Rangbhari Ekadashi 2024: रंगभरी एकादशी कब? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Rangbhari Ekadashi 2024: पंचांग अनुसार 20 मार्च 2024 को रंगभरी एकादशी है. हिंदू धर्म में रंगभरी एकादशी का विशेष महत्व है. इसे आमलकी एकादशी भी कहा जाता है. जानते हैं इस दिन का महत्व और पूजा विधि.
Rangbhari Ekadashi 2024: फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरी एकादशी (Rangbhari Ekadashi) के नाम से जाना जाता है. इस दिन को आवंला एकादशी (Amala Ekadashi) या आमलकी एकादशी (Amlaki Ekadashi) भी कहा जाता है.
साल 2024 में रंगभरी एकादशी 20 मार्च, बुधवार के दिन पड़ रही है. आमलकी एकादशी महाशिवरात्रि और होली के बीच पड़ती है. आइये जानते हैं इस दिन का शुभ मुहूर्त.
रंगभरी एकादशी 2024 तिथि (Rangbhari Ekadashi 2024 Tithi)
- एकादशी तिथि प्रारम्भ - मार्च 20, 2024 को 00:21 बजे
- एकादशी तिथि समाप्त - मार्च 21, 2024 को 02:22 बजे
पंचांग अनुसार रंगभरी एकादशी का व्रत 20 मार्च 2024 को रखा जाएगा. आमलकी एकादशी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की जाती है.
पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भोलेनाथ विवाह के बाद माता पार्वती को लेकर काशी आए थे और माता पार्वती को गुलाल अर्पित किया था. इसलिए इस दिन रंगभरी एकादशी के नाम से जाना जाता है. रंगभरी एकादशी को काशी (Varanasi) में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन से होली की विधिवत शुरूआत मानी जाती है. शिवभक्तों के लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है. वाराणसी में इस दिन भगवान भोलेनाथ भस्म से होली खेलते हैं. यह होली मसाने की होली के नाम से जग प्रसिद्ध है.
रंगभरी एकादशी को काशी में उत्सव के रूप में मनाने की परंपरा है. इस दिन काशी में बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती का स्वागत किया जाता है और सवारी निकाली जाती है. जिसमें शिव के गण साथ भस्म से होली खेलते हुए निकलते हैं. जगह-जगह गुलाल और फूलों से भव्य स्वागत किया जाता है. कहते हैं कि इस दिन भोलेनाथ की आराधना करने से आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है, जीवन में खुशहाली बनी रहती है. अगर इस एकादशी पर आप काशी नहीं जा पा रहे तो इस दिन भोलनाथ की पूजा घर में कैसे करें आइए जानते हैं-
रंगभरी एकादशी पर कैसे करें शिव जी की पूजा विधि (Puja Vidhi)
- इस दिन शिव जी को जल जरूर चढ़ाएं.
- इस दिन शिवलिंग पर अबीर, गुलाल, चंदन और बेलपत्र चढ़ाएं.
- शिवलिंग पर चंदन लगाएं और बेलपत्र और जल अर्पित करें.
- आखिर में अबीर और गुलाल अर्पित कर प्रार्थना करें.
रंगभरी एकादशी और आंवले का संबंध
- रंगभरी एकादशी पर आंवले के पेड़ की भी उपासना भी जाती है.
- इस दिन आंवले का विशेष प्रयोग पूजा में किया जाता है.
- अच्छी सेहत और सौभाग्य प्राप्ति के लिए पूजा करें. इसलिए इसे आमलकी एकादशी भी कहते हैं.
- आमली एकादशी पर आप भोलेनाथ और भगवान विष्णु दोनों की कृपा प्राप्त कर सकते हैं.
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