Premanand Ji Maharaj Anmol Vachan: प्रेमानंद जी महाराज एक महान संत और विचारक हैं जो जीवन का सच्चा अर्थ समझाते और बताते हैं. प्रेमानंद जी के अनमोल विचार जीवन को सुधारने और संतुलन बनाएं रखने में मार्गदर्शन करते हैं.


खाली दिमाग में भूत-भविष्य की चिंताएं आती रहती हैं जो व्यर्थ की हैं. जो बीत गया उसका चिंतन करना बेकार है. जो आगे होगा उसका भगवान जानते हैं हम क्यों माथा पच्ची करें. हम अपने वर्तमान के समय को सकारात्मक भाव से युक्त करके आनंदित हो. बुद्धिमान वही है जो वर्तमान के समय को भागवत भाव से युक्त करके खुश रहे. वो इंसान मूर्ख है जो भूत-भविष्य के चक्कर में वर्तमान को खराब कर रहा हो. जो हो गया सो हो गया अब भविष्य में होगा वो अच्छा ही होगा. कल का सोच कर आज को खराब ना करें.


वर्तमान में अगर राधा-राधा जप रहे हैं तो भविष्य भी आपका अच्छा रहेगा और प्रकाशवान होगा. इसीलिए खाली दिमाग अगर बैठे हो अगर भगवान का नाम ही जप कर लो, अगर जप नहीं कर रहे तो दिमाग तो कहीं तो लगेगा, कुछ ना कुछ को करेगा, जो चल रहा है, जो घटा है वो आपके दिमाग में आएगा जिससे आप चिंतन करेंगे और आपका जीवन नष्ट हो सकता है. भागवत चिंतन आपको टेंशन से मुक्ति दिला सकता है और साथ ही आपको आनंद देगा और आपको आनंदित कर देगा.


खाली समय में नाम जप करो तो दिमाग पवित्र हो जाएगा. विवेक या बुद्धि जब होती है तो आप किसी भी समस्या का हल निकाल सकते हैं. अगर विवेक नहीं है तो आप 20 साल पुरानी बात पर भी बिगड़ सकते हैं या आपको दुख दे सकती है.  क्यों हम किसी बात को अपने दिमाग में बैठाकर रखें, क्यों अपनी जीवनी शक्ति को नष्ट करें. जो बात कल हुई उसके लिए आज रोने से क्या फायदा.


वर्तमान के अगर 1-1 मिनट, 1-1 सेकेंड को पावन बना लेते है तो आपका जीवन सुधर जाएगा. अगर आप ऐसा करेंगे तो आपका भविष्य भी मंगलमय होगा. टेंशन की इस मूर्खता को दूर करना होगा. कल वही होगा जो मंगल भवन ने रच रखा है.  इस मिनट में कोई गलती ना करो, यहीं आपका भूत बन गया, इससे भविष्य भी आपका सुधर सकता है. बस हर मिनट को सुधारते चलों.


Premanand Ji Maharaj: भक्त कैसे बनता है श्रद्धावान, जानें प्रेमानंद महाराज की इस अनमोल कथा से


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.