Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के स्नेहिल बंधन का प्रतीक है. बहनें इस दिन भाई के स्वस्थ रहने तथा दीर्घायु होने की कामना करती हैं. बहन से राखी बंधवाते समय उसका भाई उसकी रक्षा करने तथा हर सुख-दुःख में साथ देने का वचन देता है. इस साल रक्षाबंधन कब मनाया जाएगा, राखी बांधने का मुहूर्त क्या है, भद्रा काल समय भी यहां जान लें.


द्रौपदी ने बांधी थी कान्हा को ये राखी


शिशुपाल वध के समय श्रीकृष्ण (Krishna) की उंगली में लगी चोट को बांधने के लिए द्रौपदी (Draupadi) ने अपनी साड़ी को फाड़कर उनकी उंगली बांधी थी. इसके बदले में चीर हरण के समय भगवान ने हजारों गुणा वस्त्र अपनी बहन को लौटाए थे और उनकी मर्यादा की रक्षा की थी. यही प्रयास हम सब भाइयों का अपनी बहनों के प्रति होना चाहिए.


भद्रा का साया (Bhadra kaal time on Rakhi 2024)


इस बार राखी पर भी भद्रा का साया है और भद्राकाल (Bhadra kaal) में भूलकर भी राखी नहीं बांधनी है. अन्यथा अनिष्ट हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि सूर्य और छाया की पुत्री, और शनि की बहन भद्रा का स्वभाव बहुत उग्र है. साथ ही भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य करना भद्रा का अपमान माना जाता है.



  • भद्राकाल समय - 19 अगस्त को सुबह 3 बजकर 5 मिनट - दोपहर 1 बजकर 33 मिनट तक भद्रा रहेगी.


शास्त्रों में भद्रा को बताया अशुभ (Bhadra Katha)


भद्रा हमेशा एक जगह नहीं टिकती. ये स्वर्ग, धरती और पाताल में घूमती रहती हैं. लेकिन जब ये पृथ्वी पर रहती हैं तो अमंगल का योग बनाती हैं. इसके लिए शास्त्रों में स्पष्ट कहा गया है.



  • मृत्युलोके स्थिता भद्रा सर्व कार्य विनाशनी


मृत्युलोक अर्थात धरती पर भद्रा सभी कार्यों का विनाश करने वाली हैं. मुहूर्त मार्तंड के अनुसार भी भूलोक में स्थित भद्रा का सदैव त्याग करना चाहिए, क्योंकि यह किसी भी मांगलिक कार्य को पूर्ण नहीं होने देती. इसलिए रक्षाबंधन के दिन लगने वाली भद्रा का समय आप नोट करें और उस बीच राखी न बांधे.


रक्षाबंधन पर पंचक (Panchak on Raksha bandhan 2024)


इस दिन से पंचक भी लग रहा है. 19 अगस्त को सुबह श्रवण नक्षत्र के बाद धनिष्ठा नक्षत्र लगने के कारण यह राज पंचक होगा और इसे अशुभ नहीं माना जाता है.


राखी बांधने के 2 शुभ मुहूर्त (Raksha Bandhan 2024 Shubh muhurat)



  • भद्राकाल बीत जाने के बाद आपको 7 घण्टे और 37 मिनट का समय मिलेगा. दोपहर 1 बजकर 35 मिनट से लेकर रात्रि 9 बजकर 7 मिनट में बनने वाले शुभ मुहूर्त में अपने भाई को राखी बांधे.

  • अमृत मुहूर्त -  3 बजकर 54 मिनटसे 7 बजकर 6 मिनट तक लाभ अमृत बेला है इसमें आप यदि रक्षाबंधन का त्योहार मनाते हैं तो आपका यह त्योहार बहुत शुभकारी होगा.


रक्षाबंधन उपाय (Raksha Bandhan Upay)


ग्रह दोष - रक्षाबंधन का पर्व केवल भाई-बहन के लिए ही नहीं है, बल्कि इस दिन ग्रह दोष निवारण के लिए विशेष उपाय भी किए जाते हैं. इस दिन कुछ आसान उपायों को करके जीवन की बहुत सी समस्याओं को दूर किया जा सकता है.


नजर दोष - यदि आए दिन आपके घर में कोई ना कोई बीमार रहता है या उसको नजर लग जाती है तो रक्षाबंधन के दिन 7 ईलायची, 7 काली मिर्च, 7 मीटर काले धागे को लेकर काले वस्त्र में बांध दें और पीड़ित व्यक्ति के ऊपर से 7 बार उसार कर पीपल के पेड़ में रख दें व उसके स्वास्थ्य रक्षा की कामना करें.


धन लाभ - आप रूपये-पैसों की तंगी या कर्ज से परेशान हैं, धन संचय नहीं हो रहा है, तो आप रक्षाबंधन के दिन एक हरे रंग का रूमाल या वस्त्र लेकर उसमें तीन मुठ्ठी हरे साबुत मूंग, एक ईलायची, एक लौंग, पांच गोमती चक्र और थोड़ी दूर्वा डालकर उसमें तीन गांठ बांध दें और फिर उसे अपने ऊपर से सात बार उसार दें और उसारने के बाद अपने घर के ईषान कोण में रखकर उसके समक्ष ऋणहर्ता गणेष स्त्रोत का पाठ करें.


भगवान श्रीगणेश जी से निवेदन करें कि मुझे सभी तरह के ऋण से मुक्त करके सुख-समृद्धि व शांति प्रदान करें. ऐसी प्रार्थना करने के पश्चात् उस पोटली को पीपल के पेड़ के नीचे रख दें या बहते जल में प्रवाहित कर दें.


नौकरी-व्यापार की समस्या - नौकरी या व्यापार में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं, तो आप रक्षाबंधन के दिन एक नारियल लेकर उसमें यथा शक्ति 11, 21, 51 रूपये मौली से बांध दें और नारियल पर कुंकुम से तिलक करके अपने ऊपर से 21 बार उसार कर लक्ष्मी मंदिर में चढ़ा दें और नौकरी या व्यापार में आ रही परेशानियों से मुक्त होने की प्रार्थना करें.


विद्या प्राप्ति - आपको विद्या प्राप्ति में अकारण बाधाओं का सामना करना पड़ रहा हो तो ऐसे में आप अपने ऊपर से सवा पाव कलाकन्द उसार कर गाय को खिला दें.


Sawan Purnima 2024: सावन पूर्णिमा पर लक्ष्मी-नारायण योग, इन राशियों की कटेगी चांदी, होगा धन लाभ


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.