Puja Path: सुपारी में वास करते हैं ये देवता, जानें पूजा-पाठ में क्यों जरूरी होती है सुपारी, पूजा के बाद सुपारी का क्या करें
Supari Benefit In Puja: पूजा-पाठ में इस्तेमाल होने वाली सामग्री का विशेष महत्व है. हर पूजन सामग्री का अपना अलग महत्व है. इसी तरह पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान में सुपारी भी महत्वपूर्ण है.
Supari Benefit In Puja: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और उसमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री का विशेष महत्व है. हर पूजन सामग्री का अपना अलग महत्व है. इसी तरह पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान में सुपारी भी महत्वपूर्ण है. धार्मिक मान्यता है कि पूजा की सुपारी के बिना पूजा प्रारंभ नहीं होती. बता दें कि पूजा में इस्तेमाल होने वाली सुपारी खाने वाली सुपारी से अलग होती है. खाने वाली सुपारी देखने में गोल और बड़ी होती है. वहीं, पूजा की सुपारी छोटी और थोड़ी लंबी होती है. आइए जानते हैं पूजा की सुपारी का महत्व और पूजा के बाद सुपारी का क्या करना चाहिए.
पूजा में सुपारी का महत्व
ग्रंथों के अनुसार पूजा-पाठ या अनुष्ठान शुरू करने से पहले पूजा की सुपारी को पान के ऊपर विराजमान किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि सुपारी में सभी देवी-देवताओं का वास होता है. अगर पूजा के समय किसी भगवान की प्रतिमा नहीं होती, तो पंडित जी मंत्रोच्चार से उस सुपारी में देवी-देवता का आह्वान किया जाता है. और उसके बाद पूजा संपन्न की जाती है. हिंदू शास्त्र में सुपारी को जीवंत देव का स्थान दिया गया है. सुपारी को ब्रह्मदेव, यमदेव, इंद्रदेव और वरुण देव का प्रतीक माना गया है.
ग्रहशांति पूजा के लिए
ग्रहशांति पूजा के दौरान सुपारी सूर्य, गुरू, मंगल और केतु इन ग्रहों की प्रतिनिधि मानी जाती है. वहीं, पूजा में जिस कारण से पूजा की जाती है, और उसमें मुख्य पात्र नहीं होता, तो उसकी जगह सुपारी रखी जाती है और पूजा पूरी की जाती है. कई बार कुछ पूजा अनुष्ठान में पति-पत्नी दोनों का साथ होना जरूरी होता है. लेकिन अगर दोनों में से कोई भी एक उपस्थिल नहीं है, तो उसके स्थान पर सुपारी की स्थापना की जा सकती है. और पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है.
पूजा के बाद सुपारी का क्या करें
धार्मिक मान्यता है कि पूजा में सुपारी का इस्तेमाल करने से जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं. पूजा के बाद सुपारी को इधर-उधर न रखकर उसे जल में प्रवाहित कर देना चाहिए. या फिर इसे पूजा के स्थान या तिजोरी पर रखा जा सकता है. इससे घर में सुख-समृद्धि में विकास होता है और आर्थिक समस्याएं नहीं रहती. पूजा के बाद इसे खाने में इस्तेमाल भूलकर भी न करें. ऐसा करने से जीवन में मुश्किल परिस्थितियों से पैदा होती हैं. इसे किसी मंदिर में चढ़ा दें या फिर मंदिर के पंडित जी को दे दें.
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