Ramayan: मेघनाथ जिसे इंद्रजीत भी कहा जाता है. उसके पास कई मायवी शक्तियां थी जिसे उसने अपने तप के बल पर हासिल किया था. राम-रावण के युद्ध में जब वह रणभूमि में उतरा तो उसने भगवान राम की सेना हजारों सैनिकों को मार दिया. लक्ष्मण उसे रोकने के लिए आए तो उसने लक्ष्मण जी पर शक्ति अस्त्र से प्रहार किया. जिससे वह मूर्छित होकर गिर पड़े.


दूरदशर्न पर पुन: प्रसारित की जा रही है रामायण में लक्ष्मण और मेघनाथ युद्ध की खूब चर्चा हो रही है. मेघनाथ रावण का पुत्र था और बहुत शक्तिशाली था. उसने जब लक्ष्मण को शक्ति अस्त्र से मूर्छित कर दिया तो राम की सेना में शोक की लहर फैल गई. स्वयं प्रभु श्रीराम दुखी हो गए. लक्ष्मण को स्वस्थ्य करने के कई प्रयास किए गए लेकिन वे सभी असफल साबित हुए. तब वैद्य सुषेण ने इसका उपाय बताया और कहा कि लक्ष्मण को तभी ठीक किया जा सकता है जब इन्हें संजीवनी बूटी का सेवन कराया जाए.


सुषेण लंकापति रावण के राजवैद्य थे. जिन्हें हनुमान लंका से भवन सहित उठा लाए थे. सुषेण वैद्य ने बताया कि हिमालय के मंदार पर्वत पर संजीवनी बूटी है. अगर ये संजीवनी बूटी मिल जाए तो लक्मण जी को होश में लाया जा सकता है. बूटी लाने के लिए हनुमान जी ने भगवान राम से तुरंत ही आज्ञा ली. सुषेण ने हनुमान जी को बूटी का रंग-रूप और पहचान सभी के बारे में जानकारी दे दी.


हनुमान जी उड़ कर मंदार पर्वत पहुंचे. लेकिन वहां एक ही तरह की लाखों जड़ी-बूटियाँ देख कर भ्रमित हो गए.उन्हें जब कुछ समझ में नहीं आया तो वे समूचा पर्वत ही उखाड़ कर ले आए. समय सीमा के भीतर हनुमान संजीवनी बूटी को ले आए. इसके बाद सुषेण वैद्य ने बूटी से दवा तैयार कर लक्ष्मण को दी जिससे वह तुरंत ही स्वस्थ्य हो गए और पहले से भी अधिक शक्ति का अनुभव करने लगे. इसके बाद वे मेघनाथ से पुन: युद्ध के लिए तैयार हो गए.


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