Happy Ram Navami 2023 Highlight: आज इस मुहूर्त में करें श्रीराम का पूजन और हवन, जानें विधि और उपाय
Happy Ram Navami 2023 Highlight: राम नवमी 30 मार्च 2023 को धूमधाम से मनाई जाएगी. चैत्र नवरात्रि की महानवमी की पूजा भी इसी दिन होगी. यहां जानें संपूर्ण जानकारी
राम नवमी पर श्रीराम के वैसे तो 108 नामों का जाप करना शुभ माना गया है लेकिन इन 20 नामों के जाप से भी पुण्य प्राप्त होता है - रामभद्, रामचंद्र, शाश्वत, राजीवलोचन, राजेंद्र, सत्यव्रत, जितेंद्रिय, धन्वी, महोदर, महाभुज, महायोगी, ब्रह्मण्य, राघव, धनुर्धर, पारग, परेश, आदिपुरुष, परमपुरुषाय, त्रिमूर्ति, त्रिविक्रम
राम-सीता का विवाह हुआ तब श्रीराम ने अपनी पत्नी सीता को उपहार में वचन दिया कि उनके अलावा जीवन में कोई और स्त्री नहीं आएगी. ये सिर्फ उपहार नहीं बल्कि सुख गृहस्थी की नींव है. भगवान राम इस कथन से ये सीख देते हैं कि वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी को एक दूसरे के प्रति भरोसा, सम्मान और गरिमा बनाए रखना चाहिए, इसी से दांपत्य जीवन सुखी रहता है.
आरती कीजै रामचन्द्र जी की।
हरि-हरि दुष्टदलन सीतापति जी की॥
पहली आरती पुष्पन की माला।
काली नाग नाथ लाये गोपाला॥
दूसरी आरती देवकी नन्दन।
भक्त उबारन कंस निकन्दन॥
तीसरी आरती त्रिभुवन मोहे।
रत्न सिंहासन सीता रामजी सोहे॥
चौथी आरती चहुं युग पूजा।
देव निरंजन स्वामी और न दूजा॥
पांचवीं आरती राम को भावे।
रामजी का यश नामदेव जी गावें॥
राम नवमी के दिन शाम के वक्त ऐसे मंदिर जाएं जहां राम सीता के साथ बजरंगबली विराजमना हों. हनुमान चालीसा का पाठ करें और फिर थोड़ा सा हनुमान जी के कंधे से सिंदूर लेकर मस्तक पर लगाएं. साथ ही थोड़ा सिंदूर माता लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करें. मान्यता है ये उपाय धन संबंधी हर समस्या का निवारण करता है.
राम नवमी पर श्रीराम के जन्म के समय ॐ दाशरथये विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि,तन्नो राम प्रचोदयात्॥ इस मंत्र का उच्चारण करते हुए केसर मिश्रित दूध से उनका अभिषेक करें. कहते हैं इससे भगवान राम की कृपा बरसती है और पूजा का फल प्राप्त होता है.
श्री रामचन्द्र कृपालु भज
मन हरण भवभय दारुणाम
नवकंज लोचन, कंज मुख,
कर कंज, पद कंजारुणम
क्रोध को जिसने जीता, जिनकी भार्या हैं सीता
जो भरत, शत्रुघ्न, लक्ष्मण के भ्राता हैं.
जिनके चरणों में हैं हनुमान लला, वो पुरुषोतम राम हैं.
ऐसे मर्यादा पुरुषोतम राम को कोटि-कोटि प्रणाम है.
Happy Ram Navami 2023
राम नवमी के दिन पूजा का सामान, मांगलिक वस्तुएं, पीली वस्तुएं या सोना खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. आप अपनी क्षमता के अनुसार इनमें से कोई भी चीज खरीद सकते हैं. राम नवमी के दिन अपने घर चांदी की हाथी लाएं. माना जाता है कि इससे मान-सम्मान की प्राप्ति होती है. चांदी से बना हाथी ज्योतिष और वास्तु दोनों में ही बहुत शुभ माना गया है. इसे घर में रखने से परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है.
राम नवमी के दिन श्री राम पूजा का मुहूर्त शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 11 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 40 मिनट तक रहेगा. इस दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं. राम नवमी के दिन के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग और गुरु पुष्य योग बन रहा है. इस दिन पूरे दिन खरीदारी का भी शुभ मुहूर्त रहेगा. माना जाता है कि राम नवमी के दिन शुभ मुहूर्त में कुछ चीजें खरीदने से भक्तों पर प्रभु राम की कृपा बरसती है.
भगवान राम का नामकरण रघुवंशियों के कुल गुरु महर्षि वशिष्ठ ने किया था. भगवान राम का जन्म इक्ष्वाकु वंश में हुआ था जिसकी स्थापना भगवान सूर्य के पुत्र राजा इक्ष्वाकु ने की थी. वहीं कहते हैं कि रावण के भाई अहिरावण ने भगवान राम और लक्ष्मण का भी अपहरण किया था. भगवान राम और लक्ष्मण को हनुमान जी ने अहिरावण का वध करके मुक्त कराया था.
राम नवमी पर आज श्रीराम को उनके प्रिय भोग का नेवैद्य लगाएं, इनमें पंचामृत, धनिया पंजीरी, बर्फी, केसर भात, खीर शामिल हैं. कहते हैं इन चीजों का भोग लगाने पर श्रीराम प्रसन्न होते हैं और भक्त को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं
बोले बिहसि महेस तब ग्यानी मूढ़ न कोइ। जेहि जस रघुपति करहिं जब सो तस तेहि छन होइ।
अर्थात - ईश्वर की मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता. ये चौपाई बताती है कि व्यक्ति को इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि वह हमेशा धनवान या कंगाल रहेगा. श्री राम की पूजा करने वाले का भाग्य बदलने में देर नहीं लगती.
राम नवमी के दिन किए गए कुछ खास उपाय विशेष फलदायी माने जाते हैं. अगर आपका दांपत्य जीवन सुखी नहीं है तो आज के दिन पति-पत्नी को साथ में भगवान राम और माता सीता की पूजा करनी चाहिए. माना जाता है कि इससे दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है.
वाल्मीकि रामायण के अनुसार श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल के नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र में हुआ था. इस समय पांच ग्रह अपने उच्च स्थान में थे. इस प्रकार सूर्य मेष में 10 डिग्री, मंगल मकर में 28 डिग्री, ब्रहस्पति कर्क में 5 डिग्री पर, शुक्र मीन में 27 डिग्री पर एवं शनि तुला राशि में 20 डिग्री पर था. श्री राम का जन्म भारतवर्ष में सरयू नदी के पास स्थित अयोध्या नगरी में एक महल में हुआ था.
हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशव।
गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा।।
हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशव।
गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा।।
हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते।
बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्।।
आदौ रामतपोवनादि गमनं हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीव सम्भाषणम्।।
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद्रावण कुम्भकर्णहननं एतदधि रामायणम्।।
रामनवमी के दिन सुंदरकांड का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है. आज के दिन सुंदरकांड का पाठ करने से जीवन में सब मंगल ही मंगल होता है. सुंदरकांड का पाठ सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है. आज के दिन सुंदरकांड का पाठ करने से सारे संकट दूर हो जाते हैं.
प्रभु श्रीराम की पूजा बड़े ही श्रद्धा और भक्ति के साथ करें. आज के दिन घर में रामचरितमानस या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से घर में सुख-शांति का वास होता है. इस दिन व्रत रखने से तन और मन को शक्ति मिलती है. आज के दिन जरूरतमंदों को दान करने से घर में बरकत होती है. आज के दिन ब्राह्नणों को भोजन कराने से पुण्य की प्राप्ति होती है.
रामनवमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें. आज के दिन प्रभु श्री राम के बालरूप की पूजा की जाती है. बालक रामलला को झुले में विराजमान करके झुले को सजाएं. अब ताबें के कलश में आम के पत्ते, नरियल, पान रखकर चावल के ढेर पर कलश स्थापित करें. इसके आसपास चौमुखी दीपक जलाएं. इसके बाद श्री राम को खीर, फल, मिष्ठान, पंचामृत, कमल, तुलसी और फूल माला अर्पित करें. नैवद्य अर्पित करने के बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें.
चैत्र नवरात्रि की महा नवमी 30 मार्च को है. जो लोग पूरे 9 दिन का व्रत रखते हैं वह नवमी तिथि के समाप्त होने के बाद चैत्र नवरात्रि का व्रत खोल सकते हैं. पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल नवमी तिथि 30 मार्च 2023 को रात 11.30 मिनट पर खत्म होगी.
चैत्र नवरात्री की नवमी के दिन माता की पूजा करें और फिर हवन में आम की समधिया, घी, कपूर डालकर अग्नि प्रज्वलित करें. अब पति-पत्नी साथ बैठकर पहले गणेश जी, पंचदेवता, नवग्रह के नाम की आहुति दें. अब ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डयै विच्चै नमः’ बीज मंत्र का 108 बार जाप करते हुए हवन सामग्री डालें. हर मंत्र के बाद स्वाहा जरुर बोलें. अंत में सूखा नारियल और सभी हविष्य हवन कुंड में डालें. अब गीली हल्दी पूरे लाल कपड़े पर लगाएं. जितने लोग हवन में बैठे हैं वह कपड़ को फैलाते हुए पकड़े और ऊं पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा। बोलते हुए कुंड में डाल दें. हवन की भभूत गले और मस्तक पर लगाएं.
महानवमी के दिन माता को कुमकुम, मौली, अक्षत, हल्दी, कमल के फूल अर्पित करें. कन्या भोजन के लिए बनाए प्रसाद हलवा, चना, पूड़ी का प्रसाद चढ़ाएं. ‘ॐ सिद्धिदात्र्यै नम: मंत्र का 108 बार जाप करें. 9 कन्याओं का पूजन कर हवन करें. इसके बाद ही नवरात्रि व्रत का पारण किया जाता है.
ॐ रामचंद्राय नम: - इसके जाप से घर के क्लेश मिटते हैं
'ॐ नमो भगवते रामचंद्राय' - संकट के समय राम जी का ये मंत्र शक्ति प्रदान करता है.
'ॐ रामाय धनुष्पाणये स्वाहा:' - शत्रु परेशान कर रहा है तो राम नवमी पर इस मंत्र का 108 बार जाप करें. शत्रु शांत होगा
राम नवमी के दिन पूजा का सामान, मांगलिक वस्तुएं, पीतल का हाथी, सोना, राम दरबार की तस्वीर घर लाना बहुत शुभ माना जाता है. ये वस्तुएं घर में समृद्धि लाती है. इनसे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. कहते हैं जिस घर में राम दरबार की मूर्ति या तस्वीर होती है वहां परिवार में एकता बनी रहती है.
सिंह राशि - अलग-अलग जगह से धन प्राप्त होगा. नौकरी के अच्छे अवसर मिलेंगे.
तुला राशि - मान-सम्मान बढ़ेगा. आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. दांपत्य जीवन में मिठास आएगी.
वृषभ राशि - लंबे समय से अटका धन मिलेगा. नौकरीपेशा वालों के कार्य की सराहना होगी. उन्नति के प्रबल योग हैं
रामनवमी के दिन केसर युक्त दूध से श्रीराम का अभिषेक करें. एक कटोरी में गंगा जल लेकर राम रक्षा मंत्र 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं रामचन्द्राय श्रीं नम:' का जाप 108 बार करें. अब घर के हर कोने-छत पर इसका छिड़काव करें. मान्यता है इससे घर का वास्तु दोष दूर होता है, टोने-टोटके का असर नहीं रहता है.
राम नवमी पर इस साल सूर्य, बुध और गुरु मीन राशि में, शनि कुंभ में, शुक्र और राहु मेष राशि में विराजमान हैं. इस दौरान मालव्य, केदार, हंस और महाभाग्य जैसे योग बनेंगे. साथ ही इस दिन इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र रात 10 बजकर 59 मिनट तक है.
गुरु पुष्य योग - 30 मार्च 2023, 10.59 - 31 मार्च 2023, सुबह 06.13
अमृत सिद्धि योग - 30 मार्च 2023, 10.59 - 31 मार्च 2023, सुबह 06.13
गुरुवार - श्रीराम भगवान विष्णु अवतार हैं और गुरुवार का दिन विष्णु जी को अति प्रिय है. ऐसे में राम जन्मोत्सव गुरुवार के दिन होने से इसका महत्व और बढ़ गया है.
सर्वार्थ सिद्धि योग - पूरे दिन
रवि योग - पूरे दिन
राम लला की पूजा का मुहूर्त - 30 मार्च 2023 को सुबह 11:17 - दोपहर 01:46 (अवधि 02 घण्टे 28 मिनट्स)
अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12.01 - दोपहर 12.51
बैकग्राउंड
Happy Ram Navami 2023 Highlight: राम नवमी 30 मार्च 2023 को धूमधाम से मनाई जाएगी. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को भगवान राम का जन्मोत्सव और चैत्र नवरात्रि की महानवमी एक ही दिन होती है. इस दिन नवमी तिथि पर मां सिद्धिदात्री की पूजा के बाद चैत्र नवरात्रि का समापन होता है. राम नवमी पर भगवान श्रीराम के बाल रूप का भव्य श्रंगार किया जाता है. शोभा यात्रा, राम लीला होती है. घरों में रामायण, सुंदरकांड के पाठ किए जाते हैं. वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान राम ने कर्क लग्न में दोपहर 12 बजे जन्म लिया था. ऐसे में श्रीराम का जन्मोत्सव अभिजित मुहूर्त में शुभ माना जाता है. इस बार राम नवमी पर कई ग्रहों का अद्भुत महासंयोग बन रहा है.
राम नवमी 2023 मुहूर्त (Ram Navami 2023 Muhurat)
पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 29 मार्च 2023 को रात 09 बजकर 07 मिनट पर आरंभ हो रही है. नवमी तिथि की समाप्ति 30 मार्च 2023 को रात 11 बजकर 30 मिनट पर होगी. श्रीराम की पूजा के लिए सुबह 11 बजकर 17 मिनट से दोपहर 01 बजकर 40 मिनट का मुहूर्त शुभ रहेगा.
चैत्र नवरात्रि 2023 महानवमी पूजा (Chaitra Navratri 2023 Maha Navami Puja)
चैत्र नवरात्रि के आखिरी दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा कर कन्या पूजन किया जाता है और फिर हवन के बाद व्रत का पारण करते हैं. मान्यता है कि जो नवरात्रि के 9 दिन व्रत-पूजन न कर पाए हो वह नवमी तिथि पर विधि विधान से देवी की उपासना कर लें तो उन्हें नौ दिन की पूजा का फल प्राप्त होता है, इसलिए इसे महानवमी कहा जाता है.
राम नवमी महत्व (Ram Navami Puja Significance)
नवरात्र शक्ति की उपासना के नौ दिन और नौवें दिन ही राम का जन्म, जिन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है. पुराण कहते हैं जो सब जगह व्याप्त है वो राम है. मान्यता है कि राम नवमी पर भगवान राम की पूजा करने से यश और वैभव की प्राप्ति होती है, सर्व कार्य सिद्ध होते हैं और जीवन में सुख समृद्धि हमेशा रहती है. इस दिन राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से जीवन की हर चीजों अनुकूल होने लगती है.
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