Puja Rules for Temple:  हिंदू धर्म में पूजा-पाठ की कई विधियां और नियम होते हैं. वहीं धार्मिक दृष्टिकोण से मंदिर को देवी-देवताओं का स्थान माना गया है. इसलिए इसे सबसे पवित्र और शुद्ध स्थान माना जाता है. लोग विशेष पूजा-अर्चना और भगवान के दर्शन के लिए मंदिर जाते हैं. जिस तरह घर पर पूजा-पाठ के कई नियम होते हैं, ठीक उसी तरह से मंदिर में पूजा करने से लेकर प्रवेश करने के भी नियम होते हैं. अगर आप जाने-अनजाने में कोई गलती करते हैं तो इससे पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है. मंदिर में कई चीजों का प्रवेश वर्जित होता है. इन्हीं में एक है चमड़े से बनी चीजें


चमड़े से बनी इन चीजों को भूलकर भी न जाएं मंदिर के भीतर


मंदिर के भीतर प्रवेश करने से पहले आप जिस तरह अपने जूते-चप्पलों को बाहर छोड़ देत हैं, ठीक उसी तरह चमड़े से बनी चीजों को भी मंदिर के भीतर नहीं लेकर जाना चाहिए. इसलिए मंदिर में प्रवेश करने से पहले चमड़े से बनी चीजें जैसे चमड़े का पर्स, बेल्ट, जैकेट, टोपी और बैग आदि को बाहर ही रख देना चाहिए. यदि आप चमड़े की वस्तुओं को जाने-अनजाने में मंदिर के भीतर लेकर जाएंगे तो इससे आपकी पूजा व्यर्थ हो जाएगी और साथ ही मंदिर की शुद्धता और पवित्रता भी इससे भंग हो जाएगी.


इसलिए अशुद्ध मानी जाती है चमड़े से निर्मित चीजें


चमड़े से बनी चीजों को मंदिर के भीतर लेकर जाना या पूजा-पाठ के दौरान वर्जित होने का कारण यह है कि चमड़े का निर्माण मृत पशुओं की खाल से होता है. इसलिए इन चीजों के साथ भूलकर भी मंदिर में प्रवेश न करें. दूसरा कारण यह है कि आप अपने कपड़ों को गंदे या अशुद्ध हो जाने के बाद धोकर साफ कर लेते हैं. लेकिन चमड़े से बनी चीजों में ऐसा नहीं होता. चमड़े की चीजों में पानी लगते ही वह खराब होने लगती है. इसलिए चमड़े से निर्मित चीजों को अशुद्ध माना जाता है क्योंकि पूजा-पाठ में हमेशा शुद्ध व स्वच्छ चीजों का ही प्रयोग करना चाहिए.


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