Raksha Bandhan 2023 Highlights: 31 अगस्त को भी मनाया जाएगा रक्षाबंधन का त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त

Happy Raksha Bandhan 2023 Muhurat Highlights: इस साल रक्षाबंधन दो दिन यानि 30-31 अगस्त को भी मनाया जाएगा. जानते हैं साल 2023 राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, शुभ योग, विधि से लेकर समस्त जानकारी.

ABP Live Last Updated: 31 Aug 2023 07:09 AM
राखी बांधने का मुहूर्त समाप्त

गुरुवार 31 अगस्त 2023 को राखी बांधने के लिए मुहूर्त सुबह 07:05 मिनट तक ही था.  क्योंकि इसके बाद सावन पूर्णिमा की तिथि समाप्त हो गई.

Today Raksha bandhan Time (आज भी बांधी जाएगी राखी, नोट करें लें राइट टाइम)

31 अगस्त को पूर्णिमा तिथि सुबह 07:05 तक ही रहेगी. जानकारों के अनुसार इस समय तक राखी बांधी जा सकती है.

भद्राकाल हुआ समाप्त, अब राखी बांधने के लिए है शुभ मुहूर्त

30 अगस्त को रात 09:02 मिनट तक ही भद्रा का साया था. अब भद्राकाल समाप्त हो चुकी है और आप रक्षाबंधन का त्योहार मना सकते हैं. राखी बांधने के लिए 30 अगस्त 09:03 से 31 अगस्त सुबह 07:05 तक का समय शुभ रहेगा.

Karnavati and Humayun's Rakhi (कर्णावती और हुमायूं की राखी)

आधुनिक समय से जुड़ी राजपूत रानी कर्णावती की कहानी खूब प्रचलित है. इसके अनुसार रानी कर्णावती ने अपने राज्य की रक्षा के लिए मुगल शासक हुमायूं को राखी भेजी थी. कर्णावती को बहन मानकर हुमायूं ने भी राखी की लाज रखी और उसके राज्य की शत्रुओं से रक्षा की.

किसी भाई को बहन या किसी बहन को भाई न हो तो क्या करें

यदि किसी बहन को भाई न हो तो वह रक्षाबंधन पर भगवान गणेश, श्रीकृष्ण और शिवजी को राखी बांध सकती है. वहीं अगर किसी भाई को बहन न हो तो वह चचेरी या ममेरी बहन से राखी बंधवा सकते हैं या फिर किसी ब्राह्मण से भी राखी बंधवा सकते हैं.

Draupadi Tied Rakhi to Shri Krishna (द्रौपदी ने कृष्ण को बांधी थी राखी)

मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान कृष्ण के हाथ पर चोट लगी थी तो द्रौपदी ने अपनी साड़ी से कुछ टुकड़ा फाड़कर चोट वाले स्थान पर बांधा था. द्रौपदी की इस उदारता के लिए श्री कृष्ण ने उन्हें वचन दिया था कि, वो उसकी हमेशा रक्षा करेंगे. इसलिए चीरहरण के समय भगवान कृष्ण ने आकर द्रौपदी की रक्षा की और उसकी लाज बचाई.

Lakshmi Ji tied Rakhi to Raja Bali (मां लक्ष्मी ने राजा बलि को बांधी थी रक्षासूत्र)

एक बार मां लक्ष्‍मी ने राजा बलि को रक्षासूत्र बांधकर उनसे भगवान विष्‍णु को मांगा था. बार राजा बलि ने यज्ञ का आयोजन किया. उनकी परीक्षा लेने के लिए विष्णुजी वामनावतार में आए और राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी. बलि ने दानवीर था तो उसने हां कह दिया. वामनावतार ने दो पग में सारी धरती और आकाश नाप लिया. यह माया देख बलि समझ गए कि, भगवान उनकी परीक्षा ले रहे हैं. तीसरा पग रखने के लिए उन्होंने भगवान के सामने अपना सिर आगे कर दिया. उसने कहा, अब तो मेरा सबकुछ चला गया है. प्रभु आप मेरी विनती स्वीकार कर लें और मेरे साथ पाताल में चलकर रहें. भगवान को बलि की बात माननी पड़ी और विष्‍णुजी बैकुंठ छोड़कर पाताल चले गए.


फिर देवी लक्ष्मी ने भेष बदलकर राजा बलि को राखी बांधी. बलि ने कहा, मेरे पास आपको देने के लिए कुछ नहीं है. देवी लक्ष्मी अपने रूप में आकर बोलीं आपके पास तो साक्षात श्रीहर‍ि हैं मुझे वही चाहिए. इस तरह से लक्ष्मी जी को बलि ने भगवान विष्णु को सौंप दिया.

Rakshabandhan of Indra and Indrani (इंद्र और इंद्राणी का रक्षाबंधन)

भविष्‍य पुराण की कथा के अनुसार, इंद्र देवता की पत्‍नी शुचि ने उन्‍हें रक्षासूत्र बांधा था. एक बार जब देवराज इंद्र और दानवों के बीच में भीषण युद्ध हुआ था. तब देव गुरु बृहस्पति के कहने पर देवराज की पत्‍नी शुचि ने इंद्र की कलाई पर रक्षासूत्र बांधा. इस रक्षासूत्र की शक्ति से ही इंद्र ने स्वयं अपने और अपनी सेना के प्राण बचाए.

Shravan Kumar Puja in Raksha Bandhan 2023 (रक्षाबंधन पर श्रवण कुमार की पूजा क्यों होती है)

पौराणिक कथा-कहानियों के अनुसार, अयोध्या के राजा दशरथ ने शिकार की तलाश में एक माता-पिता के इकलौते बेटे श्रवण को तीर मार दी थी. जब माता-पिता को पुत्र श्रवण की मृत्यु के बारे में पता चला तो इस खबर ने उन्हें भीतर तक झंकझोर दिया. इस घटना के बाद से ही श्रावण पूर्णिमा के दिन सबसे पहले श्रवण कुमार की पूजा करने का प्रचलन शुरू हुआ और सावन पूर्णिमा के दिन राखी बांधने से पहले श्रवण कुमार की पूजा की जाती है.

What should not be done in Bhadra (राखी बांधने के साथ भद्रा में और कौन से काम नहीं करने चाहिए)

आज पूरे दिन भद्रा रहने के कारण लोग राखी नहीं बांध सकेंगे. आप रात 09:02 के बाद राखी बांध सकते हैं. क्योंकि भद्रा को शुभ कार्यों के लिए अशुभ माना गया है. राखी बांधने के साथ ही भद्राकाल में जनेऊ संस्कार, विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण आदि जैसे कार्य भी वर्जित होते हैं. 

Raksha Bandhan 2023 Gift (रक्षाबंधन पर बहन को भूलकर भी न दें ऐसे तोहफे)

रक्षाबंधन पर सभी भाई अपनी बहन को सामार्थ्यनुसार तोहफे जरूर देते हैं. लेकिन इस दिन नुकीली चीजें जैसे कांटा, छुरी, मिक्सर ग्राइडर, जूसर, आइना, फोटो फ्रेम, जूते-चप्पल, रूमाल आदि चीजें उपहार में न दें.

Raksha Bandhan Par Mehendi Lagane Ka Mahatav (रक्षाबंधन पर मेहंदी लगाने का महत्व)

रक्षाबंधन पर बहने इस दिन को खास बनाने के लिए हर बहन काफी पहले से तैयारी शुरू कर देती है. हाथों में मेहंदी लगाना, सजना, नए कपड़े खरीदना आदि. आप भी इस दिन को खास बनाने के लिए देखे मेहंदी के डिजाइन.

Raksha Bandhan Par Rakhi Kaise Bandhe? (रक्षाबंधन पर राखी कैसे बांधे?)

रक्षाबंधन का दिन भाई-बहन के अनमोल रिश्ते का प्रतीक है. इस दिन राखी बाधंने से पहले इन बातों का विषेश ख्याल रखें -


इस बात का ध्यान रखें भद्रा काल ना चल रहा हो. राखी की थाली सजाएं, थाली में रोली, कुमकुम, अक्षत, दीपक, मिठाई जरुर रखें. बहन- भाई दोनों को अपना सिर ढकना चाहिए. उत्तर दिशा में मुख करके बैठे. फिर भाई के सीधे हाथ में राखी बांधे, तिलक करें और भाई-बहन एक दूसके का मुंह मीठा कराएं, अंत में भाई की आरती उतारें, भाई को बहन के पांव जरुर छूने चाहिए.


 

(Aaj Pure Din Bhadra Kaal Ka Saya) आज पूरे दिन भद्रा काल का साया

30 अगस्त आज सावन की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत सुबह से हो चुकी है. लेकिन भद्रा होने के कारण आज राखी नहीं बांध सकते. भद्रा काल आज रात 9:01 मिनट तक रहेगा. इसके बाद राखी बांधी जा सकती है.

Kaun Si Bhadra Achi Hoti hai? (भद्रा कौन सी अच्छी होती है?)

शुक्ल पक्ष की चतुर्थी व एकादशी और कृष्ण पक्ष की तृतीया व दशमी तिथि वाली भद्रा दिन में शुभ होती है, केवल रात्रि में अशुभ होती है.
शुक्ल पक्ष की अष्टमी व पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की सप्तमी व चतुर्दशी तिथि वाली भद्रा रात्रि में शुभ होती है, केवल दिन में अशुभ होती है.

Kya Raat Mein Rakhi Bandh Sakte Hain? (क्या रात में राखी बांध सकते हैं?)

साल 2023 में रक्षाबंधन का मुहूर्त 30 अगस्त की रात में 9:01 मिनट के बाद शुरु होगा. 30 अगस्त को पूरे दिन भद्रा का साया है. जिस वजह से आप रात को 9:01 मिनट के बाद राखी बांध सकते हैं. इस बात का फर्क नहीं पड़ता राखी का मुहूर्त सुबह का हो या रात का, राखी बांधना लाभकारी होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भद्राकाल और राहुकाल में राखी बांधना मना है. साल 2023 में राखी बांधने का शुभ मुहूर्त रात का है, इसलिए ये साफ है कि राखी रात में भी बांधी जा सकती है.

Raksha Bandhan 2023 Ki Shubhkamnaye (रक्षाबंधन 2023 की शुभकामनाएं)


Aaj Kitne Baje Se Rakhi Bandh Sakte hai? (आज कितने बजे से राखी बांध सकते हैं?)

आज 30 अगस्त राखी बांधने का शुभ समय हैं रात 9:02 मिनट. इस समय के बाद से राखी बांधी जा सकती है. पूर्णिमा तिथि का आरंभ हो चुका है. 30 अगस्त सुबह 10:59 मिनट से श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि शुरु हो चुकी है.

Rakhi Ka Dusra Naam Kya Hai? (राखी का दूसरा नाम क्या है?)

श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहते हैं.  रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व है.

भद्राकाल में क्यों नहीं बांधनी चाहिए राखी (Bhadrakaal In Raksha Bandhan)

पौराणिक कथाओं के अनुसार, शूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भद्राकाल में ही राखी बांधी थी, जिसके कारण रावण का अंत हुआ. रावण के पूरे कुल का विनाश हो गया. इस वजह से ही भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए. वहीं, एक मान्यता यह भी है कि भद्रा के वक्त भगवान शिव तांडव करते हैं और वो काफी क्रोध में होते हैं. उस समय कुछ भी शुभ कार्य करने पर शिव जी के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए  भद्राकाल में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है.

राशि के अनुसार भाई को बांधे ऐसी राखी (Rakhi According To Zodiac Signs)

मेष- इस राशि के भाई को मालपुए खिलाएं एवं लाल डोरी से निर्मित राखी बांधें.
वृषभ- इस राशि के भाई को दूध से निर्मित मिठाई खिलाएं एवं सफेद रेशमी डोरी वाली राखी बांधें.
मिथुन- इन लोगों को बेसन से निर्मित मिठाई खिलाएं एवं हरी डोरी वाली राखी बांधें.
कर्क- इस राशि के भाई को रबड़ी खिलाएं एवं पीली रेशम वाली राखी बांधें
सिंह- इन लोगों रस वाली मिठाई खिलाएं एवं पंचरंगी डोरे वाली राखी बांधें.
कन्या- इस राशि के भाई को मोतीचूर के लड्डू खिलाएं एवं गणेशजी के प्रतीक वाली राखी बांधें.
तुला- तुला राशि के भाई को हलवा या घर में निर्मित मिठाई खिलाएं एवं रेशमी हल्के पीले डोरे वाली राखी बांधें.
वृश्चिक- इस राशि के भाई को गुड़ से बनी मिठाई खिलाएं और गुलाबी डोरे वाली राखी बांधें.
धनु- इस राशि के भाई को रसगुल्ले खिलाएं और पीली व सफेद डोरी से बनी राखी बांधें.
मकर- इस राशि के भाई को मिठाई खिलाएं एवं मिले जुले धागे वाली राखी बांधें.
कुंभ- कुंभ राशि के भाई को हरी मिठाई खिलाएं और नीले रंग से सजी राखी बांधें.
मीन- इस राशि के भाई को मिल्क केक खिलाएं और पीले-नीले जरी की राखी बांधें.

राखी बांधने से पहले करें गणेश भगवान की पूजा (Rakhi Pujan 2023)

हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणपति के पूजन से होती है. हर मंगल कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा करना जरूरी माना जाता है. इसलिए रक्षाबंधन के दिन भी भाई को राखी बांधने से पहले बहनें बप्पा की आराधना जरूर करें. अगर भाई के साथ आपके संबंध ठीक नहीं रहते हैं या फिर भाई बहुत गुस्सैल है तो राखी बांधने से पहले गणेश जी को दूर्वा घास अर्पित करें. इससे भाई-बहन के संबंध मधुर होते हैं और आयु में वृद्धि होती है.

रक्षा बंधन के विभिन्न नाम (Different Names of Raksha Bandhan)

रक्षा बंधन या राखी को भारत में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. भारत के विभिन्न क्षेत्रों और विभिन्न भाषाओं के साथ, लोग राखी के त्योहार को क्षेत्रीय नामों से मनाते हैं. उत्तर और पश्चिम भारत में, इस उत्सव को “राखी पूर्णिमा” के रूप में जाना जाता है. दक्षिण भारत में, “अवनि अवित्तम” या “उपकर्मम” कहा जाता है. महाराष्ट्र में इसे नारियल पूर्णिमा कहते हैं. मध्य भारत में मुख्य रूप से राखी के खुशी के अवसर को “कजरी पूर्णिमा” के रूप में मनाया जाता है.

राखी बांधने की सही विधि (Rakhi Bandhne Ki Vidhi)

सबसे पहले थाली में राखी, रोली, दीपक, कुमकुम, अक्षत और मिठाई रख लें.  भाई का मुख पूर्व या उत्तर दिशा रखें. इस बात का ख्याल रखें कि तिलक करते वक्त भाई के सिर पर कोई कपड़ा जरूर हो. इसके बाद भाई की आरती करें और हाथ में राखी बांधे. 

30 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त (Raksha bandhan Shubh Muhurt For 30th August)

आज पूर्णिमा के साथ ही भद्रा की भी शुरुआत हो जाएगी. भद्रा 30 अगस्त को रात 09 बजकर 1 मिनट पर खत्म होगा. ऐसे में जो लोग आज रक्षा बंधन मना रहे हैं वो रात में 9 बजे के बाद राखी बांध सकते हैं.

इन चीज़ों के बिना अधूरी है राखी (Rakhi Puja Samagri)

राखी बांधने से पहले राखी की थाल सजाएं. इसमें मिठाई, कुमकुम, अक्षत, दीपक, रुमाल, नारियल राखी जरूर रखें. इनके बिना राखी अधूरी मानी जाती है.  राखी बांधते वक्त सबसे पहले भाई को माथे पर तिलक लगाएं. उसके बाद भाई पर अक्षत छीटें.  बहनें अपने भाई के दाहिने हाथ पर राखी बांधें. राखी बांधने के बाद  बहन भाई की आरती उतारें. अगर भाई बड़ा है तो उसके पैर छूकर भाई से आशीर्वाद लें. 

राखी बांधने का मंत्र (Rakhi Bandhane ka Mantra)

रक्षाबंधन पर भाई को राखी बांधते समय ‘येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचल:।।’ मंत्र का जाप करना चाहिए. भाई की उन्नति के लिए ये शुभ माना जाता है

रक्षाबंधन शुभकामनाएं (Raksha Bandhan 2023 Wishes)


भाई के लिए शुभ है यही राखी (Rakhi Niyam)

भाई बहन का रिश्ता बहुत पवित्र धागे से बंधा होता है इसलिए रक्षाबंधन पर भाई के लिए राखी लेते समय कुछ खास बातों का जरूर ख्याल करें. हमेशा रेशम के धागे या सूती धागे वाली राखी को ही सर्वोतम माना जाता है. इसके बाद सोने और चांदी से बनी राखियां अच्छी होती हैं

रक्षाबंधन 2023 तिथि (Raksha Bandhan 2023 Tithi)


30 अगस्त को इतने समय तक रहेगी भद्रा (Raksha Bandhan 2023 Bhadra Time)

30 अगस्त 2023 को भद्रा सुबह 10.58 मिनट से शुरू हो रही है और यह रात 09.01 मिनट तक है. ऐसे में भद्रा की समाप्ति के बाद राखी बांधना शुभ रहेगा. भद्राकाल में राखी बांधने से भाई की उम्र कम होती है और भाई पर विपदा आती है.

रक्षाबंधन 2023 पर राखी बंधन का मुहूर्त (Raksha Bandhan 2023 Shubh Muhurat)


रक्षाबंधन पर बहन को भूलकर भी न दें ऐसे तोहफे (Raksha Bandhan 2023 Gift)

रक्षाबंधन पर सभी भाई अपनी बहन को सामार्थ्यनुसार तोहफे जरूर देते हैं. लेकिन इस दिन नुकीली चीजें जैसे कांटा, छुरी, मिक्सर ग्राइडर, जूसर, आइना, फोटो फ्रेम, जूते-चप्पल, रूमाल आदि चीजें उपहार में न दें.

रक्षाबंधन पर 700 बाद पंच महायोग (Panch Mahayog in Raksha Bandhan 2023)

इस साल रक्षाबंधन का पर्व बहुत शुभ रहने वाला है. रक्षाबंधन पर 30 अगस्त को सूर्य, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह पंच महायोग बनाएंगे, जिससे राखी बांधने के शुभ फल में कई गुणा वृद्धि होगी.

रक्षाबंधन के नाम का अर्थ क्या है (Meaning Of Raksha Bandhan Name)

रक्षाबंधन का नाम संस्कृत शब्दावली से लिया गया हैं. इसमें रक्षा का अर्थ होता है ‘रक्षा करना’ और बंधन का अर्थ होता है बांधना. रक्षाबंधन में बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती है.

भाई की राशि के अनुसार राखी का रंग (Rakhi Color According to Brother Zodiac)

मेष राशि (Aries) – लाल रंग
वृष राशि (Taurus) – नीला रंग
मिथुन राशि (Gemini) – हरा रंग
सिंह राशि (Leo)– सफेद रंग
कर्क राशि (Cancer)– सुनहरा या पीला रंग
कन्या राशि (Virgo) – हरा रंग
तुला राशि (Libra) – सफेद या सुनहरा सफेद रंग
वॄश्चिक राशि (Scorpio) – लाल रंग
धनु राशि (Sagittarius) – पीला रंग
मकर राशि (Capricorn) – नीला रंग
कुम्भ राशि (Aquarius) – नीला रंग
मीन राशि (Pisces)– सुनहरा, पीला या हल्दी रंग

रक्षाबंधन का सबसे शुभ मुहूर्त (Raksha Bandhan 2023 Shubh Muhurat)

30 अगस्त 2023 को पूरे दिन भद्रा का साया रहेगा. कुछ लोग सूर्यास्त के बाद राखी नहीं बांधते. ऐसे में अगर आप 31 अगस्त को रक्षाबंधन मना रहे हैं तो राखी बांधने के लिए ब्रह्मा मुहूर्त को सबसे शुभ माना गया है. आज 31 अगस्त को सुबह 4:26 से 5:14 के बीच राखी बांध सकते हैं.

रक्षाबंधन के दिन न खाएं ये चीजें (Raksha Bandhan 2023 Food Rule)

रक्षाबंधन के दिन घर पर मांस, मंदिरा या प्याज-लहसुन युक्त तामसिक भोजन से परहेज करें. इस दिन कुछ मीठा जरूर बनाएं और शुद्ध व सात्विक भोजन का ही सेवन करें.

रक्षाबंधन पर ऐसी राखी न बांधे (Do not Tie These Type of rakhi on Raksha Bandhan 2023)

रक्षाबंधन के दिन प्लास्टिक से बनी राखी बिल्कुल भी न बांधे, क्योंकि प्लास्टिक को केतु ग्रह का पदार्थ माना गया है. इसलिए ऐसी राखी बांधना अशुभ होता है. इसके साथ ही टूटी-फूटी या खंडित राखी और अशुभ चिह्नों वाली भी रक्षाबंधन पर न बांधे.

रक्षाबंधन पर भद्राकाल कब से कब तक (Bhadra in Raksha Bandhan 2023)

30 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन सुबह 10:59 से भद्रा लग जाएगी और इसका समापन रात्रि 09:02 पर होगा. ऐसे में रक्षाबंधन पर पूरे दिन भद्रा का साया रहने वाला है. इसलिए आप भद्रा समाप्त होने के बाद ही रात्रि में भाई को राखी बांधे. या फिर अगले दिन 31 अगस्त को सुबह 07:04 तक भी राखी बांध सकते हैं.

Rakhi Kis Haath Mei Pehnaye? (राखी किस हाथ में पहननी है?)

बहन को अपने भाई को दाहिने हाथ की कलाई पर राखी पहनानी चाहिए. यानि भाई के सीधे हाथ में राखी बांधना शुभ होता है.

Kya Raat Mei Rakhi Bandh Sakte Hain? (क्या राखी रात में बांध सकते हैं?)

साल 2023 में रक्षाबंधन का मुहूर्त 30 अगस्त की रात में 9:01 मिनट पर शुरु होगा. 30 अगस्त को पूरे दिन भद्रा का साया है. जिस वजह से आप रात को 9:01 मिनट के बाद राखी बांध सकते हैं. मुहूर्त चाहे दिन का हो या रात का शुभ मुहूर्त में राखी बांधना लाभकारी होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भद्राकाल में राखी बांधना वर्जित है. इस साल राखी बांधने का शुभ रात का है, इसलिए ये साफ है कि राखी रात में भी बांधी जा सकती है.

What is Bhadra Kaal? (भद्रा काल क्या होता है?)

भद्रा काल को शुभ नहीं माना जाता. इसीलिए इस काल के समय कोई शुभ काम नहीं किया जाता. इसीलिए इस काल के समय राखी बांधने पर भी मनाई है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रावण की बहन ने इसी काल में रावण को राखी बांधी थी, इसीलिए रावण का अंत श्री राम के हाथों हुआ.


भद्रा सूर्य देव और माता छाया की पुत्री है और शनि देव की बहन. भद्रा का जन्म दैत्यों का विनाश करने के लिए हुआ था.

Raksha Bandhan Ki Kaise Hui Shuruvat? (रक्षाबंधन की कैसे हुई शुरुआत?)

एक बार असुर और देवताओं के बीच युद्ध हुआ और इस युद्ध में असुर काफी हावी हो गए. जिसकी वजह इंद्र की पत्नी शचि को अपने पति और देवताओं की चिंता सताने लगी. फिर उन्होंने इंद्र के लिए एक शक्तिशाली सुरक्षात्मक धागा बनाया. कहा जाता है कि तभी से शुभ कार्य में जाने से पहले हाथ में मौली बांधने की परंपरा शुरू हुई. रक्षाबंधन के त्योहार की भी शुरुआत तभी से मानी जाती है.

पहली राखी किसने बांधी? (Pehli Rakhi Kisne Bandhi?)

एक बार राजा बलि ने अश्वमेघ यज्ञ कराया था, उस समय भगवान विष्णु ने बौने का रुप धारण किया और राजा बलि से 3 पग भूमि दान में मांगी. राजा बलि इसके लिए तैयार हो गए और जैसे ही उन्होंने हां कहा, वामन रुपधारी भगवान विष्णु ने धरती और आकाश को अपने दो पगों से नाप दिया. इसके बाद उनका विशाल रुप देखकर राजा बलि ने अपने सिर उनके चरणों में रख दिया. फिर भगवान से वरदान मांगा कि जब भी मैं भगवान को देखूं तो आप ही नजर आएं. हर पल सोते जागते उठते बैठते आपको देखना चाहता हूं. भगवान ने उन्हें वरदान दिया और उनके साथ रहने लगे. 


जिसके बाद माता लक्ष्मी परेशान हो गईं और नारद मुनि को सारी बात बताई. नारद जी ने कहा कि आप राजा बलि को अपना भाई बनाकर भगवान विष्णु के बारे में पूछो. इसके बाद माता लक्ष्मी राजा बलि के पास रोते हुए पहुंची तो राजा ने पूछा कि आप क्यों रो रही हैं, मुझे बताइए मैं आपका भाई हूं. यह सुनकर माता लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधी और भगवान विष्णु को मुक्त करने का वचन लिया. तभी से रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है.

रक्षा बंधन 2023 में कितने दिन बाकी हैं? (Rakshabandhan 2023 How many Days Left?)

रक्षाबंधन का पर्व साल 2023 में दो दिन मनाया जाएगा. इस हिसाब से देखे तो 30 अगस्त को रात 9:01 मिनट के बाद आप इस पर्व को मना सकते हैं, वहीं जो लोग 31 अगस्त के दिन राखी बांधेंगे वो सुबह 5:55 मिनट से  7:05 मिनट तक राखी बांध सकते हैं.

रक्षाबंधन कब है 2023 शुभ मुहूर्त? (Raksha Bandhan Kab Hai 2023?)

30 अगस्त के दिन अपने भाई को राखी बांधना चाहते हैं तो रात 9:01 मिनट के बाद बांधे. वहीं 31 अगस्त की बात करें तो इस दिन आप सुबह 5:55 मिनट से  7:05 मिनट तक राखी बांध सकते हैं.

रक्षाबंधन कब है 2023 शुभ मुहूर्त? (Raksha Bandhan Kab Hai 2023?)

साल 2023 में रक्षाबंधन दो दिन मनाया जाएगा, यानि 30 और 31 अगस्त दोनों ही दिन आप राखी बांध सकते हैं. लेकिन इस साल 30 अगस्त को पूरे दिन भद्रा काल का साया होने की वजह से 30 अगस्त के दिन मुहूर्त का समय बहुत कम है.

बैकग्राउंड

Raksha Bandhan 2023 Highlights: 30 और 31 अगस्त 2023 को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा. इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा लग रही है इसलिए ये त्योहार दो दिन मनाया जाएगा. शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन पर सिर्फ शुभ मुहूर्त में ही भाई को राखी बांधनी चाहिए. इसके लिए भद्रा काल जरुर देखें, क्योंकि भद्रा में राखी बांधना अशुभ माना जाता है.


सावन पूर्णिमा पर हर साल रक्षाबंधन के दिन बहनें भाई की उन्नति, अच्छे स्वास्थ और उज्जवल भविष्य के लिए उसकी कलाई पर रक्षासूत्र बांधती हैं, बदले में भाई भी बहन को उपहार और उसकी रक्षा का वचन देते हैं. आइए जानते हैं साल 2023 में रक्षाबंधन का मुहूर्त, शुभ योग, विधि से लेकर समस्त जानकारी.


रक्षाबंधन 2023 का महत्व


रक्षाबंधन का पर्व प्राचीन काल से ही मनाया जाता आ रहा है. राजा महाबलि जब भगवान विष्णु को अपने साथ पाताल ले गए थे तो मां लक्ष्मी ने उन्हें वापस पाने के लिए ब्राह्मणी बनकर राजा महाबलि को राखी बांधी थी और उनसे विष्णु जी को वापस बैकुंठ ले जाने का वचन मांगा था, जिसे महाबलि ने पूरा किया.


ये त्योहार हर युग में मनाया गया है. द्वापर युग में जब शिशुपाल का वध करते समय सुदर्शन चक्र से श्रीकृष्ण की उंगली कट गई तो द्रोपदी ने अपनी साड़ी पल्लू फाड़कर उनकी उंगली में बांध दिया. कान्हा ने द्रोपदी को वचन दिया कि वह उन्हें भाई की तरह हर समय उनकी रक्षा करेंगे.


रक्षाबंधन 2023 तिथि


श्रावणी या सावन पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 30 अगस्त सुबह 10:58 मिनट से हो रही है और इसका समापन 31 अगस्त को सुबह 07:05 मिनट पर होगा. 30 अगस्त को रक्षा बंधन मनाया जाएगा, लेकिन पूरे दिन भद्रा होने से रात में रक्षा सूत्र बांधने के मुहूर्त रहेगा. पूर्णिमा तिथि शुरू होने पर ही भद्रा भी शुरू हो जाएगी, जो कि रात में 09.01 बजे तक रहेगी. ऐसे में 30 अगस्त की रात में 09.02  से 31 अगस्त की सुबह 7.35 तक रक्षा सूत्र बांध सकेंगे.

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