Ramadan 2033 Moon Sighting Highlights: आज नहीं हुआ रमजान के चांद का दीदार, अब 24 को रोजेदार रखेंगे रोजा

Ramadan 2033 Moon Sighting Highlights: मुसलमानों के लिए रमजाम इस्लामिक कैलेंडर का नौंवा और पाक महीना होता है. इसमें रोजेदार पूरे महीने रोजा रखते हैं. चांद दिखाई देने के अगले दिन रोजेदार रोजा रखते हैं.

ABP Live Last Updated: 23 Mar 2023 06:56 PM
रमजान के पहले दिन क्या करें?

रमजान का पहला रोजा खोलने के लिए सबसे पहले तीन खजूर खाकर रोजा खोलें. इफ्तार या सहरी के बाद प्रार्थना जरूर करें और प्रत्येक दिन पांच बार नमाज पढ़ें.

रमजान की चांद से लेकर ईद की चांद कर पढ़ी जाती है तरावीह

यह नमाज रमजान के चांद दिखने से लेकर ईद का चांद दिखने तक हर रोज पढ़ी जाती है. तरावीह नमाज ईशा की नमाज के बाद होती है और इसमें 20 रकात नमाजें है. हर दो रकात के बाद सलाम फेरा जाता है. 10 सलाम में 20 रकात होती हैं. वहीं हर 4 रकात के बाद दुआ पढ़ी जाती है. इसमें नमाजी अल्लाह से दुआ मांगते हैं. एक नमाज में पांच बार दुआ पढ़ी जाती है.

इस बार रमजान में पड़ेंगे 5 जुमा

इस बार रमजान में पांच जुमा होंगे. इस साल का पहले रोजे की शुरुआत ही जुमा के दिन से होगी, दूसरा जुमा  31 मार्च, तीसरा जुमा 7 अप्रैल, चौथा जुमा 14 अप्रैल और आखिरी जुमा 21 अप्रैल को पड़ेगा

रमजान के पहले रोजे की सहरी और इफ्तार का समय

शुक्रवार 24 अप्रैल को रमजान का पहला रोजा रखा जाएगा. सुबह 05:01 पर सहरी की जाएगी और शाम में इफ्तार 06:37 पर होगा.

Happy Ramadan 2023

ऐ चांद उनको मेरा पैगाम कहना,
खुशी का दिन और हंसी की हर शाम कहना,
जब वो देखें बाहर आकर तो उनको मेरी तरफ से
मुबारक हो रमजान कहना.

चांद की पहली दस्तक के साथ कहें ‘रमजान मुबारक’

सुनहरी धूप के बाद बरसात
थोड़ी सी हंसी हर बात के बाद,
उसी तरह रमजान मुबारक हो
पिछले रमजान के बाद


रजमान की मुबारकबाद...

रमजान में जुबान के साथ ‘नजर’ का भी होता है रोजा

रोजा रखने के लिए सहरी और इफ्तार के नियमों का पालन करना चाहिए और पूरे दिन कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए. लेकिन इसी के साथ नजर का रोजा भी मकरूह न हो इसका ध्यान रखें. इसलिए रोजा में किसी को गलत निगाहों से नहीं देखना चाहिए. इससे भी रोजा टूट सकता है.

भारत में कब दिखेगा चांद?

22 मार्च को रमजान का चांद नजर नहीं आया. अब ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि गुरुवार को चांद नजर आ सकता है. वहीं प्रमुख मुस्लिम संस्थाओं की ओर से ऐलान किया गया कि, जुम्मा यानी शुक्रवार के दिन से रोजा की शुरुआत होगी. ऐसे में पहली रमानुकूल मुबारक 24 मार्च को होगी.

रमजान में रोजे में कठिन नियम

  • सेहरी से लेकर इफ्तार के बीच किसी भी चीज का सेवन नहीं करते .

  • बुरी आदतों को भी छोड़ना पड़ता है. 

  • रोजे में बुरे विचार भी दिमाग में नहीं लाने चाहिए, इसे आंख, कान और जीभ का रोजा कहते हैं.

  • अगर आपने रोजा रखा है और आप दांत में फंसे खाने को निगल गए तो भी रोजा टूट जाता है. 

रमजान में न करें ये काम

रमजान में संगीत सुनना, धूम्रपान करना, अवैध गतिविधियों के बारे में सोचना और लड़ाई-झगड़ा करने की अनुमति नहीं है.

इफ्तार क्या होता है

रजमान में रोजा खोलते समय खाए जाने वाले पहले भोजन को इफ्तार कहते हैं. अधिकतर लोग खजूर से ही रोजा खोला हैं.

रोजा को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद की घोषणा

जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से ट्वीट किया गया कि, ''इमारत-ए-शरिया हिंद द्वारा घोषणा की गयी है कि रमजान का पहला दिन शुक्रवार 24 मार्च, 2023 से शुरू होगा. भारत में बुधवार शाम को रमजान का चांद नहीं देखा गया. इसलिए रमजान का पाक महीना आधिकारिक तौर पर शुक्रवार यानी जुमा के दिन से शुरू होगा.''

क्या होती है सहरी?

रोजा के लिए सुबह सूर्योदय से पहले फज्र की अजान के साथ सहरी ली जाती है. रमजान में सूर्योदय पहले खाने वाले भोजन को ही ‘सहरी’ कहा जाता है. रमजान शुरू होने के पहले ही पूरे महीने के लिए सहरी करने का समय भी निर्धारित कर दिया जाता है. इसी समय के अनुसार सहरी करनी होती है और पूरे दिन रोजा रखा जाता है.  

रमजान के पाक महीने में करें ये नेक काम

अल्लाह ताला ने आपको अगर इतना सामर्थ्य बनाया है कि आप दूसरों की मदद कर सकें तो रमजान के महीने में गरीब और जरूरतमंदों में सहरी और इफ्तार के लिए फल, भोजन, खजूर या जूस आदि का दान करें. इससे नेक काम रमजान में कुछ भी नहीं.  

रमजान में इन पैसों से कभी न करें सहरी और इफ्तार

रमजान में इफ्तार और सहरी हमेशा ही मेहनत और ईमानदारी से कमाए गए पैसों से करनी चाहिए. गलत काम या बेईमानी से कमाए पैसों से सहरी और इफ्तार करने वाले को अल्लाह कभी मांफ नहीं करते.

रमजान में क्यों पढ़ते हैं तरावीह की नमाज

तरावीह वह नमाज है, जिसे रमजान के दौरान ही पढ़ा जाता है. चांद रात यानी चांद दिखने के दिन से ही इसकी शुरुआत हो जाती है और आखिरी रमजान तक इसे पढ़ा जाता है. तरावीह की नमाज सुन्नते मोक्किदा होती है. इसे मर्द और औरत दोनों पढ़ते हैं. रमजान में तरावीह न पढ़ना गुनाह माना जाता है.

रमजान में क्यों रखा जाता है रोजा

रमजान में रोजा रखने का उद्देश्य लोगों को अल्लाह की इबादत के करीब लाना है. रमजान में रोजे के दौरान ऐसे नियम होते हैं, जिससे कि लोग अधिक से अधिक समय अल्लाह की इबादत कर सके.

रमजान के पाक महीने में इन 5 बातों का रखें ध्यान

  • सही समय पर सहरी और इफ्तार करें.

  • पांच वक्त की नमाज अदा करें.

  • रमजान के महीने में तरावीह की नमाज, ईशा नमाज के बाद पढ़ें.

  • इस पाक महीने में कोई भी ऐसा काम न करें जिससे दूसरे को दुख हो.

  • रमजान के महीने में अधिक से अधिक अल्लाह की इबादत करें.

इसलिए खास है रमजान का महीना

रमजान इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना होता है, जिसे बहुत ही पाक महीना माना गया है. मान्यता है कि, रमाजान के महीने में ही पैगंबर मोहम्मद साहब को खुदा से कुरान की आयतें मिली थीं. इसलिए रमजान में रोजा रखकर लोग अल्लाह का शुक्रिया और इबादत करते हैं.

रमजान पर क्यों जरूरी है चांद का दीदार?

हिंदू पंचांग में जिस तरह से सूर्योदय या उदयातिथि के अनुसार व्रत-त्योहार तय किए जाते हैं. ठीक इसी तरह इस्लामिक कैलेंडर में चांद का महत्व होता है और इसी के आधार पर त्योहार तय होते हैं. रमजान के साथ ही कई त्योहार मनाने से पहले चांद देखा जाता है. अगर किसी कारण चांद दिखाई नहीं देता तो उस महीने की तारीख ए कमरी के आधार पर त्योहार मनाया जाता है.

2023 में ईद के लिए तय हुई ये तारीख?

रमजान का चांद नजर आने के बाद 29 या 30 रोजा मुकम्मल होने के बाद ईद का त्योहार मनाया जाता है. लेकिन पाकिस्तान की चांद कमेटी के सेकरेटरी जरनल खालिद एजाज मुफ्ती ने पहले ही ईद के लिए 22 अप्रैल 2023 की तारीख तय कर दी है. 

इस बार साढ़े तेरह घंटे का होगा पहला रोजा

22 मार्च को अगर चांद नजर आ जाता है तो रमजान के मुबारक महीने की शुरुआत हो जाएगी. इस बार रमजान का पहला रोजा करीब साढ़े तेरह घंटे और आखिरी रोजा साढ़े चौदह घंटे का होगा.

रमजान 2023 कब से कब तक?

आज बुधवार 22 मार्च 2023 को अगर चांद दिखता है तो रमजान की शुरुआत हो जाएगी और इसका समापन 21 अप्रैल 2023 को होगा. मक्का में 23 मार्च को पहला रोजा रखे जाने की संभावना है.

चांद दिखते ही कहें रमजान मुबारक

ऐ माह-ए-रमजान आहिस्ता चल,
अभी काफी कर्ज चुकाना है,
अल्लाह को करना है राजी,
और गुनाहों को मिटाना है,
ख्वाबों को लिखना है और
रब को मनाना है.
रमजान 2023 की मुबारकबाद!

23 मार्च ये शुरू होगा रमजान का महीना

मंगलवार 21 मार्च को चांद का दीदार नहीं हो पाया. ऐसे में रमजान का महीना 23 मार्च से शुरू होगा और पहला रोजा भी इसी दिन से रखा जाएगा.

भारत में कब दिखेगा रमजान का चांद

जानकारों का ऐसा दावा है कि बुधवार को चांद दिखाई दे सकता है. ऐसे में भारत में रोजे की शुरुआत गुरुवार यानी 23 मार्च के दिन होगी

रमजान मुबारक संदेश

रमजान में तमन्नाएं आपकी सब पूरी हो जाएं,
आपका मुकद्दर हो इतना रौशन कि
आमीन कहने से सारी दुआएं कबूल हो जाएं.
रमजान मुबारक 2023

रमजान में सहरी और इफ्तार का महत्व

रमजान में सहरी और इफ्तार का बहुत महत्व होता है. रोजेदार को सही समय पर सहरी और इफ्तार करनी चाहिए. सूर्योदय से पहले किए गए भोजन को सेहरी कहते हैं और सूर्योदय के बाद रोजा खोलते समय किए गए भोजन को इफ्तार कहा जाता है. सेहरी करने के बाद पूरे दिन कुछ भी खाना-पीना वर्जित होता है. शाम में नमाज पढ़ने और सूर्योदय होने पर इफ्तार किया जाता है.

22 या 23 मार्च कब रखा जाएगा रोजा

भारत में 22 मार्च को चांद दिखने की संभावना जताई जा रही है. 22 मार्च को चांद दिखाई देता है तो 23 मार्च से रमजान का रोजा शुरू हो जाएगा.

बरकत और रहमत का महीना है रमजान

मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए रमजान का महीना बहुत पाक होता है. इसे अल्लाह की इबादत, बरकत और रहमतों का महीना कहा जाता है.

आज नहीं दिखेगा रमजान का चांद!

मुख्य खगोलशास्त्री डॉ अब्दुल्ला खुदैरी: "वैज्ञानिक आंकड़ों के अनुसार, आज शाम को अर्धचंद्र देखना असंभव होगा"





चांद के दीदार के लिए आसमान में है सभी की नजरें

रमजान का चांद देखने के लिए लोगों नजरें आसमान की ओर ही है. आंखें प्रतीक्षा कर रही है, कान चांद मुबारक की खबर सुनने को उत्सुक है और दिल में खुशी है.

3 अशरों में बांटा गया है रमजान का रोजा

रमजान में पूरे महीने रोजे के लिए 30 दिन को 3 अशरों यानी भागों में बांटा गया है. पहले 10 दिन का रोजा रहमत, दूसरे 10 दिन का रोजा बरकत और आखिर 10 दिन का रोजा मगफिरत कहलाता है.

बैकग्राउंड

Ramadan 2033 Moon Sighting Highlights: मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए रमजान (Ramadan) का महीना बहुत ही पवित्र माना जाता है. इस पूरे महीने लोग रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं. रमजान की शुरुआत अर्धचंदाकार चांद दिखाई देने के बाद से शुरू हो जाती है.


आज 21 मार्च 2023 को अगर चांद दिखाई देता है तो कल यानी 22 मार्च को रमजान का पहला रोजा रखा जाएगा. वहीं अगर आज चांद दिखाई नहीं देता तो 23 मार्च से रमजान का रोजा रखा जाएगा. भारत में अगर किसी कारण चांद दिखाई नहीं देता तो रमजान की शुरुआत और अंत सऊदी में एक चांद देखने वाली समिति द्वारा भी निर्धारित की जाती है. चांद दिखाई देने के बाद रमजान के रोजे की शुरुआत हो जाती है और लोग एक दूसरे को ‘चांद मुबारक’ या ‘रमजान मुबारक’ कहते हुए बधाई देते हैं.



रोजा रखना हर मुसलमान के लिए जरूरी माना जाता है. रमजान महीने का उद्देश्य आध्यात्मिक भक्ति को बढ़ाना और अल्लाह से जुड़ना होता है. मान्यता है कि रमजान के दिनों में रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करने का फल अन्य दिनों के मुकाबले 70 गुणा अधिक मिलता है. लेकिन गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग, बीमार लोग और बहुत छोटे बच्चों को रोजा न रखने की छूट होती है. रमजान में लोग सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रोजा रखते हैं. रोजा शुरू करने से पहले सहरी की जाती है और रोजा खोलने के लिए इफ्तार किया जाता है.रमजान के पहले रोजा के लिए सहरी का समय 04:38 पर है और इफ्तार के लिए शाम 06:20 का समय है. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि शहर के अनुसार सेहरी और इफ्तार के समय में थोड़ा अंतर होता है.


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