Rahu Ke Upay: वृषभ राशि में वर्तमान समय में राहु गोचर कर रहा है. वर्ष 2021 में राहु का कोई राशि परिवर्तन नहीं है. राहु को पाप ग्रह माना गया है. ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को पाप ग्रह माना गया है. इन दोनों ग्रहों के कारण पितृ दोष, कालसर्प दोष, गुरु चंडाल योग, जड़त्व योग, अंगारक योग और ग्रहण योग जैसे अशुभ योग का निर्माण होता है. जिन लोगों की जन्म कुंडली में इनसे जुड़े योग बनते हैं, उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है.


राहु कौन है?
पौराणिक कथा के अनुसार राहु और केतु एक ही राक्षस के दो भाग हैं. समुद्र मंथन के दौरान छल से स्वरभानु नाम के एक राक्षस ने अमृत पी लिया था. लेकिन सूर्य और चंद्रमा ने इसकी खबर भगवान विष्णु को दे दी, उन्होने तुरंत ही सुर्दशन चक्र से स्वरभानु का सिर, धड़ से अलग कर दिया है. लेकिन अमृत की कुछ बूंदे गले से नीचे उतरने के कारण मर कर भी ये दोनों अमर हो गए और सिर वाला हिस्सा राहु और धड़ वाले हिस्से को केतु कहा गया है. इस बात का बदला लेने के लिए राहु और केतु समय-समय पर सूर्य और चंद्रमा पर हमला करते हैं, उसे जकड़ने का प्रयास करते हैं. इससे सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण की स्थिति बनती है.


राहु देता है बुरी आदतें
जन्म कुंडली में राहु यदि अशुभ है तो व्यक्ति को नशे की लत प्रदान करता है, इसके साथ ही उसकी संगत को भी गलत बनाता है. उसे बुरे कार्यों में लिप्त कर देता है. राहु को भ्रम और छाया ग्रह भी बताया गया है. राहु व्यक्ति को भ्रम भी प्रदान करता है. कभी कभी बुरी लत के कारण व्यक्ति अपना संपूर्ण जीवन बरबाद कर लेता है. प्रतिभावान व्यक्ति के जीवन में राहु की अशुभता के कारण, संघर्ष की स्थिति बनी रहती है. ऐसा व्यक्ति तनाव और साजिशों से जूझता रहता है. छिपे हुए शत्रु हानि पहुंचाते रहते हैं तथा अज्ञात भय की स्थिति बनी रहती है. राहु अपयश भी प्रदान करता है. व्यक्ति के मान सम्मान में भी कमी लाता है.


राहु का उपाय
राहु यदि अशुभ फल प्रदान कर रहा है तो इसके लिए इन उपायों को अपनाना चाहिए. इससे राहु की शांति होती है. राहु को शांत और शुभ बनाने के लिए रसोई में वैठकर भोजन करना चाहिए. चंदन का तिलक लगाएं. चोटी रखें. ठोस चांदी का हाथी घर में रखें. इसके साथ ही पानी की कमी शरीर में न होने दें. गुरु का उपाय करने और माता सरस्वती की पूजा करने से भी राहु की अशुभता दूर होती है.


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