Radha-Krishna Prem: वेलेंटाइन यानि प्यार करने वालों का दिन , लेकिन ये प्यार करने की प्रथा आज से नहीं बल्कि सदियों से चली आ रही है. इस प्रेम की श्रख्ला में भगवान भी अछूते नहीं रहें. हम बात कर रहे हैं भगवान श्री कृष्ण और राधा की, जिनका संबंध आमतौर पर पति-पत्नी का नहीं बल्कि प्रेमी-प्रेमिका का था.


ब्रह्मवैवर्त पुराण में ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण और राधा रानी की शादी भी हुई थी .उसमें शामिल कथा में इस बात का उल्लेख है और विवाह स्थल का जिक्र भी किया गया है. इसके बाद भी भगवान श्री कृष्ण के साथ कहीं भी उनकी पत्नियों की तस्वीर या मूर्ति नहीं मिलती है. हर जगह, हर मंदिर हर तीर्थ में श्री कृष्ण के साथ राधा ही नजर आती हैं. इसकी वजह यह भी है कि कृष्ण भगवान की 16108 पत्नियों पर राधा रानी का प्रेम भारी था. यह बात भगवान श्री कृष्ण ने खुद रुक्मिणी को बताई थी.


राधा-कृष्ण के प्यार की गाथा


एक बार की बात है जब सूर्य ग्रहण के समय देवी राधा माता यशोदा और नंद बाबा के साथ कुरुक्षेत्र आयी थी. तो उस समय भगवान श्रीकृष्ण का रुक्मिणी से विवाह हो चुका था. यहां पर राधा और कृष्ण की भेंट हुई और रुक्मिणी ने भी पहली बार राधा को देखा. रुक्मिणी ने राधा को गर्म दूध पीने के लिए दे दिया. राधा ने इस दूध को पी लिया, लेकिन दूध को पिने के बाद भगवान श्री कृष्ण के शरीर पर फफोले हो गए. 


रुक्मिणी जी ने जब श्री कृष्ण के शरीर पर फफोलों को देखा तो इसका कारण पूछा. श्री कृष्ण ने बताया कि राधा के गरम दूध पीने से उन्हें ऐसा हुआ है क्योंकि राधा उनके हृदय में रहती हैं. राधा को कष्ट होने पर असर मुझ पर होता है. राधा कृष्ण के प्रेम की गाथा और भी हैं, इनसे पता चलता है कि शादी के बिना भी उन दोनों का दिल एक ही था और दोनों के बीच अटूट प्रेम था.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.