Temple Predicts Monsoon: भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जो अपने साथ कई रहस्य समेटे हुए हैं. ऐसा ही एक रहस्यमयी मंदिर है उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित बेहटा गांव में. भगवान जगन्नाथ का यह मंदिर अपने चमत्कारिक स्वरूप के लिए प्रसिद्ध है. यह मंदिर बारिश की भविष्यवाणी करता है. कानपुर के भीतरगांव विकासखंड से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह मंदिर भगवान जगन्नाथ के मंदिरों में से एक है. लोगों की आस्था इस मंदिर के साथ ऐसी जुड़ी हुई है कि लोग दर्शन करने के लिए दूर-दूर आते रहते हैं.
यहां के स्थानीय लोग बताते हैं कि बारिश होने के छह-सात दिन पहले से ही मंदिर की छत से पानी की बूंदें टपकने लगती हैं. ये बूंदे जिस आकार की टपकती हैं, उसी के आधार पर बारिश भी होती है. मंदिर की सबसे अनोखी बात ये है कि जैसे ही बारिश शुरू होती है, मंदिर की छत अंदर से पूरी तरह सूख जाती है.
क्यों टपकता है पानी?
मंदिर को लेकर कई तरह की रहस्यमयी बातें हैं. मंदिर के बारे में आज तक कोई पता नहीं लगा पाया कि यह मंदिर कितना पुराना है और इसकी छत से पानी कैसे टपकता है और कब बंद हो जाता है. कहा जाता है कि पुरातत्व विभाग के लोग और वैज्ञानिक कई बार यहां आए, लेकिन इस रहस्य का पता लगाने में असफल रहे.
भगवान जगन्नाथ की मूर्ति
इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ की मूर्ति है. उसमें भगवान विष्णु के 24 अवतार देखे जा सकते हैं. इन 24 अवतार में कलयुग में अवतार लेने वाले कल्कि भगवान की भी मूर्ति स्थापित है.
कभी नहीं गिरी बिजली
मंदिर के गुंबद पर एक चक्र लगा हुआ है, जिसकी वजह से आज तक यहां पर आकाशीय बिजली नहीं गिरी.
मंदिर की बनावट
इस मंदिर की बनावट किसी बौद्ध मठ की तरह है, जिसकी दिवारें 14 फीट मोटी हैं. इससे मंदिर के सम्राट अशोक के शासन काल में बनाए जाने के अनुमान लगाए जाते हैं. मंदिर के बाहर मोर का निशान और चक्र बना है, जिससे ये अंदाजा लगाया जाता है कि चक्रवर्ती सम्राट हर्षवर्धन के कार्यकाल में ये बना होगा.पुरातत्व विभाग को सिर्फ इतना ही पता चल पाया है कि मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य 11वीं सदी में किया गया था.
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