Ramadan 2023 Roza Fast Makrooh and Break: मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए रमजान का महीना बहुत ही पवित्र माना जाता है. यह इस्लामिक कैलेंडर का 9वां महीना होता है. इस महीने रोजा रखने, नेक काम करने और अल्लाह की इबादत करने से सवाब मिलता है. रमजान के महीने में रोजेदार पूरे एक महीने रोजा रखते हैं और इसके बाद ईद मनाई जाती है. लेकिन रोजा रखने के कठिन नियम भी होते हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है. क्योंकि जाने-अनजाने में हुई गलती से भी रोजा टूट सकता है और इससे सवाब में कमी आती है.


रमजान के दिनों में रोजेदारों को कई बातों को ध्यान में रखना चाहिए, जिससे की रोजा न टूटा और मकरूह न हो. रोजा रखने वालों के मन में कई तरह की शंका होती है कि, कहीं कुछ गलती हो गई तो रोजा टूट न जाए. आप इस बात को हमेशा याद रखें कि अल्लाह गलती को माफ करते हैं लेकिन गुनाह नहीं. जानते हैं कि किन-किन कामों या कारणों से रोजा नहीं टूटता है.



किन कामों से रोजा नहीं टूटता  



  • रोजेदार को किसी कारण से यह याद न रहे कि उसने रोजा रखा है और वह भूलकवश कुछ खा ले या पी ले तो ऐसे में उसका रोजा नहीं टूटता है.

  • रोजेदारों के आंखों में सुरमा लगाने, बालों में तेल लगाने या किसी तरह की खुशबू लगाने से भी रोजा नहीं टूटता है.

  • अगर आपको किसी परेशानी के कारण उल्टी हो रही है तो भी रोजा नहीं टूटता है. लेकिन जानबूझ कर उल्टी नहीं करनी चाहिए.

  • अगर दांत में कोई भोजन फंस गया हो और उसे बाहर निकालते समय मुंह में उसका स्वाद आ जाए तो भी रोजा नहीं टूटता है.

  • आंख, नाक या कान में दवा डालने से भी रोजा नहीं टूटता है.

  • अगर आप किसी को गले लगाते हैं तो भी रोजा नहीं टूटता है. बशर्ते आपकी नीयत साफ होनी चाहिए.


क्या होता है रोजा का मकरूह होना


रोजा का मकरूह होना वह होता है, जिससे रोजा तो माना जाता है कि लेकिन उससे रोजे का पुण्य फल नहीं मिलता है. जैसे रोजा रखने के दौरान गीले कपड़े पहनने, दांत निकलवाने, मुंह में थूक निकलना, इफ्तार में जल्दी करने आदि जैसे कामों से रोजा तो नहीं टूटता लेकिन रोजा मकरूह हो जाता है.


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