(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Pradosh Vrat 2021: आषाढ़ शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत कब है? जानें मुहूर्त, पूजा विधि, सामग्री की पूरी लिस्ट व महत्व
Pradosh Vrat 2021 Ashadh Shukl: प्रदोष व्रत प्रत्येक माह के कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर रखा जाता है. यह व्रत भगवान शिव समर्पित होता है. इस व्रत को रखने से चंद्रग्रह के दोष दूर होते हैं.
Pradosh Vrat 2021 Ashadha Shukla Paksha July: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का महत्व विशेष स्थान रखता है. प्रदोष व्रत शिव उपासना का व्रत होता है जिस प्रकार हर माह में दो एकादशी तिथि होती है और यह भगवान विष्णु को समर्पित होती है. ठीक उसी प्रकार से हर माह में दो प्रदोष व्रत भी होता है जो प्रत्येक त्रयोदशी को पड़ता है. यह भगवान शिव को समर्पित होता है.
हिंदी पंचांग के अनुसार, एकादशी और प्रदोष दोनों ही तिथियां चंद्र के कलाओं से संबंधित होती हैं. प्रदोष व्रत प्रत्येक माह के कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर किया जाता है. इस व्रत को रखने से चंद्रग्रह के दोष दूर होते हैं. संतान सुख की प्राप्ति होती है.
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत कब?
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 21 जुलाई दिन बुधवार को शाम 4 बजकर 6 मिनट से होकर अगले दिन 22 जुलाई को दोपहर बाद 1 बजकर 32 मिनट तक रहेगी. चूंकि प्रदोष काल का समय 21 जुलाई को शाम 07:18 पीएम से 09:22 पीएम तक है. इस लिए प्रदोष व्रत 21 जुलाई को रखा जायेगा.
प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें. यदि प्रदोष व्रत रखना है तो अब पूजा स्थल पर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद भगवान शिव को गंगाजल से जलाभिषेक करें. दीप प्रज्वलित कर पुष्प व अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें. इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें तो अति उत्तम होगा. भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें. अंत में प्रसाद वितरण करें.
प्रदोष व्रत पूजा- सामग्री लिस्ट
- अबीर
- अक्षत
- कलावा
- दीपक
- फल, फूल
- गुलाल, चंदन
- धतूरा
- बिल्वपत्र
- जनेऊ
- कपूर
- अगरबत्ती