नई दिल्लीः आज देशभर में भाई-बहन का त्योहार रक्षाबंधन बड़े धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. रक्षाबंधन को हिंदुओं के प्रमुख त्योहार के रूप में देखा जाता है. रक्षाबंधन को श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. यह भाई-बहन को स्नेह की डोर से बांधने वाला त्योहार है. यह त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है. इस दिन बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और लंबी आयु की कामना करती हैं वहीं भाई अपनी बहनों को रक्षा का वचन देते हैं. इसके साथ ही बहनों को उपहार भी दिए जाते हैं.


रक्षाबंधन पर राखी बांधकर बहनें जहां भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं वहीं भाई भी अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं. राखी बांधने के रक्षाबंधन पर कौन कौन से मुहूर्त हैं, इन बारे में जान लें.


पंचांग: रक्षाबंधन


पंचांग के अनुसार राखी का त्योहार 3 अगस्त को मनाया जाएगा. इस दिन पूर्णिमा की तिथि है विशेष बात ये है कि इस दिन सावन का अंतिम सोमवार भी है. इस कारण से रक्षाबंधन के पर्व का महत्व और भी बड़ जाता है.


रक्षाबंधन का महत्व


पंचांग के अनुसार राखी को शुभ मुहूर्त में ही भाई की कलाई पर बांधा जाना चाहिए. राखी को रक्षा सूत्र भी कहा जाता है. शास्त्रों में रक्षा सूत्र के बारे में गहराई से बताया गया है. महाभारत के युद्ध में युधिष्टिर ने भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर सभी सैनिकों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा था. देवराज इंद्र ने भी इसे धारण कर असुरों पर विजय प्राप्त की थी. रक्षा सूत्र को विजय प्रदान करने वाला माना गया है.


इन शुभ मुहूर्त में राखी बांधें


राखी बांधने का शुभ मुहूर्त-
09:27:30 से 21:17:03 तक


रक्षा बंधन अपराह्न मुहूर्त
दोपहर 01:47:39 से 04:28:56 तक


रक्षा बंधन प्रदोष मुहूर्त
रात्रि 07:10:14 से 09:17:03 तक


drikpanchang.com के अनुसार रक्षाबंधन के दिन सूर्योदय से पहले सुबह स्नान करना चाहिए. जिसके बाद सूर्य देवता और पितृ तर्पण करना चाहिए. मुख्य अनुष्ठान में रक्षाबंधन (राखी) की पूजा करने के बाद उसे भाई की कलाई से बांधना चाहिए.