Radha-Krishna: राधा-कृष्ण के प्रेम का गवाह है वृंदावन का 'निधिवन', यहां की कुंज गलियों में रासलीला की चर्चा आज भी होती है
Radha Krishna Raslila: वेलेंटाइन-डे यानि प्रणय दिवस, प्रेम का समर्पित यह सप्ताह जीवन में प्यार के महत्व को बताता है. प्रेम को समझना है तो राधा-कृष्ण के प्रेम को समझना आवश्यक है.
Radha-Krishna Prem: वैलेंटाइन वीक के आते ही प्यार की बातें, प्यार का मौसम छा जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि ये प्यार बेला आज के जमाने की बात नहीं बल्कि सदियों से चली आ रही है, फिर चाहे भगवान ही क्यों ना हो.
आज हम आपको बताएंगे श्रीकृष्ण और राधा रानी की रासलीला के बारे में इन दोनों की रासलीला के चर्चें पूरे वृंदावन की गलियों में आज भी इनके किस्से कहानी की तरह सुनाए जाते हैं. वहां के स्थानीय लोग बताते हैं कि कृष्ण जी राधा रानी के साथ शाम होने पर वन में रास रचाते थे. उनका साथ देने के लिए वन के पेड़ पौधे गोपियां बन जाती थीं.
ऐसा माना जाता है कि वृंदावन का निधिवन इस रासलीला का गवाह है. आज भी शाम की आरती के बाद निधिवन को बंद कर दिया जाता है. लोगों का मानना है कि भगवान रासलीला करने के लिए हर शाम यहां आते हैं. पेड़ गोपियां बन जाते हैं और कान्हा और राधा का मिलन होता है.
ऐसा माना गया है कि भगवान श्री कृष्ण की इस रासलीला को मनुष्य क्या पशु पक्षियां भी नहीं देखते, सभी निधिवन से दूर हो जाते हैं, मान्यता ये भी है कि जिस भी मनुष्य ने कन्हैया की रासलीला देखने की कोशिश की वह इसे बताने योग्य नहीं बचा. रासलीला देखने के बाद या तो वह अपने होश खो बैठा या उसकी किसी कारण मौत हो गई. निधिवन में बहुत से पेड़ पौधे लगे है जिस में तुलसी के पौधे जोड़ों में हैं. जो कृष्ण और राधा की रास लीला में शामिल होने के लिए गोपियों का रूप धारण कर लेती हैं.
राधा-कृष्ण के बारे में कहा जाता है अध्यात्मिक प्रेम की अनूठी मिशाल है, भगवान श्रीकृष्ण और राधा का प्रेम. कृष्ण शरीर हैं तो राधा आत्मा हैं. राधा रानी ने कई बार कृष्ण जी से विवाह करने को बोला लेकिन कृष्ण जी ने राधा रानी को मना कर दिया और बोले आत्मा से कोई विवाह करता है. इस बात से आप समझ सकते हैं दोनों का रिश्ता कितना पवित्र था.
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