Rahu Remedies: कुंडली में राहु और केतु (Rahu-Ketu In Kundali) का व्याप्त होना, व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएं पैदा कर देता है. जीवन में अस्थिरता आ जाती है. राहु और केतु को छाया ग्रह (Rahu-Ketu Chhaya Grah) माना जाता है. कहते हैं कि कुंडली में इनकी छाया होने से बनते काम भी बिगड़ जाते हैं. वहीं, हिंदू पंचाग (Hindu Calander) के अनुसार राहु काल (Rahu Kaal) में कोई शुभ कार्य करने की भी मनाही होती है. हालांकि, कुछ अवसर में राहु-केतु (Rahu-Ketu) शुभ फलदायी भी होते हैं.
ज्योतिषियों का कहना है कि राहु और केतु के बीच में सभी शुभ और अशुभ ग्रहों के आ जाने से कालसर्प दोष लगता है. इसका व्यक्ति के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलता है. कहते हैं कि अगर किसी जातक की कुंडली में राहु कमजोर स्थिति में होता है या फिर विवाह घर में विराजमान होता है तो उस जातक की शादी में देरी होती है. अगर आप भी राहु दोष से पीड़ित हैं, तो इन्हें दूर करने के लिए कुछ आसान से उपायों को अपनाया जा सकता है. आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में.
राहु के दोषों को दूर करने के उपाय (Rahu Upay)
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान शिव (Lord Shiva) और विष्णु जी की पूजा-अर्चना (Vishnu Puja) करने से राहु-केतु का प्रभाव (Rahu-Ketu Effect) कम होता है. साथ ही, सोमवार और शनिवार के दिन जल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर अर्घ्य देने से राहु के प्रभाव कम होते हैं.
-वहीं, अगर आपकी कुंडली में राहु दोष (Rahu Dosh In Kundali) है, तो नियमित रूप से राहु मंत्र (Rahu Mantra) ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः का जाप करना चाहिए. कहते हैं कि इस मंत्र के जाप से भी राहु दोष (Rahu Dosh) से मुक्ति मिलती है.
- राहु दोष (Rahu Dosh) से मुक्ति पाने के लिए जल में कुश डालकर प्रतिदिन स्नान करें.
-ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि राहु दोष से पीड़ित जातकों को शनिवार के दिन मीठी चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए.
- गुरुवार के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा-अर्चना करने से राहु दोष के प्रभावों को दूर किया जा सकता है.
- नियमित रूप से ॐ नमः शिवाय और महामृत्युंजय मंत्र जाप से भी राहु-केतु दोष दूर करने में मदद मिलती है. इसके लिए कम से कम एक माला ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप नियमित रूप से करना चाहिए.
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