(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ramadan 2024: माह-ए-रमजान में होते हैं 3 अशरे, जानिए इस्लाम में क्या है इनका महत्व
Ramadan 2024: इस्लाम (Islam) के पाक महीने रमजान को तीन भागों में बांटा गया है, जिसका विशेष महत्व होता है. इन्हें तीन अशरा कहा जात है. आइये जानते हैं क्या है रमजान (Ramzan) के 3 अशरे और इसका महत्व.
Ramadan 2024: माह-ए-रमजान इस्लाम का सबसे पवित्र महीना माना गया है, जोकि मुसलमानों के लिए खास महत्व रखता है. शाबान माह (इस्लामिक कैलेंडर का आठवां महीना) के आखिरी दिन चांद का दीदार होने के बाद रमजान महीने की शुरुआत होती है. इस साल रमजान का महीना 11 मार्च 2024 से शुरू होगा. रमजान का महीना 30 दिनों का होता है और पूरे महीने मुसलामन रोजा रखते हैं.
माह-ए-रमाजन में होते हैं 3 अशरे (Ramadan 2024 Three Ashras)
रमजान महीने के 29 या 30 दिनों को तीन भागों में बांटा गया है, जिसे अशरा कहा जाता है. इस तरह से रमजान में पहला अशरा, दूसरा अशरा और तीसरा अशरा होता है. बता दें कि अरबी में अशरा का मतलब 10 (Ten) है. इस तरह से रमजान के महीने का पहला अशरा 1-10 दिनों का, दूसरा असर 11 से 20 दिनों का आखिरी यानी तीसरा अशरा 21 से 30 दिनों का होता है. इन्हीं तीन भागों में बंटे 30 दिनों को तीन अशरा कहा जाता है.
रमजान के तीन अशरे का महत्व (Ramadan Three Ashras Importance in Islam)
रमजान के 30 दिनों को 3 अशरों में बांटा गया है. इसमें पहला अशरा रहमत, दूसरा असरा मगफिरत (गुनाहों की माफी) और तीसरा अशरा जहन्नुम की आग से खुद को बचाने के लिए होता है. ऐसी मान्यता है कि रमजान के पहले अशरे में जो लोग रोजा रखते हैं और नमाज अदा करते हैं उनपर अल्लाह की रहमत होती है. दूसरी अशरे में मुसलामन अल्लाह की इबादत करते हैं और अल्लाह उनके गुनाहों को माफ कर देते हैं. वहीं आखिरी और तीसरे अशरे की इबादत और रोजा से जहन्नुम या दोजख से खुद को बचाया जा सकता है. इस तरह से इस्लाम में रमजान के तीन अशरे का महत्वपूर्ण बताया गया है.
रमजान में क्या करें क्या नहीं (What to do and not in Ramadan)
- रमजान के पाक महीने में ज्यादा से ज्यादा समय अल्लाह की इबादत, धार्मिक किताबों का पाठ और नेक कामों में बिताएं.
- इसलिए रमजान में इबादत, तिलावत, जिक्र, तौबा और इस्तेगफार आदि करें.
- कुरआन हदीस में जिन कामों को करना मना है, उन्हें रमजान के महीने में बिल्कुल न करें.
- माह-ए-रमजान में खैर का काम, नेकी, सदका, जकात, खैरात, मदद जैसे कामों को मुख्तसर तौर पर करें.
- शरीअत के अनुसार जिन कामों को हराम माना गया है, उन कामों को रमजान के महीने में करने से बचें.
- रमजान में 5 वक्त की नमाज जरूर अदा करनी चाहिए. इस महीने किए इबादत का 70 गुना सवाब मिलता है.
- रमजान में झूठ बोलने, बेजुबानों को सताने, चुगली करने जैसे कामों से बचें.
ये भी पढ़ें: Ramadan 2024: रमजान कब से शुरू, इस बार कितने घंटे का होगा पहला रोजा, नोट करें सहरी-इफ्तार का समय
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.