Raksha Bandhan 2024 Highlight: रक्षाबंधन आज, राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, भद्रा का समय भी यहां जान लें
Raksha Bandhan 2024 Highlight: रक्षाबंधन यानि राखी का त्योहार 19 अगस्त 2024 को है. राखी (Rakhi) बांधने के लिए इस दिन कौन से शुभ मुहूर्त हैं, भद्रा काल कब तक रहेगा, यहां जानें सभी जानकारी.
- माता अपने पुत्र को.
- बेटी अपने पिता को.
- बहन-भाई को.
- विद्यार्थी अपने गुरु को.
- ब्राह्मण किसी क्षत्रिय, वैश्य या शूद्र को.
- पोते-पोती अपने दादा-दादी को.
- मित्र अपने मित्र को.
- पत्नी अपने पति को.
- माता अपने पुत्र को.
- बेटी अपने पिता को.
- बहन-भाई को.
- विद्यार्थी अपने गुरु को.
- ब्राह्मण किसी क्षत्रिय, वैश्य या शूद्र को.
- पोते-पोती अपने दादा-दादी को.
- मित्र अपने मित्र को.
- पत्नी अपने पति को.
- भद्राकाल के बाद आपको 7 घण्टे और 37 मिनट का समय मिलेगा. दोपहर 1 बजकर 35 मिनट से लेकर रात्रि 9 बजकर 7 मिनट में बनने वाले शुभ मुहूर्त में अपने भाई को राखी बांधे.
- अमृत मुहूर्त - 3 बजकर 54 मिनटसे 7 बजकर 6 मिनट तक लाभ अमृत बेला है. इसमें आप यदि रक्षाबंधन का त्योहार मनाते हैं तो बहुत शुभकारी होगा.
रक्षाबंधन पर राखी की थाली सजाने के लिए थाली में रोली, कुमकुम, अक्षत, पीली सरसों के बीज दीपक और राखी रखें. फिर भाई को तिलक लगाकर तिलक में अक्षत लगाएं फिर भाई के दाहिने हाथ में राखी बांधें. फिर भाई की आरती उतारें और मिठाई खिलाएं. अगर भाई आपसे बड़ा है तो चरण स्पर्श कर उसका आशीर्वाद लें. अगर बहन बड़ी हो तो भाई को चरण स्पर्श करना चाहिए. राखी बंधवाने के बाद भाइयों को इच्छा और सामर्थ्य के अनुसार बहनों को भेंट देनी चाहिए.
आज रक्षाबंधन के दिन से ही पंचक भी लग रहा है. 19 अगस्त को सुबह श्रवण नक्षत्र के बाद धनिष्ठा नक्षत्र लगने के कारण यह राज पंचक होगा. हालांकि राज पंचक को अशुभ नहीं माना जाता है.
राखी या रक्षासूत्र तीन धागों वाला होना चाहिए. साथ ही राखी के धागे में लाल-पीला रंग जरूर होना चाहिए. कुछ न होने पर आप भाई को श्रद्धापूर्वक कलावा भी बांध सकते हैं. लेकिन टूटी-फूटी या काले रंग की राखी न बांधे.
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि,रक्षे माचल माचल:।
- रक्षाबंधन वाले दिन भाईयों को अपनी बहन से कुछ लेना नहीं चाहिए, बल्कि राखी बंधवाने के बाद उन्हें उपहार या नेग देना चाहिए.
- बहन भाई की कलाई पर राखी बांधते समय उसमें तीन गांठ लगाए.
- राखी बंधवाते समय भाई का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए.
- रक्षाबंधन वाले दिन भाईयों को अपनी बहन से कुछ लेना नहीं चाहिए, बल्कि राखी बंधवाने के बाद उन्हें उपहार या नेग देना चाहिए.
- बहन भाई की कलाई पर राखी बांधते समय उसमें तीन गांठ लगाए.
- राखी बंधवाते समय भाई का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए.
इस वर्ष रक्षाबंधन पर पूरे 90 साल बाद दुर्लभ योग बना है, जिसमें रक्षाबंधन के दिन ही सावन का अंतिम या पांचवा सावन सोमवार व्रत भी रखा जाएगा. साथ ही आज के दिन सर्वार्थ सिद्धि, शोभन और रवि योग के साथ श्रवन नक्षत्र भी रहेगा.
दोपहर 01 बजकर 46 से शाम 4 बजकर 19 तक का समय राखी बांधने के लिए सबसे शुभ मुहूर्त है. इस साल भाई को रक्षासूत्र सुबह के समय नहीं बांधें, क्योंकि सुबह से भद्रा पड़ रही है.
भद्रायां च न कर्तव्यो रक्षाबन्धः शुचिव्रतैः। बद्धा रक्षा तु भद्रायां विपरीतफलप्रदा ॥51॥
अर्थ है- उत्तम व्रत करने वालों को चाहिए कि भद्रा में रक्षाबन्धन न करें. क्योंकि भद्रा में बांधी गई रक्षा विपरीत फल देने वाली होती है.
आज सावन पूर्णिमा सुबह 03 :4 मिनट से लग चुकी है, जिसका समापन रात 11:55 मिनट पर होगा. पूरे दिन पूर्णिमा तिथि रहने पर भी सुबह राखी नहीं बांधी जा सकेगी, क्योंकि इस दिन सूर्योदय से पूर्व ही भद्रा (Bhadra) का साया रहेगा, जिसकी समाप्ति दोपहर 1 बजकर 29 मिनट पर होगी.
पौराणिक कथा के अनुसार लंकापति रावण को उसकी बहन ने भद्रा काल में राखी बांधी थी और उसी साल प्रभु राम के हाथों रावण का वध हुआ था. इस कारण से भद्रा काल में कभी भी राखी नहीं बांधी जाती है. इससे भाई के जीवन पर बुरा असर पड़ता है.
इस साल रक्षाबंधन का त्योहार सोमवार को पड़ रहा है. ऐसे में भोलेनाथ को अक्षत अर्पित करें अक्षत मां लक्ष्मी का प्रतीक है. पद, पैसा और व्यापार-नौकरी में तरक्की पाने के लिए है. इस साल रक्षाबंधन के दिन भाई बहन मिलकर इस दिन चावल, दूध, दही का दान करें.
रक्षाबंधन पर कई सालों बाद लक्ष्मी नारायण योग, शोभन योग, श्रवण नक्षत्र और सावन का आखिरी सोमवार बन रहा है. ऐसे में राखी का त्योहार लकी साबित होगा. रक्षाबंधन के दिन घर में सत्यनारायण की कथा करें. मान्यता है इससे घर में लक्ष्मी की प्राप्ति होती है.
अगर आपका कोई भाई नहीं है, तो गणेश जी, श्रीकृष्ण, शिवजी या अपने ईष्टदेव को रक्षासूत्र बांध सकती हैं. सबसे पहले राखी भगवान को ही बांधी जाती है.
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वां अभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
रक्षाबंधन के दिन 19 अगस्त पंचक की शुरुआत रात 07 बजे होगी. पंचक के 5 दिन अशुभ माने जाते हैं. इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य या शुभ काम नहीं करना चाहिए. ऐसे में पंचक के शुरू होने से पहले ही राखी बांध लें.
चर (सामान्य) - दोपहर 02.06 - दोपहर 03.53
लाभ (उन्नति) - दोपहर 04.43 - शाम 05.19
अमृत (सर्वोत्तम) - शाम 05.119 - शाम 06.55
चर (सामान्य) - शाम 06.55 - रात 08.19
रक्षाबंधन पर भद्रा के प्रारंभ का समय सुबह में 5 बजकर 53 मिनट पर है, उसके बाद वह दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. इस बार वह सुबह से दोपहर 01.32 तक राखी नहीं बांध पाएंगे.
- इस साल रक्षाबंधन पर 19 अगस्त 2024 को राखी बांधने के शुभ मुहूर्त दोपहर 2:07 से रात्रि 08:20 तक रहेगा.
- वहीं प्रदोष काल में शाम 06.57 से रात 09.10 तक राखी बांधना शुभ रहेगा.
बैकग्राउंड
Raksha Bandhan 2024 Highlight: सावन पूर्णिमा पर 19 अगस्त 2024 को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा. राखी (Rakhi) के शुभ दिन पर बहने मायके आती हैं और भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर उसकी सुरक्षा, सलामति, सफलता और समृद्धि की कामना करती है, भाई भी बहन को तौहफा देकर उसकी रक्षा करने का वचन देता है.
राजसूय यज्ञ के समय द्रौपदी ने भगवान कृष्ण को रक्षा सूत्र के रूप में अपने आंचल का टुकड़ा बांधा था. तभी से बहनों द्वारा भाई को राखी बांधने की परंपरा चली आ रही है. राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त पर जरुर विचार किया जाता है, क्योंकि इससे भाई की खुशी, तरक्की जुड़ी होती है. जानें रक्षाबंधन 2024 की सभी महत्वपूर्ण जानकारी.
रक्षाबंधन 2024 तिथि (Raksha Bandhan 2024 Tithi)
पंचांग के अनुसार, इस साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा (Sawan purnima) तिथि 19 अगस्त दिन सोमवार को प्रात: 03:04 से शुरू हो रही है. इस तिथि की समाप्ति 19 अगस्त को ही रात 11:55 पर हो रही है. सावन पूर्णिमा (Sawan Purnima) पर रक्षाबंधन मनाया जाता है.
रक्षाबंधन पर भद्रा (Raksha Bandhan Bhadra kaal)
इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया भी मंडरा रहा है. ऐसे में बहने शुभ मुहूर्त और भद्रा काल समय जरुर देखें. भद्रा में राखी बांधना अशुभ होता है, इससे भाई पर संकट के बादल मंडराने लगते हैं. भद्रा को शास्त्रों में शुभ नहीं माना गया है.
किस समय बांधना चाहिए राखी ? (Rakhi Tied Right Time)
अपराह्न (दोपहर) का समय रक्षा बन्धन के लिये अधिक उपयुक्त माना जाता है जो कि हिन्दु समय गणना के अनुसार दोपहर के बाद का समय है. यदि अपराह्न का समय भद्रा आदि की वजह से उपयुक्त नहीं है तो प्रदोष काल का समय भी रक्षा बन्धन के संस्कार के लिये उपयुक्त माना जाता है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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