदोष काल में करीब 01 घण्टा 49 मिनट का समय पूजा के लिए मिल रहा है. इसमें आप शिव परिवार की पूजा विधि-विधान के साथ कर सकते हैं. प्रदोष काल में पूजा विधि विधान से करने से हर मनोकामना पूरी होने की मान्यता है.



  • शनि कृष्ण प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त - 18 फरवरी 2023 दिन शनिवार को 06:13 PM से 08 : 02 PM

  • प्रदोष व्रत पूजा अवधि : 01 घण्टा 49 मिनट


शनि प्रदोष व्रत 2023 पूजा विधि एवं मंत्र


शनि प्रदोष व्रत के दिन प्रात: काल स्नान के बाद साफ वस्त्र पहन लें. इस दिन मां पार्वती (Mata Parvati) और भोलेशंकर की पूजा (Pradosh Kaal Puja) प्रदोष काल में की जाती है. अब पूजा स्थान पर शिवलिंग या शिव जी की तस्वीर स्थापित करें. गंगाजल से शिव जी का अभिषेक करें. उसके बाद गाय के दूध से अभिषेक करें. व्रत रखते हुए विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें और शिव जी को ओम नम: शिवाय मंत्र के उच्चारण के साथ बेलपत्र, भांग, धतूरा, मदार पुष्प, शमी का पत्ता, सफेद चंदन, शहद, शक्कर, अक्षत आदि अर्पित करें. धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष काल में की गई भगवान शिव की पूजा ज्यादा फलदायी होती है.


फाल्गुन कृष्ण शनि प्रदोष व्रत का महत्व (Shani Krishna Pradosh Vrat Significance)


धार्मिक मान्यता है कि इस दिन प्रदोष व्रत करने और भगवान शिव की अराधना करने से भक्तों के दुख दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस व्रत से परिवार में सुख-समृद्धि का विकास होता है. भोलेनाथ की कृपा से सभी कष्ट दूर होते हैं और निरोगी जीवन की प्राप्ति होती है.


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