Shankh Significance In Puja: किसी भी पूजा-पाठ में शंख बजाना बहुत शुभ माना जाता है. माना जाता है कि देवताओं को शंख की आवाज बहुत पसंद है और इससे प्रसन्न होकर भगवान भक्तों की हर मनोकामनाएं पूरी करते हैं. वास्तु के अनुसार शंख बजाने से आसपास की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. उत्तर पूर्व दिशा में शंख रखने से घर में खुशहाली आती है. पुराणों के अनुसार शंख समुद्र मंथन में से निकले 14 रत्नों में से एक है. भगवान विष्णु को शंख अत्यंत प्रिय है. इसलिए भगवान श्री नारायण की पूजा में शंखनाद जरूर होता है.
पूजा में क्यों जरूरी माना जाता है शंख?
प्राचीन काल से ही हमारे ऋषि-मुनि पूजा, साधना या यज्ञ में शंख का इस्तेमाल करते रहे हैं. शंख बजाने के बाद ही कोई भी पूजा सफल और संपूर्ण मानी जाती है. मान्यताओं के मुताबिक शंख बजाने से ईश्वर का आशीर्वाद मिलता है और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. शंख से निकलने वाली ध्वनि सभी बाधाओं और दोष को दूर करती है. मान्यता है कि जिस घर में शंख होता है, वहां पर माता लक्ष्मी की कृपा बरसती है. पूजा घर में दक्षिणावर्ती शंख रखना और बजाना अत्यंत शुभ माना जाता है. सुबह-शाम शंख बजाने से घर बुरी नजर से बचा रहता है.
शंख का पूजन है जरूरी
घर में नया शंख लाने के बाद सबसे पहले उसे किसी साफ बर्तन में रखकर उसे अच्छी तरह से जल से साफ कर लें. इसके बाद शंख का गाय के कच्चे दूध और गंगाजल से अभिषेक करें. अब शंख को साफ कपड़े से पोंछकर चंदन, पुष्प और धूप से पूजन करें. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रार्थना करें और हाथ जोड़कर निवेदन करें कि वो इस शंख में निवास करें. शुभ फलों की प्राप्ति के लिए हर दिन इसी तरह शंख की पूजा करने के बाद ही इसे बजाना चाहिए.
Lal Kitab Upay: कुंडली में हो राहु दोष हो तो झेलनी पड़ती हैं तकलीफें, लाल किताब से जानें उपाय
Mangalwar Upay: हर मंगलवार को करें इन मंत्रों का जाप, सारे संकट दूर करेंगे बजरंगबली
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.