Pradosh Vrat 2021July: हिंदी पंचांग के अनुसार, आज 21 जुलाई को प्रदोष व्रत है. जब प्रदोष व्रत बुधवार को होता है, तो उस प्रदोष व्रत को बुध प्रदोष कहते हैं. हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है. प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, त्रयोदशी तिथि महादेव को समर्पित होती है. ऐसे में प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं. आज बुध प्रदोष व्रत को शिव पूजन के लिए 7 शुभ मुहूर्त बन रहें है. आइये जानें पूजा विधि और महत्व.
भगवान शिव की पूजा के ये शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त- 21 जुलाई को प्रातः काल 03:46 बजे से 04:28 बजे तक
- प्रातः काल की संध्या के लिए शुभ मुहूर्त - 21 जुलाई को सुबह 04:07 बजे से 05:10 बजे तक
- विजय मुहूर्त- 21 जुलाई को दोपहर बाद 02:09 बजे से 03:03 बजे तक
- गोधूलि मुहूर्त- 21 जुलाई को शाम 06:25 बजे से 06:49 बजे तक.
- सायं संध्या के लिए मुहूर्त - 21 जुलाई को शाम 06:39 बजे से 07:42 बजे तक
- अमृत काल- 10:27 बजे से 11:55 बजे तक
- निशिता मुहूर्त- 21 जुलाई को रात 11:33 बजे से 22 जुलाई को 12:16 एएम तक
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने से संतान पक्ष को लाभ मिलता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव की प्रदोष व्रत के दिन विधि-विधान से पूजा करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
प्रदोष काल
हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक, प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में करना उत्तम माना जाता है. प्रदोष काल शाम को सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू होकर सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक होता है.