Santan Prapti Vrat in August: दांपत्य जीवन (Married Life) जी रहे दंपति की इच्छा होती है कि उसके घर पर भी किसी नन्हे-मुन्ने की किलकारियां गूंजे. कहा जाता है कि, यदि व्यक्ति के जीवन में धन, मकान, संपत्ति की कोई कमी नहीं है, लेकिन यदि उसे कोई संतान (Child) नहीं है तो उसका विवाहित जीवन अधूरा माना जाता है.


इसलिए विवाह के बाद से ही हिंदू धर्म (Hindu Dharm) में स्त्रियों को 'दूधो नहाओ और पूतो फलो' जैसे आशीर्वाद (Blessing) बड़े-बुजुर्गों से मिलने लगते हैं. वहीं शास्त्रों (Shastra) में कहा गया है- ‘अपुत्रस्यगहं शून्यम्’ यानी पुत्र के बिना घर शून्य की तरह है. देवी भागवत में वर्णन मिलता है-‘अपुत्रस्य गतिर्नास्ति स्वर्गे वेदविदोविदु:’ यानी स्वर्ग में वेदवेत्ता देवताओं ने यह निश्चय किया है कि बिना संतति के प्राणी की सद्गति नहीं होती.


कुछ महिलाएं विवाह के बाद गर्भधारण (Pregnancy) कर लेती हैं तो कुछ को संतान सुख पाने में देर हो जाती है. संतान प्राप्ति की कामना रखने वालों के लिए हिंदू धर्म में कई व्रत-उपाय (Vrat-Upay) बताए गए हैं.


लेकिन इस वर्ष अगस्त महीने में ही संतान प्राप्ति से संबंधित कई व्रत-त्योहार (August Vrat Tyohar 2024) पड़ रहे हैं. आप इन व्रतों को जरूर करें. इससे निसंतान दंपति को जहां संतान की प्राप्ति होती हैं. वहीं इसके साथ ही इन व्रतों को आप संतान के सुखी और समृद्ध जीवन के लिए भी कर सकते हैं. आइये जानते हैं संतान के लिए अगस्त में पड़ने वाले व्रत-


हल षष्ठी (Hal shashthi 2024): हल षष्ठी को बलराम जयंती (Balram Jayanti) के रूप में मनाया जाता है, जोकि 25 अगस्त 2024 को है. हर साल भाद्रपद (Bhado) माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है. यह व्रत माताएं संतान की दीर्घायु के लिए रखती हैं. साथ ही संतान प्राप्ति के लिए भी विवाहिताएं भी यह व्रत रखती हैं.


जन्माष्टमी (Janmashtami 2024): जन्माष्टमी का त्योहार श्रीकृष्ण (Shri Krishna) के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. लेकिन इसी के साथ इस दिन संतान प्राप्ति की कामना रखने वाले दंपतियों को व्रत रखकर विधि-विधान से लड्डू गोपाल (Laddu Gopal) की पूजा करनी चाहिए और उन्हें झूला झुलाना चाहिए. बता दें कि इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त 2024 को है.


पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi 2024): सावन (Sawan 2024) माह के शुक्ल की एकादशी (Ekadashi) को पुत्रदा एकादशी के रूप में जाना जाता है. इस दिन संतान प्राप्ति के लिए महिलाएं व्रत रखती हैं. साथ ही पुत्रवत स्त्रियां भी इस व्रत को संतान की उन्नति के लिए करती हैं. इस वर्ष पुत्रदा एकादशी रविवार, 27 अगस्त 2024 को है.


वत्स द्वादशी (Vats Dwadashi 2024): भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को यह व्रत किया जाता है. इस व्रत को मुख्य रूप से संतान सुख पाने की कामना और संतान की लंबी आयु के लिए किया जाता है. इस दिन महिलाएं बछड़े वाले गाय की पूजा कर कथा सुनती है और बच्चों को नेग या फिर श्रीफल देती है. इस वर्ष अगस्त में वत्स द्वादशी शुक्रवार 30 अगस्त 2024 को पड़ रही है.


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