Kajari Teej 2024: कजरी तीज से पहले 'सिंजारा' का पर्व आज, जानें इससे जुड़ी विशेष बातें
Kajari Teej 2024: जोधपुर शहर से सिंजारा यानि धमोली की शुरू हुई परंपरा आज पूरे देश में धूमधाम से मनाई जाती. जोधपुर के अलावा जयपुर, बीकानेर, अजमेर, दिल्ली और मुंबई में भी इस पर्व को मनाया जाता है.
Kajari Teej 2024: कजरी तीज से पहले यानि आज 21 अगस्त को मनाए जाने वाले सिंजारा (Sinjara) यानि धमोली की तैयारियां जोरों शुरू हो गई हैं. राजस्थान में इस पर्व को एक खास तरह से मनाया जाता है. इस अवसर पर महिलाएं विशेष रूप से घरों में पकवान बनाती है. पूरी, गट्टे की सब्जी,आलू की सब्जी और कबूली (नमकीन चावल) और बाजार से मिठाई नमकीन मंगाई जाती है.
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने इस पर्व के मनाने के बारे में बताया कि 22 अगस्त को बड़ी तीज यानी सातुड़ी तीज या कजली तीज (Kajari Teej 2024) हैं. महिलाओं द्वारा इस दिन पूरे दिन सिर्फ पानी पीकर उपवास किया जाता है.
सिंजारा मानने की विधि (Sinjara Vidhi)
शाम को तलाई पूजा करने के बाद चंद्रदेव के दर्शन के बाद सत्तू, ऋतुफल और फैदड आदि परोसकर व्रत खोलती हैं. 21 अगस्त 2024 को दोपहर के बाद से रातभर और अलसुबह सूर्य उदय से पहले धमोली की जाती है.
इसमें भोर सुबह में सूर्योदय से पहले भांति- भांति की मिठाई, फल और पकवानों आदि का नाश्ता किया जाता है. अलसुबह इन पकवानों का आनंद लेने के बाद अच्छी तरह से कुल्ला करके एक बार पुनः सोने की परम्परा है. बिल्कुल उसी तरह जैसे करवा चौथ में सरगी की जाती है.
तीज (Teej) के दिन तीजणियां सुबह नहा धोकर मंदिरों में दर्शन के लिए जाती है. महिलाएं सोलह बार झूला झूलती है. उसके बाद ही पानी पीती है.
'सिंजारा' सामग्री लिस्ट
सिंजारा की सुहाग की चीजों का शामिल किया जाता है जो इस प्रकार हैं-
- हरी चूड़ी
- काजल
- मेहंदी
- नथ
- बिंदी
- सिंदुर
- गजरा
- सोने के आभूषण
- मांग टीका
- कमरबंद
- बिछिया
पायल - झुमके
- बाजूबंद
- अंगूठी
- कंघा आदि.
वहीं मिठाई में घेवर, रसगुल्ला, मावे की बर्फी भेजी जाती है. इसके अलावा बहू-बेटी के लिए कपड़े भेजे जाते हैं.
सिंजारा कहां से आता है
सिंजारा का दिन सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है. सिंजारा में मिठाई और श्रृंगार का सामान दिया जाता है. यदि बेटी ससुराल में है तो ये सिंजारा उसके मायके से भेजा जाता है और अगर बहू मायके में है तो सिंजारा ससुराल से आता है.
हालांकि कई जगह पर ससुराल से सिंजारा शादी केवल पहले वर्ष में दिया जाता है. सिंजारा में आई मेहंदी को महिलाएं अपने हाथों में रचाती हैं और फिर अगले दिन हरियाली तीज का व्रत रखती हैं.
राजस्थान से मुंबई तक इस पर्व की धूम
जोधपुर शहर से शुरू हुई यह परंपरा आज पूरे देश में धूमधाम से मनाई जा रही है यानी धमोली का धमाल आप जोधपुर के अलावा जयपुर, बीकानेर, अजमेर, दिल्ली और मुंबई शहर में भी मनाया जाता है.
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