Ram Navami 2024: हरि अनंत-हरि कथा अनंता, राम शब्द जितना छोटा है इसकी व्याख्या उतनी ही विशाल
Ram Navami 2024: वाल्मीकि से लेकर तुलसीदास और विद्वानों द्वारा राम नाम की महिमा का बखान किया गया है. भले ही ग्रंथों में राम का नाम सबसे छोटा है, लेकिन राम का नाम जपने के अद्भुत चमत्कार हैं.
Ram Navami 2024: चैत्र शुक्ल की नवमी तिथि को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन बैकुंठ धाम के स्वामी श्रीहरि का अवतरण धरती पर मानव रूप में हुआ था, जिन्हें हम ‘राम’ के नाम से जानते हैं. राम नाम या शब्द जितना छोटा लगता है, इसकी व्याख्या उतनी ही जटिल है. राम नाम में अपार शक्ति समाहित है. केवल राम का नाम लेने भर से ही शरीर में पूरे ब्रह्मांड की शक्तियों का प्रवेश हो जाता है.
हरि अनंत-हरि कथा अनंता
'रा' का उच्चारण करते समय मुख खुलता है और 'म' के उच्चारण के समय मुख बंद होता है. यही शक्तियां शरीर में भी संचारित होती है. इसलिए कहा जाता है कि राम नाम जपने के अद्भुत चमत्कार हैं. इतना ही शास्त्रों में कहा गया है कि जो लोग राम नाम जपते हैं उन्हें मृत्यु पश्चात बैकुंठ की प्राप्ति होती है. ज्योतिष में भी राम नाम से संबंधित कई उपायों के बारे में बताया गया है.
राम नाम को लेकर सार एक है, अर्थ भी है और कथा भी एक. लेकिन सभी के कहने का तरीका अलग है, क्योंकि राम तो सबके हैं. राम के व्यक्तित्व के भी कई आयाम हैं, राम की कथा में वे कभी पुत्र, पति, पिता, भाई, मित्र, योद्धा, राजा लेकर ईश्वर के रूप में जाने गए. पुराणों में भी कहा गया है कि, रमंते सर्वत्र इति राम:- अर्थ है, जो सब स्थान पर व्याप्त है वही राम है. इसलिए पहले ही कहा गया है कि, राम शब्द जितना छोटा है इसकी व्याख्या उतनी ही विशाल...
इसलिए कहा भी जाता है कि, हरि अनंत-हरि कथा अनंता. लेकिन रामनवमी का अवसर भगवान राम के जन्म से जुड़ा है. इस साल रामनवमी का त्योहार बुधवार, 17 अप्रैल 2024 को मनाया जाएगा. रामनवमी के इस शुभ अवसर पर जाएंगे भगवान राम से जुड़ी अहम बातों के बारे में.
मानव रूप में पूजे जाने वाले पहले देवता हैं राम
हिंदू धर्म में कई देवी-देवता हैं. भगवान राम को लेकर कहा जाता है कि, इनका जन्म भगवान विष्णु के 7वें अवतार के रूप में त्रेयायुग में हुआ था. इसलिए भगवान राम मानव रूप में पूजे जाने वाले पहले देवता कहलाते हैं.
सूर्यवंशी हैं राजा राम
भगवान राम का जन्म इक्ष्वाकु वंश में हुआ था. शास्त्रों के अनुसार इक्ष्वाकु वंश की स्थापना भगवान सूर्य के पुत्र राजा इक्ष्वाकु द्वारा की गई थी. इसलिए भगवान राम को सूर्यवंशी राम कहा जाता है.
केवल सीता ही नहीं राम-लक्ष्मण का भी हुआ था अपहरण
इस पौराणिक कथा के बारे में तो लगभग सभी जानते हैं कि, लंकापति रावण ने माता सीता का अपहरण कर लिया था. लेकिन सीता के साथ ही राम और लक्ष्मण का भी अपहरण हुआ था. रावण के भाई अहिरावण ने राम और लक्ष्मण का अपहरण किया था. रामभक्त हनुमान ने अहिरावण का वध कर राम और लक्ष्मण को मुक्त कराया था.
राम ने स्वयं किया पृथ्वीलोक का परित्याग
पौराणिक व धार्मिक कथाओं के अनुसार,जब माता सीता पृथ्वी के भीतर समाहित हो गईं और अपने शरीर का परित्याग कर दिया. तब राम जी ने भी सरयू नदी में जल समाधि ले ली और स्वयं पृथ्वीलोक का परित्याग कर दिया.
रामनवमी पर नहीं खानी चाहिए ये सब्जी
रामनवमी के दिन लगभग सभी हिंदू भगवान राम की पूजा-अराधना करते हैं. इस दिन मांस-मंदिरा का सेवन वर्जित माना जाता है. लेकिन बहुत कम लोग यह जानते हैं कि रामनवमी के लिए लौकी की सब्जी या लौकी से बना कोई भी व्यंजन नहीं खाना चाहिए. क्योंकि शास्त्रों में नवमी के दिन लौकी खाना मांसाहार भोजन खाने के समान माना गया है.
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