Rahu Ketu Upay: ज्योतिष शास्त्र में राहु-केतु को छाया या पापी ग्रह के रूप में जाना जाता है. जिनकी कुंडली में राहु-केतु का अशुभ प्रभाव रहता है, उनका जीवन कष्टदायी हो जाता है. इसलिए लोग राहु केतु का नाम सुनते ही डर जाते हैं. कहा जाता है कि, राहु केतु दोष से ही कालसर्प दोष का निर्माण होता है.


ऐसे में अगर आपकी कुंडली में राहु-केतु की दशा-महादशा है तो आपको यह जरूर जानना चाहिए कि, किन उपायों से राहु-केतु दोष का निवारण होगा और परेशानियों से मुक्ति मिलेगी. ज्योतिष में इसके लिए अचूक और चमत्कारी उपायों के बारे में बताया गया है, जिससे कुंडली में राहु-केतु दोष का प्रभाव कम होता है. जानते हैं इन प्रभावी उपायों बारे में.



राहु-केतु दोष होने पर क्या होता है (Rahu Ketu Dosh Effect)



  • राहु दोष से व्यक्ति मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, कीमती चीजों का बार-बार खोना, अधिक क्रोध, बार-बार मरा सांप, छिपकली और पक्षी दिखाई देना, नाखून का कमजोर होना, पारिवारिक कलह-कलेश और मुकदमे आदि जैसी समस्याएं बढ़ने लगती है.

  • कुंडली में अगर केतु ग्रह का अशुभ प्रभाव हो तो इससे शारीरिक समस्याएं परेशान करती हैं. राहु दोष से बाल झड़ना, जोड़ों में दर्द, चर्म रोग, रीढ़ की हड्डी की समस्या, नसों में कमजोरी जैसी कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है.

  • जीवन और शरीर में इस तरह के संकेत दिखे तो समझ जाएं कि, राहु-केतु का बुरा प्रभाव पड़ रहा है. ऐसे में किसी ज्योतिषी को अपनी कुंडली दिखाएं और राहु-केतु दोष होने पर ज्योतिषी की सलाह पर इन उपायों को जरूर करें.


राहु-केतु दोष उपाय (Rahu Ketu Dosh Upay)



  • राहु दोष के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए नीले रंग के कपड़े पहनें और केतु दोष होने पर गुलाबी रंग के कपड़े पहनें

  • रुद्राक्ष की माला से पंचमुखी शिवजी के सामने बैठकर ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें. इससे भी राहु-केतु का दुष्प्रभाव कम होता है.

  • राहु केतु ग्रह की शांति के लिए घर पर भगवान श्रीकृष्ण की ऐसी तस्वीर रखें, जिसमें वे शेषनाग के ऊपर नृत्य कर रहे हों. इस तस्वीर की प्रतिदिन पूजा करें और ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें. इस उपाय से भी उग्र राहु-केतु शांत होते हैं.

  • राहु ग्रह का रत्न गोमेद है. कुंडली में राहु दोष होने पर ज्योतिषी की सलाह से इस रत्न को शनिवार के दिन धारण करना चाहिए.


ये भी पढ़ें: Pradosh Vrat 2023: अधिकमास का आखिरी प्रदोष व्रत कब ? जानें डेट, मुहूर्त, नौकरी में प्रमोशन के लिए करें ये उपाय



Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.