Ramadan 2024 Highlights: भारत में माह-ए-रमजान का आगाज, कल रखा जाएगा पहला रोजा
Ramadan 2024 Highlights: सऊदी अरब में 10 मार्च को रमजान का चांद दिखा और यहां आज यानी 11 मार्च से रमजान की शुरुआत हो चुकी है. भारत और पाकिस्तान में सऊदी में चांद दिखने के एक दिन बाद रमजान शुरू होता है.
ऑल इंडिया मिल्ली उलेमा बोर्ड ने सोमवार को कहा कि, रमजान 1445 के महीने का अर्धचंद्र रविवार को सऊदी अरब में देखा गया था. इसलिए पहला रमजान 1445 कल मंगलवार 12 मार्च 2024 को होगा.
सऊदी अरब में 10 मार्च को रमजान का चांद देखा गया. वहीं भारत में आज चांद नजर आने उम्मीद है. आज रमजान के अर्धचंद्र के दर्शन होते हैं तो भारत में 12 मार्च को माह-ए-रमजान का पहला रोजा रखा जाएगा.
अरब देशों में एक दिन पहले रमजान या ईद का चांद नजर आता है. सऊदी अरब में 10 मार्च को रमजान का चांद देखा गया. ऐसे में भारत में भी आज यानी 11 मार्च को रमजान का चांद नजर आ सकता है. चांद नजर आने के बाद ही आधिकारिक तौर पर रमजान की घोषणा की जाती है.
रमजान करीम का अर्थ होता है, रमजान का पाक महीना आपके लिए उदार हो और इस महीने आपको किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े.
रमजान के पूरे महीने में हर दिन 5 वक्त की नमाज के अलावा रात के समय एक विशेष तरह की नमाज पढ़ी जाती है, जिसे तरावीह कहा जाता है. रमजान का चांद नजर आने के बाद से तरावीह पढ़ने का सिलसिला शुरू हो जाता है.
सिर्फ भूखा-प्यासा रहना ही रोजा नहीं होता, बल्कि रोजा आंख, जुबान और कान का भी होता है. इसलिए रमजान में रोजेदार रोजा के दौरान भूखा-प्यासा रहने के साथ ही गलत काम से दूर रहें, झूठ बोलने से बचें और किसी की बुराई न करें. रोजा में गलत चीजें देखने, सुनने और बोलने से भी रोजा टूट सकता है.
रमजान के महीने में वैसे तो पूरे 29 या 30 दिनों का रोजा रखा जाता है. लेकिन पहला रोजा बहुत खास होता है. रमजान का पहला रोजा इमान की पहल है.
अल्लाहुम्मा अहलिल्हु अलैना बिल-युम्नी वल-ईमान, वस-सलामती वल-इस्लाम, रब्बी वा रब्बुक अल्लाह
रमजान का महीना अर्धचंद्र को देखने के बाद शुरू होता है. यह ऐसा समय होता है जब दुनियाभर के मुसलमान अर्धचंद्र की झलक का बेसब्री से इंतजार करते हैं. पैगंबर मोहम्मद ने चंद्रमा के दर्शन की मांग करने को प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा, महीने (रमजान) के आने से पहले उपवास न करें, जब तक आप चंद्रमा न देख लें या (तीस दिनों की) संख्या पूरी न कर लें.
भारत में रमजान का पहला रोजा 12 मार्च को रखा जाएगा. इस साल पहले रोजे की सहरी सुबह 5 बजकर 04 मिनट पर की जाएगी और इफ्तार शाम 06 बजकर 23 मिनट पर होगा. ऐसे में इस साल पहला रोजा 13 घंटे 19 मिनट का होगा.
सऊदी अरब में रमजान का चांद 10 मार्च को दिखाई देने के बाद वहां रमजान की शुरुआत हो चुकी है और आज 11 मार्च को पहला रोजा रखा गया है. बता दें कि भारत से एक दिन पहले सऊदी में रमजान के रोजे की शुरुआत हो जाती है.
इस्लाम में रोजा का खास महत्व है, क्योंकि रोजा इस्लाम के 5 स्तंभों में एक है. इस्लाम के पवित्र कुरआन (अल-बकरह-184) में अल्लाह का आदेश है कि ‘व अन तसूमू खयरुल्लकुम इन कुन्तुम तअलमून’. यानी रोजा रखना तुम्हारे लिए अधिक भला है अगर तुम जानो.
रमजान का पहला रोजा कब | 12 मार्च 2024 |
रमजान का आखिरी रोजा कब | 09 अप्रैल 2024 |
शब-ए-कद्र | 06 अप्रैल 2024 |
ईद-उल-फितर | 10 अप्रैल 2024 |
आज 11 मार्च को सऊदी अरब समेत संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में रोजा रखा जा रहा है. भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य ऐशियाई देशों में एक दिन बाद रमजान की शुरुआत होती है. ऐसे में भारत में आज यानी 11 मार्च से माह-ए-रमजान की शुरुआत होगी और 12 मार्च को पहला रोजा रखा जाएगा.
बैकग्राउंड
Ramadan 2024 in India Highlights: इस्लाम धर्म में माह-ए-रमजान को बहुत ही पवित्र महीना माना जाता है. इस पूरे महीने मुसलमान सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रोजा रखते और अल्लाह की इबादत करते हैं. बता दें कि रमजान इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना होता है, जिसकी शुरुआत चांद दिखने के बाद होती है.
रमजान का महीना कब शुरू होगा यह शाबान यानी इस्लामिक कैलेंडर के आखिरी दिन चांद देखकर तय किया जाता है. आमतौर पर रमजान का अर्धचंद्र सबसे पहले सऊदी अरब, दुबई और कुछ पश्चिमी देशों में देखा जाता है. इसके एक दिन बाद भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और कुछ अन्य देशों में रमजान की शुरुआत होती है.
भारत में रमजान कब (Ramadan 2024 in India)
सऊदी अरब में बीते दिन 10 मार्च को रमजान का चांद देखा गया और इसके बाद वहां रमजान की शुरुआत हो चुकी है. सऊदी में आज यानी सोमवार को पहला रोजा रखा गया. मजमाह यूनिवर्सिटी एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेटरी द्वारा रमजान चांद दिखने की घोषणा की गई. सऊदी में चांद का दीदार होने के अगले दिन भारत और पाकिस्तान जैसे देशों में चांद नजर आता है. ऐसे में भारत में आज से माह-ए-रमजान की शुरुआत होगी और 12 मार्च से रोजे रखे जाएंगे.
रमजान में रोजा की शुरुआत कैसे हुई
इस्लाम धर्म में रोजा रखने की परंपरा काफी पुरानी है. हालांकि रमजान से सबसे पहले मक्का-मदीना में कुछ विशेष तिथियों जैसे चंद्र महीने की 13,14 और 15 तारीख को रोजा रखे जाते थे, जोकि एक महीने का नहीं होता था. ऐसा इसलिए क्योंकि तब रोजा इस्लाम के 5 फर्जों या स्तंभों में शामिल नहीं था. पैगंबर मोहम्मद के मक्का-मदीना जाने के बाद 624 में कुरआन की आयत के जरिए रोजा को इस्लाम के फर्ज में शामिल किया गया और इसके बाद रमजान में रोजा रखना मुसलमानों के लिए अनिवार्य हो गया.
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