Ramadan First Jumma: सभी धर्म में सप्ताह के किसी दिन को विशेष माना जाता है. बात करें इस्लाम धर्म की तो इस्लाम में अल्लाह की इबादत करने के लिए शुक्रवार यानी जुमा को बेहद खास माना गया है. इस दिन मुसलमानों का नमाज अदा करना जरूरी होता है. खासकर रजमान के पाक महीने में पड़ने वाले जुमे की विशेष अहमियत होती है.
रमजान (Ramadan 2024) को इबादत और बरकत का पाक महीना माना गया है. इस पूरे महीने में मुसलमान रोजा भी रखते हैं. ऐसे में रमजान के महीन में रोजा रखकर जब रोजेदार जुमा की नमाज अदा करते हैं तो अल्लाह उनकी सभी मुरादों को पूरी करता है. इसलिए रमजान के महीने में पड़ने वाले शुक्रवार का महत्व और बढ़ जाता है. बता दें कि इस साल रमजान के महीने में कुल 4 जुमा पड़ेंगे.
रमजान का पहला जुमा 15 मार्च को (First Friday of Ramadan 2024)
इस साल माह-ए-रमजान की शुरुआत 11 मार्च से हुई है और इसकी समाप्ति 9 अप्रैल 2024 को होगी. वहीं रमजान का पहला जुमा कल यानी 15 मार्च को है. इस्लाम में जुमा की नमाजकी खास अहमियत होती है.
खासकर रमजान में पड़ने वाले जुमे का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. रमजान में जुमा की नमाज अदा करने के लिए मुसलमान बड़ी तादाद में मस्जिद पहुंचते हैं और सिर छुकाकर अल्लाह की बंदिगी करते हैं.
जुमे की नमाज का महत्व (Jummah Prayer)
इस्लाम धर्म में रोजाना पांच वक्त की नमाज अदा करना फर्ज माना गया है. लेकिन जुमा की नमाज इसलिए खास मानी गई है, क्योंकि हदीस शरीफ में जुमे की नमाज को लेकर कहा गया है कि, हजरत आदम अलैहिस्सलम को जुमे के दिन ही जन्नत से इस दुनिया में भेजा गया और जन्नत में उनकी वापसी भी जुमे की दिन ही हुई. साथ ही इस्लाम में ऐसी मान्यता है कि, जुमे की दिन अदा की गई नमाज से अल्लाह पूरे हफ्ते की गलतियों को माफ कर देता है.
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