Ramadan 2023 Moonsighting in India: मुसलमानों के लिए रमजान का महीना बहुत ही पवित्र महीना होता है. इस पूरे महीने लोग सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रोजा (उपवास) रखते हैं और शाम में इफ्तार कर रोजा खोलते हैं. रमजान को इस्लामिक कैलेंडर का नौंवा और बरकत का महीना कहा जाता है. 22 मार्च को चांद का दीदार होने के बाद 23 मार्च को रोजेदार पहला रोजा रखेंगे.


भारत में कब दिखेगा अर्धचंद्राकार चांद


22 मार्च 2023 को आप रमजान के अर्धचंद्राकार चांद का दीदार कर सकते हैं. अगर किसी कारण भारत में चांद दिखाई नहीं देता तो रमजान की शुरुआत और अंत सऊदी में एक चांद देखने वाली समिति द्वारा निर्धारित की जाती है. क्योंकि सऊदी अरब और बाकी खाड़ी देश भारत से एक दिन आगे चलते हैं. बात करें भारत में रमजान के चांद दिखने कि तो, भारतीय समयानुसार, 22 मार्च 2023 को शाम 06:10 पर अर्धचंद्राकार चांद दिखाई देगा. 22 मार्च को चांद दिखाई देने के बाद अगले दिन 23 मार्च को रमजान का पहला रोजा रखा जाएगा. अगर किसी कारण 22 मार्च को चांद दिखाई नहीं देता तो 24 मार्च से रोजे की शुरुआत होगी.



रमजान में अर्धचंद्राकार चांद को देखने का महत्व


रमजान महीने की शुरुआत अर्धचंद्राकार चांद को देखने के बाद ही शुरू होती है जोकि पवित्रता और आत्म-प्रतिबिंब का समय माना जाता है. इसलिए हर साल इस्लामिक कैलेंडर के नौंवे महीने या रमजान की शुरुआत के लिए दुनियाभर के मुसलमान अर्धचंद्राकार चांद का दीदार करते हैं. इस चांद के दीदार के बाद ही इस्लामी संस्कृति का पवित्र महीना रमजान शुरू होता है. इसका कारण यह है कि इस्लामिक कैलेंडर चंद्रमा के इर्द-गिर्द घूमता है. इसलिए इस्लामिक कैलेंडर में चंद्र के चरणों का अनुसरण किया जाता है.


इस्लामी संस्कृति के लिए इस्लामी कैलेंडर को बहुत पवित्र माना गया है. इसलिए चांद देखना और खासकर इस्लामी कैलेंडर के नौवें महीने के रमजान का चांद देखना हर मुसलमान के लिए सवाब का काम होता है. इसे 20 मिनट तक देखा जा सकता है. कभी-कभी तो यह नग्न आंखों से दिखाई भी नहीं देता.  


रमजान के दौरान इन नियमों का करें पालन


रमजान के दौरान रोजा रखना हर मुसलमान का फर्ज होता है. रोजा रखने के दौरान कई नियमों का पालन भी करना पड़ता है. रमजान में रोजेदार सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक पूरे 29 दिनों तक रोजा रखते हैं. इस दौरान वे नमाज, अदा, कुरान पढ़ने और प्रार्थना करने में समय बिताते हैं और अच्छे कर्म करते हैं. मान्यता है कि अन्य दिनों के मुकाबले रमजान में किए गए हर इबादत से 70 गुणा अधिक सवाब मिलता है. यह भी कहा जाता है कि रमजान के महीने में सबसे अधिक दुआएं कबूल होती है. रमजान के पवित्र व पाक महीने का उद्देश्य आध्यात्मिक भक्ति को बढ़ाना और अल्लाह से जुड़ना होता है.


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