Rahul Gandhi in Parliament: संसद में राहुल गांधी ने क्यों दिखाई भगवान शिव की फोटो? जानें इसका धार्मिक मतलब
Rahul Gandhi in Parliament: 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद के पहले सत्र के 6वें दिन राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष चुने गए. 1 जुलाई को उन्होंने शिव की फोटो दिखाकर कहा,शिव से कभी न डरने की शक्ति मिलती है.
Rahul Gandhi Parliament Session: 18वीं लोकसभा (Lok Sabha) के गठन के बाद ससंद (Parliament) का पहला सत्र चल रहा है और सोमवार 1 जुलाई 2024 को सदन की कार्यवाही का छठवां दिन था.
कांग्रेस (Congress) नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष चुने जाने के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आक्रामक तरीके से जोरदार भाषण दिया. उन्होंने सबसे पहले संविधान (Constitution) की कॉपी लेकर भाषण की शुरुआत की.
लेकिन सदन की कार्यवाही तब अधिक आक्रामक हो गई जब राहुल गांधी ने भगवान शिव (Lord Shiva) की तस्वीर सदन में दिखाई. इसके बाद उन्होंने विभिन्न धर्मगुरुओं की भी तस्वीर दिखाई. साथ ही उन्होंने सिख, ईसाई, इस्लाम और बुद्ध जैसे विभिन्न धर्मों का सहारा लेते हुए कहा कि, सभी धर्मों से हमें यह सीख मिलती है कि- डरो मत, डराओ मत.
राहुल गांधी ने सदन में क्यों दिखाई शिवजी की तस्वीर (Rahul Gandhi why show Lord Shiva photo in Parliament): जब राहुल गांधी ने सदन में शिवजी की तस्वीर दिखाई तो उन्हें स्पीकर द्वारा टोकते हुए कहा गया कि, यह नियमों के उचित नहीं है. हालांकि राहुल गांधी ने कहा कि, भगवान शिव की तस्वीर के जरिए मैं कुछ बताना चाहता हूं. उन्होंने, भगवान शिव के गले में लिपटे सर्प, हाथ में डमरू-त्रिशूल और हाथ की मुद्रा का व्याख्या करते हुए सत्ता पक्ष पर निशाना साधा.
राहुल गांधी ने कहा कि, शिवजी से हमें कभी न डरने की शक्ति मिलती है. शिवजी से हमें सत्य से कभी पीछे न हटने की प्रेरणा मिलती है. राहुल गांधी ने कहा कि, शिवजी के बाएं हाथ में त्रिशूल अहिंसा का प्रतीक है. अगर दाएं हाथ में होता तो यह हिंसा का प्रतीक होता. सत्य, साहस और अहिंसा की हमारा संबल है.
पौराणिक मान्यता के अनुसार भोलेनाथ का त्रिशूल तीन कालों को दर्शाता है. जो भूत , वर्तमान और भविष्य के बारे में बताता है. शिव जी के हाथ में त्रिशूल इस बात का प्रतीक है कि भगवान शिव के अधीन ही तीनों काल है. शिवजी का त्रिशूल तीन तत्वों को भी दर्शाता है जो सत, तम और रज गुण का प्रतीक है .
अभय मुद्रा पर क्या बोले राहुल: राहुल गांधी ने सदन में बुद्ध धर्म (Buddhism) के बारे में भी कहा. उन्होंने भगवान बुद्ध के अभय मुद्रा (Abhaya Mudra) का जिक्र करते हुए कहा कि, इस मुद्रा से यह सीख मिलती है कि, डरो मत-डराओ मत. धार्मिक पुस्तकों में अभय मुद्रा पर विस्तार से बताया गया है. संस्कृत में अभय का अर्थ है निर्भयता बताया गया है. जो सुरक्षा, शांति और भय को दूर करने का प्रतीक है, इस मुद्रा को दाहिने हाथ को कंधे तक उठाकर, हाथ को मोडकर करके, हथेली को बाहर की ओर करके और उंगलियों को सीधा जोड़कर बनाया जाता है.
विभिन्न धर्मों पर क्या बोले राहुल गांधी: भगवान शिव की फोटो दिखाने के साथ ही राहुल गांधी ने इस्लाम (Islam) और कुरान का भी जिक्र किया. साथ ही जीजस और गुरु नानक (Guru Nanak) की भी तस्वीर दिखाई. उन्होंने कहा कि, कुरान में लिखा है कि, डरना नहीं है. जीजस भी कहते हैं कि डरो मत, डराओ मत. राहुल गांधी ने कहा कि, सभी धर्म में अहिंसा की बात कही गई है और डर मिटाने की बात कही गई है.
राहुल गांधी ने क्यों कहा, सत्ता पक्ष वाले हिंदू नहीं: राहुल गांधी ने कहा कि सभी धर्मों में अहिंसा की बात कही गई है. हमारा देश अहिंसा का देश है. अहिंसा हिंदुओं का प्रतीक है और ऐसे में सत्ता पक्ष वाले हिंदू नहीं हो सकते. क्योंकि हिंदू (Hindu) हिंसा, डर और नफरत नहीं फैला सकते.
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