Ravidas Jayanti 2024 Wishes, Quotes: 24 फरवरी 2024 को माघ पूर्णिमा पर रविदास जयंती मनाई जाएगी. वैसे तो संत रविदास जी के जन्म को लेकर कई मत हैं लेकिन संत रविदास का पूरा जीवन काल 15वीं से 16वीं शताब्दी के बीच (1450 से 1520 तक) माना जाता है.


संत गुरु रविदास जी उन महान संतों में से एक हैं जिन्होंने समाज में फैली बुराईयों और कुरूतियों को दूर करने के लिए हमेशा जातिवाद को त्यागकर प्रेम से रहने की शिक्षा दी. रविदास जी के अनमोल विचार आज भी लोगों को प्रेरित कर रहे हैं. जानें रविदास जी के कोट्स


इस दोहे में रविदास जी कहते हैं अगर आपके मन में किसी के प्रति बैर भाव, लालच या द्वेष नहीं है तो आपका मन ही भगवान का मंदिर है. ऐसे पवित्र विचारों वाले मन में प्रभु सदैव निवास करते हैं.


किसी की पूजा सिर्फ इसीलिए नहीं करना चाहिए क्योंकि वह किसी ऊंचे पद पर है. इसकी बजाय ऐसा व्यक्ति पूजनीय होना चाहिए जो भले ही ऊंचे पद पर न हो लेकिन उसमें गुण हो.


रविदास जी कहते हैं कर्म ही हमारा धर्म है और इससे मिलने वाला फल हमारा सौभाग्य.


कोई भी व्यक्ति किसी जाति में जन्म के कारण नीचा या छोटा नहीं होता है. व्यक्ति के कर्म उसे निम्न स्तर का बनाते हैं.


रविदास जी ने इस दोहे में बताया है कि भगवान की भक्ति में ही सरल जीवन की सच्चाई छिपी है. यदि भगवान चंदन हैं तो भक्त पानी है. जैसे चंदन की सुगंध पानी के बूँद-बूँद में समा जाती है वैसे ही प्रभु की भक्ति भक्त के अंग-अंग में समा जाती है.


जिस जाति से मनुष्य का मनुष्य से बंटवारा हो जाये तो फिर जाति का क्या लाभ. ऐसे में व्यक्ति को जातपात के विचारों से दूर रहकर कर्म करना चाहिए.


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