Puja Niyam On Shivling: भूलकर भी शिवलिंग में ना चढ़ाएं ये 8 चीजें, महादेव हो जाएंगे नाराज
Shiv Puja: अगर आप भी देवों के देव महादेव की पूजा करने के दौरान शिवलिंग पर चढ़ाते हैं ये चीजें, तो ऐसा भूलकर भी ना करें, नहीं तो हो सकता है अनार्थ.
Puja Niyam On Shivling: हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता हैं और सभी देवी-देवताओं की पूजा करने का नियम भी अलग होता है। ऐसा ही एक नियम है भोले बाबा की पूजा में. लोग मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान भोलेनाथ का ध्यान एवं पूजन करते हैं। सभी लोग शिव जी की पूजा के दौरान शिवलिंग पर पूजा सामग्रियां चढ़ाते हैं, पर उनको ये नहीं पता होता कि अनजाने में अर्पित की गई कुछ चीजें शुभ की जगह अशुभ फल दे सकती हैं, जिससे भगवान शिव नाराज हो सकते हैं. यहां हम आपको कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में, जो गलती से भी शिवलिंग पर नहीं चढ़ानी चाहिए.
तुलसी पत्ता
तुलसी की पत्तियों का प्रयोग कभी भी भगवान शिव की पूजा नहीं करना चाहिए. इसके दो कारण है एक ये कि तुलसी के पति असुर जालंधर का वध भगवान शिव ने किया था इसलिए भगवान शिव को उन्होंने अपने आलौकिक और देवीय गुणों वाले तत्वों से वंचित कर दिया। दूसरा भगवान विष्णु ने तुलसी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया है इसलिए भी शिवलिंग पर तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए.
हल्दी
कई कई देवी-देवताओं की पूजा में हल्दी का प्रयोग किया जाता है।. लेकिन शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाना वर्जित माना जाता है. क्योंकि हल्दी की स्त्रोयोचित यानी स्त्री से संबंधित वस्तु होती है और शिवलिंग को पुरुष तत्व का प्रतीक माना जाता है.
तिल
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय दूध व जल में काले तिल डालकर कभी नहीं चढ़ाना चाहिए. यह भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ मान जाता है इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं अर्पित किया जाना चाहिए.
टूटे चावल
भगवान शिव को हमेशा अक्षत यानी साबूत चावल अर्पित करें. भूलकर भी टूटा हुआ चावल ना चढ़ाएं, क्योंकि टूटा चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है इसलिए यह शिव जी को नही चढ़ता।
नारियल पानी
शिव भगवान की पूजा में नारियल चढ़ा सकते हैं लेकिन शिवलिंग पर नारियल पानी नहीं चढ़ाना चाहिए. इस बात भी ध्यान रखें कि शिवजी को चढ़ाए गए नारियल को प्रसाद के रूप ग्रहण नहीं करना चाहिए.
केतकी के फूल
शिवलिंग पर कभी भी केतकी के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए. कहा जाता है कि ब्रह्मा जी के झूठ में जब केतनी ने साथ दिया तो भगवान भोलेनाथ नाराज हो गए और उन्होंने श्राप देते हुए कहा कि उनकी पूजा में केतनी का फूल नहीं चढ़ाया जाएगा.
कुमकुम या सिंदूर
सिंदूर या कुमकुम से भगवान शिव की पूजा ना करें.शिव पुराण में ये करने की मनाही है. शिव पुराण में महादेव को विनाशक बताया गया हैं.कारण यह है कि भगवान शिव वैरागी हैं और वैरागी लोग अपने माथे पर राख डालते हैं, कुमकुम नहीं.
शंख जल
महादेव को कभी भी शंख से जल अर्पित नहीं करना चाहिए. क्योंकि भगवान शिव ने शंखचूड़ नामक असुर का वध किया था और शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है, जो भगवान विष्णु का भक्त था. इसलिए विष्णु भगवान की पूजा तो शंख से होती है लेकिन भगवान शिव की नहीं.
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