Puja Niyam: क्या आप भी करते हैं इस समय पूजा तो नहीं मिलेगा फल, जानिए पूजा करने का सही समय
Puja Niyam: हिंदू धर्म में नियमित रूप से देवी-देवताओं की पूजा का महत्व है. लेकिन गलत समय पर किए पूजा से पूजा अधूरी मानी जाती है और इसका फल नहीं मिलता. इसलिए जान लीजिए क्या है पूजा-पाठ का सही समय.
Puja Niyam: घर हो या मंदिर हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की प्रतिदिन पूजा की जाती है. पूजा-पाठ करने से ना सिर्फ मन को शांति प्राप्त होती है, बल्कि जीवन में शुभता का आगमन होता है और ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
लेकिन पूजा का पुण्य फल आपको तभी प्राप्त होगा, जब आप सही समय और नियम से पूजा करेंगे. गलत समय पर किए पूजा से देवी-देवता नाराज हो जाते हैं और ऐसे में पूजा अधूरी मानी जाती है. शास्त्रों में पूजा-पाठ से जुड़े कई नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है. इसलिए जान लीजिए क्या है पूजा का सही समय.
सही समय पर करें पूजा
आप अपने घर पर नियमित रूप से पूजा करते हैं और भगवान से सुख-समृद्धि की प्रार्थना भी करते हैं. लेकिन भगवान आपकी पूजा को तभी स्वाकीर करेंगे जब पूजा सही समय पर की गई हो. इसलिए हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के लिए समय निर्धारित किए गए हैं.
इस समय न करें पूजा
- शास्त्रों के अनुसार, दोपहर में पूजा-पाठ नहीं करनी चाहिए. यह समय पूजा के लिए निषेध माना जाता है. इस समय की गई पूजा भगवान स्वीकर नहीं करते हैं. इसलिए दोपहर 12 बजे से लेकर 3 बजे तक पूजा नहीं करनी चाहिए. इस समय की नहीं पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है.
- वहीं अगर आपने आरती कर ली है तो इसके बाद पूजा की विधि न करें. मान्यता है कि आरती पूजा के सबसे आखिर में की जाती है और इसके बाद देवी-देवता सो जाते हैं.
- महिलाओं को ऐसे समय पर भी कभी पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए, जब माहवारी चल रही हो. इस दौरान न ही मंदिर जाकर भगवान के दर्शन-पूजन करें और न ही घर पर पूजा-पाठ करें. साथ ही माहवारी के दौरान देवी-देवताओं की मूर्ति, पवित्र पेड़-पौधे और पूजा सामग्री को छूना भी नहीं चाहिए.
- ऐसे समय में भी पूजा न करें जब घर पर सूतक और पातक लगा हो. यानी जब घर पर किसी नवजात का जन्म हुआ हो या किसी की मृत्यु हुई हो. इस समय पूजा करना शुभ नहीं माना जाता है.
- इसके साथ ही ग्रहण आदि में भी पूजा-पाठ न करें. लेकिन इस दौरान आप ईश्वर का ध्यान और मंत्रों का जाप कर सकते हैं.
क्या है पूजा का सही समय
ज्योतिष के अनुसार, पूरे दिन में आप 5 बार पूजा कर सकते हैं. इसके लिए शास्त्रों में समय भी निर्धारित किए गए हैं. इस समय का पालन करते हुए आप दिन में एक बार, दो बार या अपनी श्रद्धानुसार पांच बार भी पूजा कर सकते हैं.
- पहली पूजा का समय- ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:30 से 5:00 बजे तक
- दूसरी पूजा- सुबह 09 बजे तक
- मध्याह्न पूजा- दोपहर 12 बजे तक
- संध्या पूजा- शाम 04:30 से 6:00 बजे तक
- शयन पूजा - रात 9:00 बजे तक
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