Ramadan 2023: 25 मार्च को रोजेदार रखेंगे पहला रोजा, 5 साल बाद रमजान में 5 जुमा का खास संयोग
Ramadan 2023: 24 मार्च से रमजान के पाक महीने की शुरुआत हो चुकी है और 25 मार्च को रमजान का पहला रोजा रखा जाएगा. इस बार रमजान में पांच साल पूरे पांच जुमा भी पड़ेंगे, इसे बहुत अच्छा संयोग माना जा रहा है.
Ramadan 2023 Roza: रमजान का महीना इस्लामिक कैलेंडर का 9वां महीना होने के साथ बहुत ही पाक और अल्लाह की इबादत का महीना होता है. रमजान का महीना 24 मार्च से शुरू हो चुका है और 25 मार्च को कल रमजान का पहला रोजा रखा जाएगा. रमजान में रोजेदार पूरे एक महीने तक रोजा रखते हैं और इसके बाद ईद का त्योहार मनाया जाता है.
रमजान में रोजेदार 29-30 दिनों का रोजा रखते हैं. इसमें लोग सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक भूखे-प्यासे रहकर अल्लाह की इबादत करते हैं. इसलिए अल्लाह भी इस पाक महीने में अपने बंदों पर रहमत अदा करते हैं. वहीं मान्यता है कि रमजान में रोजा रखने से दोजख (नरक) का दरवाजा बंद हो जाता है और जन्नत (स्वर्ग) के रास्ते खुल जाते हैं. कहा जाता है कि रमजान के पाक महीने में ही पैंगबर मोहम्मद साहब को अल्लाह से कुरान की आयतें मिली थी. इसलिए हर मुसलमान के लिए रमजान में रोजा रखने का खास महत्व होता है.
इस बार रमजान पर 5 जुमा
मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए जुमा यानी शुक्रवार के दिन का खास महत्व होता है. मुसलमान के लिए जिस तरह 786 अंक शुभ होता है, उसी तरह शुक्रवार यानी जुमा के दिन को भी ये शुभ मानते हैं. इसलिए जुमा को पढ़ी गई नमाज भी खास मानी जाती है. इस बार रमजान का पहला रोजा भी शुक्रवार के दिन से ही शुरू हो रहा है, जोकि कई मायनों में खास है.
दरअसल इस बार पूरे पांच साल बाद रमजान में पांच जुमा पड़ेंगे. इसे बहुत ही शुभ संयोग माना जा रहा है. भले ही इस बार रमजान में चांद का दीदार करने के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ा. लेकिन इस साल रमजान में पांच जुमा पड़ने से रमजान का महीना और भी खास हो गया.
रमजान में रोजेदारों के लिए जरूरी नियम
रोजा सिर्फ जुबान का नहीं बल्कि ‘नजर’ का भी होता है. इसलिए रोजा में भूखे-प्यासे रहने के साथ ही आत्मनियंत्रण और संयम का भी पालन करें. मुख से बुरे शब्द किसी के लिए भी न निकालें, झूठ न बोलें, गलत काम नहीं करें और ना ही किसी को बुरी नजरों से देखें. रोजेदार के मन में केवल अच्छे विचार ही आने चाहिए
सुबह सूर्योदय से पहले उठकर सहरी के समय पर सहरी करें और दिनभर ज्यादा से ज्यादा अल्लाह की इबादत करें. पांच वक्त की नमाज अदा करें और नेक कामों में समय बिताएं. इसके बाद शाम में मगरीब की अजान के बाद इफ्तार कर रोजा खोलें. रमजान में रोजेदार अगर इन नियमों का पालन करते हैं तो, उन्हें जन्नत नसीब होती है.
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