Ram Vivah: सीता विवाह के समय राजा जनक ने प्रभु श्रीराम को उपहार में कौन से अस्त्र और शस्त्र दिए, जानें विस्तार से
Ram Vivah: सीता जी के विवाह में राजा जनक ने वरुण देवता से प्राप्त दो दिव्य धनुष, दो दिव्य खड्ग, दो दिव्य कवच और दो दिव्य तरकश प्रभु श्रीराम को भेंट स्वरूप प्रदान किए थे.
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Ram Vivah: भारत वर्ष में लड़की के विवाह में उपहार देने की परंपरा बहुत पुरानी है. मगर आज की तरह यह परंपरा पहले नहीं थी. त्रेतायुग में जब सीता जी का विवाह श्रीराम के साथ हुआ था तब भी राजा जनक ने अनेक बहुमूल्य उपहार दिए थे. लेकिन इन उपहारों में सबसे महत्वपूर्ण उपहार वे अस्त्र-शस्त्र थे जिनको राजा जनक ने श्रीराम को प्रदान किया था. इन्हीं अस्त्र-शस्त्रों की बदौलत श्रीराम रावण जैसे राक्षसों का संहार करने में सफल हो सके थे. आइए जानते हैं कि राजा जनक ने श्रीराम को कौन-कौन से अस्त्र और शस्त्र प्रदान किया था?
वरुण देवता से प्राप्त इन अस्त्र-शस्त्रों को राजा जनक ने दिया था श्रीराम को राजा जनक ने अपनी कन्या सीता के विवाह में जिन अस्त्र-शस्त्रों को उपहार स्वरूप श्रीराम को भेंट किया था उसका विस्तृत उल्लेख वाल्मिकी रामायण में मिलता है. वाल्मिकी रामायण के मुताबिक राजा जनक ने एक यज्ञ किया था. इस यज्ञ से खुश होकर वरुण देवता ने राजा जनक को दो दिव्य धनुष, दो दिव्य खड्ग, दो दिव्य एवं अभेद्य कवच और अक्षय बाणों से युक्त दो दिव्य तरकश राजा जनक को प्रदान किया था. वरुण देवता से प्राप्त इन दिव्य अस्त्र-शस्त्रों को राजा जनक ने अपनी कन्या सीता के विवाह में श्रीराम को भेंट कर दिया था.
अगस्त्य मुनि से प्राप्त बाण से किया था श्रीराम ने रावण का वध वाल्मिकी रामायण में ऐसा भी उल्लेख मिलता है कि श्रीराम को अपने गुरु सहित कई अन्य ऋषि-मुनियों और देवताओं से भी कई तरह के अस्त्र-शस्त्र मिले थे. वहीं सबसे अधिक अस्त्र-शस्त्रों की बात की जाय तो महर्षि विश्वामित्र ने श्रीराम को सबसे अधिक अस्त्र-शस्त्र प्रदान किए थे. वनवास के दौरान अगस्त्य मुनि ने भी श्रीराम को कई तरह के दिव्यास्त्र प्रदान किए थे. श्रीराम को अगस्त्य मुनि द्वारा दिए गए इन्हीं दिव्यास्त्रों में ब्रह्मा जी का वह बाण भी शामिल था जिसके द्वारा श्रीराम ने रावण का वध किया था.
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