Ramadan 2024: माह-ए-रमजान में इस बार कितने जुमा, जानिए रमजान में जुमा की डेट और नमाज का महत्व
Ramadan 2024: सोमवार 11 मार्च से माह-ए-रमजान की शुरुआत हो चुकी है. रमजान के पूरे महीने में जुमा यानी शुक्रवार के दिन का खास महत्व है. क्योंकि रमजान के महीने में पड़ने वाले जुमा की अहमियत बढ़ जाती है.
Ramadan 2024 Jummah: रमजान इस्लामिक कैलेंडर का 9वां महीना है, जिसे बहुत ही पाक महीना माना गया है. ऐसी मान्यता है कि रमजान में की गई इबादत और नेकी का 70 गुणा अधिक सवाब मिलता है. इस्लाम में जुमा के दिन को खास अहमियत दी गई है. लेकिन पाक माह रमजान में पड़ने वाली जुमा और भी महत्वपूर्ण हो जाती है.
रजमान और इस्लाम में जुमा का महत्व (Ramadan 2024 Jummah Significance)
बता दें कि इस साल रमजान की शुरुआत 11 मार्च से हुई है और 12 मार्च से रोजेदार रोजा रख रहे हैं. बात करें रमजान में पड़ने वाले जुमा की तो, जिस तरह से इस्लाम में रमजान महीने को बहुत पुण्यदायी और पाक (पवित्र) माना गया है, उसी तरह रमजान में पड़ने वाले जुमा को भी अन्य दिनों की अपेक्षा खास माना जाता है.
हदीस शरीफ में जुमा के दिन अदा की जाने वाली नमाज को लेकर कहा गया है कि, अल्लाह ने हजरत आदम अलैहिस्सलम को जुमे के दिन ही बनाया था और इसी दिन आदम ने जन्नत में पहली बार कदम रखा था.
साथ ही हदीस ने यह भी कहा है कि, जुमे के दिन सभी मस्जिद के दरवाजों पर फरिश्ते खड़े रहते हैं. ऐसे में अल्लाह के जो बंदे जुमा की नमाज के लिए मस्जिद आते हैं फरिश्ते उनके नाम लिखते हैं.
जिस तरह हिंदू धर्म में सप्ताह के कुछ विशेष दिनों को शुभ माना गया है, ईसाई में रविवार के दिन को शुभ माना जाता है. ठीक इसी तरह इस्लाम में जुमा का दिन और जुमे की नमाज का खास महत्व है. रमजान में पड़ने वाले हर जुमा को रोजेदार मस्जिद में नमाज अदा करते हैं. वहीं महिला रोजेदार घर पर ही सिर झुकाकर अल्लाह की बंदिगी करती हैं.
इस बार रमजान में कितने जुमा (Ramadan Jummah Date List)
इस बार रमजान की शुरुआत 11 मार्च से हुई है और इसकी समाप्ति 9 अप्रैल को होगी. वहीं 10 अप्रैल को ईद (Eid 2024) का त्योहार मनाया जाएगा. ऐसे में इस साल रमजान के महीने में कुल 4 जुमा पड़ेंगे. जानिए रमजान में पड़ने वाले जुमा की तारीखें-
जुमा नमाज के नियम (Jummah Namaz Rules)
- जुमे की नमाज बिना नहाए नहीं पढ़नी चाहिए. जुमा की नमाज से पहले शरीर को पाक-साफ कर लें.
- नहाने के साथ ही जुमा के दिन दांत साफ करना भी जरूरी माना गया है. इसे इस्लाम में सिवाक कहा जाता है.
- जुमे की नमाज के दिन पुरुषों को मस्जिद जरूर जाना चाहिए. साथ ही इस दिन इत्र, टोपी और आंखों में सुरमा भी लगाना चाहिए.
- जुमा की नमाज के बाद गरीब या जरूरतमंदों को अपनी क्षमतानुसार कुछ दान जरूर करें, इससे सवाब मिलता है.
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