Rahu: राहु को शांत रखने से व्यक्ति गलत संगत और नशे की लत से रहता है दूर, जानें राहु के उपाय
Rahu: राहु को ज्योतिष शास्त्र में पाप ग्रह माना गया है. जन्म कुंडली में राहु अशुभ हो तो गलत संगत और नशे की लत जैसी बुरी आदतें भी प्रदान करता है.
Rahu: राहु को नव ग्रहों में महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है. राहु को पाप ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है. राहु के बारे में कहा जाता है कि ये अत्यंत रहस्मय ग्रह है. कलियुग में इस ग्रह को एक प्रभावी ग्रह माना गया है. राहु शुभ होने पर जहां व्यक्ति को रातों-रात रंक से राजा बनाने की क्षमता रखता है वहीं अशुभ होने पर राहु व्यक्ति का जीवन कष्ट और परेशानियों से भर देता है. ऐसे व्यक्ति को छोटी-छोटी चीजों को पाने के लिए भी बहुत अधिक संघर्ष करना पड़ता है. इसलिए राहु को शांत रखना बहुत ही आवश्यक हो जाता है.
राहु की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार राहु और केतु, स्वरभानु नाम के राक्षस के दो हिस्से हैं. स्वरभानु ने छल से समुद्र मंथन से निकले अमृत को पीने का प्रयास किया था, लेकिन लेकिन सूर्य और चंद्रमा ने इसे देख लिया और भगवान विष्णु को इसकी जानकारी दे दी. भगवान विष्णु ने तुरंत ही सुर्दशन चक्र से स्वरभानु का सिर, धड़ से अलग कर दिया है. लेकिन अमृत की कुछ बूंदे गले से नीचे उतरने के कारण मर कर भी अमर हो गया. जिसके चलते सिर वाला हिस्सा राहु और धड़ वाला हिस्सा केतु कहलाया.
जीवन में अचानक होने वाली घटनाओं का कारक है राहु
राहु को जीवन में घटित होनी वाली घटनाओं का कारक माना गया है. राहु को भ्रम का भी कारक माना गया है. राहु को ज्योतिष में छाया ग्रह भी बताया गया है. राहु को बहुत ही रहस्मय बताया गया है. इसी कारण राहु प्रधान व्यक्ति को समझने में मुश्किल आती है. ऐसे लोग झूठ बोलने और काम निकालने में भी माहिर होते हैं. राहु शुभ होने पर व्यक्ति कुशल प्रशासक, अच्छा जासूस, कूटनीतिज्ञ और दूसरों को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाला होता है.
राहु देता है बुरी आदतें
जन्म कुंडली में राहु यदि अशुभ है तो व्यक्ति को नशे की लत प्रदान करता है, इसके साथ ही उसकी संगत को भी गलत बनाता है. उसे बुरे कार्यों में लिप्त कर देता है. राहु को भ्रम और छाया ग्रह भी बताया गया है. राहु व्यक्ति को भ्रम भी प्रदान करता है. कभी कभी बुरी लत के कारण व्यक्ति अपना संपूर्ण जीवन बरबाद कर लेता है. प्रतिभावान व्यक्ति के जीवन में राहु की अशुभता के कारण, संघर्ष की स्थिति बनी रहती है. ऐसा व्यक्ति तनाव और साजिशों से जूझता रहता है. छिपे हुए शत्रु हानि पहुंचाते रहते हैं तथा अज्ञात भय की स्थिति बनी रहती है. राहु अपयश भी प्रदान करता है. व्यक्ति के मान सम्मान में भी कमी लाता है.
बुरी संगत और नशे की आदत भी देता है राहु
राहु अशुभ होने पर व्यक्ति को बुरी संगत देता है. ऐसे व्यक्ति गलत लोगों के साथ अधिक समय बिताते हैं. ऐसे लोगों के संबंध अपराधियों से भी होते हैं. राहु व्यक्ति को नशे का आदी भी बनाता है. ऐसे लोग नशे की लत में इतने जकड़ चुके होते हैं कि उसे छोड़ना इनके लिए मुश्किल हो जाता है. राहु और केतु के संयोग से ही कालसर्प दोष का निर्माण होता है. ज्योतिष शास्त्र में इसे सबसे अशुभ योगों में से एक माना गया है.
राहु शांति के उपाय
राहु जैसे ही खराब फल देने लगे तो तुरंत ही उपाय करना चाहिए. राहु बहुत जल्दी असर दिखाता है. राहु को शांत करने के लिए रसोई में वैठकर भोजन करना चाहिए. चंदन का तिलक लगाना चाहिए. चोटी रखने से भी राहु का दोष दूर होता है. ठोस चांदी का हाथी घर में रखना चाहिए. गुरु की सेवा करने और सरस्वती मां की पूजा करने से भी राहु की अशुभता दूर होती है. भगवान शिव की पूजा करने से भी राहु शांत होता है.
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