Pradosh Vrat May 2021 Date : 24 मई सोमवार को पंचांग के अनुसार वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी की तिथि है. त्रयोदशी की तिथि एक मास में दो बार आती है. इस तिथि को प्रदोष व्रत होता है. प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है. भगवान शिव अपने भक्तों से बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं. शिवभक्तों को प्रदोष व्रत का इंतजार रहता है, क्योंकि इस व्रत का फल बहुत ही विशेष माना गया है.
प्रदोष व्रत पर ग्रहों की स्थिति
प्रदोष व्रत पर भगवान पूजा करने से ग्रहों की शांति होती है. इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से शनि देव की अशुभता दूर होती और जॉब, व्यापार और करियर से जुड़ी यदि कोई परेशानी बनी हुई तो उसे दूर करते हैं. इसके साथ ही चंद्रमा और राहु भी शांत होते हैं. प्रदोष व्रत की कथा भी चंद्रमा से जुड़ी हुई है.
शनि देव, राहु और चंद्रमा का दोष दूर होता है
प्रदोष व्रत में की जाने वाली पूजा से शनि, राहु और चंद्रमा का दोष दूर होता है. वर्तमान समय में शनि देव मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. मिथुन और तुला पर शनि की ढैय्या, धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. राहु इस समय वृषभ राशि में हैं. चंद्रमा 24 मई को तुला राशि में विराजमान रहेंगे.
इस मंत्र का जाप करें
- ॐ नमः शिवाय.
- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्.
प्रदोष व्रत पर बना रहा है विशेष संयोग
24 मई 2021 को विशेष संयोग भी बन रहा है. इस बार प्रदोष सोमवार के दिन पड़ रहा है, जिस कारण इस व्रत का महत्व अधिक माना जाता है. मान्यता कि सोमवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत का पुण्य कई गुण वढ़ जाता है. इसे सोम प्रदोष व्रत भी कहते हैं.
सोम प्रदोष शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत: 24 मई 2021, सोमवार
वैशाख, शुक्ल त्रयोदशी प्रारम्भ: 24 मई को प्रात: 03 बजकर 38 मिनट
त्रयोदशी समाप्त: 25 मई को प्रात: 12 बजकर 11 मिनट
प्रदोष काल-समय
24 मई 2021: शाम 07 बजकर 10 मिनट से रात्रि 09 बजकर 13 मिनट
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